Source :- BBC INDIA
बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफ़ी के तीसरे टेस्ट के बाद रविचंद्रन अश्विन के संन्यास के बाद बीसीसीआई चयनकर्ताओं ने उनकी जगह मुंबई के ऑफ़ स्पिनर तनुष कोटियन को ऑस्ट्रेलिया भेजा है.
जब उनके चयन की ख़बर सामने आयी तब 26 साल के कोटियन अहमदाबाद में विजय हज़ारे ट्रॉफ़ी में खेल रहे थे.
उन्हें इस बात का अंदाज़ा कतई नहीं रहा होगा कि इस तरह अचानक राष्ट्रीय टीम के लिए बुलावा आ जाएगा.
लेकिन ज़ाहिर है कि उन्हें वह मौक़ा मिलने जा रहा है जिसका सपना हर क्रिकेटर देखता है.
कौन हैं तनुष कोटियन
आख़िर कौन हैं ये तनुष कोटियन जिन्हें अक्षर पटेल और कुलदीप यादव को नज़रअंदाज़ कर टेस्ट टीम में शामिल किया गया है.
दरअसल कोटियन मुंबई के बॉलिंग ऑलराउंडर हैं. कोटियन दाएं हाथ के बल्लेबाज़ और ऑफ़ स्पिनर हैं. उन्हें मुंबई का रविचंद्रन अश्विन कहा जाता रहा है.
ख़ुद कोटियन अपनी गेंदबाज़ी की ताक़त अश्विन की तरह अपनी गति और विविधता को मानते हैं. वह 85 से 90 किलोमीटर की रफ़्तार से गेंद फेंक कर टर्न और बाउंस हासिल करते हैं.
शायद इसलिए भी क्योंकि स्कूल के दिनों में वह तेज़ गेंदबाज़ी करते थे. तनुष कोटियन के पिता विक्रोली में क्रिकेट एकेडमी चलाते हैं.
ज़ाहिर है क्रिकेट का ककहरा पिता से ही सीखा है. उनके माता-पिता, करुणाकर कोटियन और मल्लिका कोटियन मूल रूप से कर्नाटक के उडुपी ज़िले के पंगाला गांव से हैं.
कोटियन का करियर
तनुष कोटियन मुंबई अंडर-14, 16 और 19 टीमों की ओर से खेल चुके हैं. 2017 में एशिया कप के लिए भारतीय अंडर-19 टीम में भी वे शामिल रहे हैं.
उन्होंने अब तक 33 प्रथम श्रेणी मैच खेले हैं और 25.70 की औसत से 101 विकेट लिए हैं. कोटियन ने तीन बार पारी में पाँच विकेट लिए हैं.
उन्होंने 47 पारियों में 41.21 की औसत से दो शतक और 13 अर्द्धशतक के साथ 1525 रन भी बनाए हैं.
वह बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफ़ी से पहले भारत-ए के ऑस्ट्रेलिया दौरे का हिस्सा थे – उन्होंने एक मैच खेला, जिसमें 44 रन बनाए और एक विकेट लिया.
कप्तान की पसंद
चर्चा ये भी हो रही है कि कोटियन कप्तान रोहित शर्मा की पसंद थे.
इसकी पुष्टि मेलबर्न टेस्ट से ठीक पहले रोहित शर्मा के इस बयान से भी होती है, जिसमें उन्होंने कहा है, “इस समय तनुष ही हमारे लिए सही विकल्प थे. उन्होंने निश्चित रूप से घरेलू स्तर पर दिखाया है कि वह क्या करने में सक्षम हैं. शायद उनकी वजह से मुंबई की टीम पिछले साल रणजी ट्रॉफ़ी जीतने में कामयाब रही थी. उन्होंने ऑलराउंडर के तौर प्रमुख भूमिका निभाई थी, इसलिए हमारे लिए बहुत अच्छा विकल्प हैं.”
दरअसल रोहित शर्मा ख़ुद मुंबई से हैं, लिहाज़ा उन्होंने कोटियन के खेल को नज़दीक से देखा है.
इसके अलावा एक और बात कोटियन के फ़ेवर में गई होगी, एक महीने पहले वे इंडिया-ए टीम की ओर से ऑस्ट्रेलिया में खेले थे. लिहाज़ा वे ऑस्ट्रेलिया की परिस्थितियों में दोबारा आसानी से ढल सकते हैं.
