Source :- LIVE HINDUSTAN
Vaginal Steaming: पुराने समय से ही वजाइना में भाप लेने का चलन है। जानें क्या है वजाइनल स्टीमिंग। इससे होने वाले फायदे और साइड इफेक्ट।
दादी-नानी के समय से ही महिलाओं को डिलीवरी के बाद वजाइना में भाप देने का चलन है। महिलाओं का मानना है कि इससे क्रैम्प कम होता है और साथ ही यूटरस साफ होता है। लेकिन इस बारे में साइंटिफिक प्रूफ नही हैं। ऐसे में जानना जरूरी है कि महिलाओं के बीच विदेशो में फेमस वजाइनल स्टीमिंग कहां तक सेफ है और इसे कैसे किया जा सकता है।
क्या है वजाइनल स्टीमिंग
वजाइनल स्टीमिंग इंटीमेट एरिया में स्टीम देने का प्रोसेस है। जिसमे पानी में खास तरह के हर्ब्स को मिलाकर स्टीम बनाया जाता है। जिसे सीधे वजाइना में दिया जाता है। इस प्रोसेस को वी स्टीमिंग या योनि स्टीमिंग भी कहते हैं।
पुराने समय से है चलन
काफी पुराने समय से ही वजाइना में भाप लेने का चलन है। दादी-नानी का मानना था कि ऐसा करने से पीरियड्स क्रैम्प कम होते हैं और पेट फूलने की समस्या भी खत्म होती है। साथ ही डिलीवरी के बाद होने वाले वजाइना के दर्द में राहत मिलती है। साथ ही ये इंटीमेट एरिया की सफाई में भी मदद करता है। इंफेक्शन, बवासीर, स्ट्रेस, हार्मोनल इंबैलेंस की समस्या को खत्म करने में ये मदद करता है। ये एक नेचुरल रेमेडी है लेकिन इसके ऊपर कोई खास स्टडी नही है।
कैसे की जाती है वजाइनल स्टीमिंग
वजाइनल स्टीमिंग करने के लिए पानी में खास तरह के हर्ब्स को डालकर पानी में उबाला जाता है। फिर इस तरह से बैठना होगा कि भाप वजाइना तक पहुंचे। स्पा वगैरह में खास तरह की कुर्सी को वी स्टीमिंग के लिए तैयार किया जाता है। इस भाप में ये खास तरह की हर्ब्स का इस्तेमाल होता है।
कैमोमाइल
कैलेनडुला
बेसिल या तुलसी
ऑरिगेनो
वजाइनल स्टीमिंग के नुकसान
भले ही वी स्टीमिंग के फायदे बताए जा रहे लेकिन इसके कुछ नुकसान भी है। स्टीमिंग के दौरान पानी ज्यादा गर्म होने पर भाप से जलने का डर होता है। वहीं कई बार इंटीमेट एरिया में भाप के गीलेपन से बैक्टीरिया पनपने लगते हैं। रोजाना स्टीम लेना हार्मफुल हो सकता है। किसी खास तरह के हर्ब्स की वजह से एलर्जी होने का भी डर होता है। वहीं डॉक्टर कई बार इस तरह की स्टीमिंग के लिए मना भी करते हैं।
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