वैसे अब तक के करियर में कोटियन की सबसे ज़्यादा चर्चा मुंबई को 2023-24 सीज़न में रणजी चैंपियन बनाने के लिए होती है. उन्होंने 41.83 की औसत से 502 रन बनाए और 16.96 की औसत से 29 विकेट लिए. इस दौरान उन्होंने एक शतक और पाँच अर्द्धशतक तक लगाए.
उनका सर्वाधिक स्कोर नाबाद 120 रन था जो उन्होंने बड़ौदा के ख़िलाफ़ बनाया था.
दसवें नंबर पर बल्लेबाज़ी करने उतरे कोटियन ने तुषार देशपांडे के साथ 232 रनों की साझेदारी की. रणजी ट्रॉफ़ी के इतिहास में दसवें विकेट के लिए ये दूसरी सबसे बड़ी साझेदारी का रिकॉर्ड है.
सेमीफ़ाइनल में तमिलनाडु के गेंदबाज़ भी कोटियन को आउट करने में नाकाम रहे. कोटियन ने 89 रनों की नाबाद पारी खेली और मैच में चार विकेट भी लिए.
विदर्भ के ख़िलाफ़ फ़ाइनल में वे बल्ले से कुछ ख़ास नहीं कर पाए लेकिन पहली पारी में तीन और दूसरी में चार विकेट लेकर मुंबई को 42वीं बार रणजी ट्रॉफ़ी चैंपियन बनवा दिया.
उन्हें ‘प्लेयर-ऑफ-द-टूर्नामेंट’ का पुरस्कार भी मिला था. कोटियन सीज़न में 500 रन और 25 विकेट का डबल पूरा करने वाले एकमात्र खिलाड़ी थे.
मौजूदा रणजी सीज़न में प्रदर्शन
मौजूदा रणजी ट्रॉफ़ी में कोटियन ने मुंबई के पांच में से दो मैच खेले हैं, जिसमें 16.66 की औसत से 12 विकेट लिए हैं, लेकिन बल्ले से उनका प्रदर्शन कुछ ख़ास नहीं रहा. वे तीन पारियों में 30 रन बना पाए हैं.
हालांकि इसी साल अक्टूबर की शुरुआत में शेष भारत पर मुंबई की ईरानी कप जीत में भी उनकी भूमिका अहम रही थी.
उन्हें नंबर आठ पर बल्लेबाज़ी करने का मौक़ा मिला फिर भी उन्होंने 64 और नाबाद 114 रन की पारियाँ खेलीं वो भी मुकेश कुमार, प्रसिद्ध कृष्ण और यश दयाल जैसे गेंदबाज़ों के सामने.
ज़ाहिर है उनमें दबाव में भी खेलने की क्षमता है. उस मैच में भी उन्होंने अपनी एकमात्र गेंदबाज़ी पारी में तीन विकेट लिए थे.
तनुष हाल ही में सैयद मु्श्ताक़ अली ट्रॉफ़ी ख़िताब जीतने वाली मुंबई की टीम का हिस्सा थे. उन्होंने इस टूर्नामेंट में खेले नौ मैचों में कुल नौ विकेट अपने नाम किए.
आईपीएल में नहीं मिला ख़रीदार
तनुष नेशनल टीम तक का सफ़र तय करने वाले उन खिलाड़ियों में शामिल हैं, जो आईपीएल में चमके बिना इस मुकाम तक पहुंचे हैं. इस खिलाड़ी पर आईपीएल के मेगा ऑक्शन में किसी भी टीम ने दांव नहीं लगाया था. हालाँकि पिछले आईपीएल में वे राजस्थान रॉयल्स की टीम में थे.
उन्हें एक मैच खेलने का ही मौक़ा मिला जिसमें उन्हें गेंदबाज़ी भी नहीं मिली. उन्होंने 24 रन ज़रूर बनाए थे.
लेकिन उन्हें सबसे बड़ा फ़ायदा हुआ रविचंद्रन अश्विन, युज़वेंद्र चहल और केशव महाराज जैसे अनुभवी खिलाड़ियों के साथ ड्रेसिंग रूम शेयर करने का.
अब उनकी सलाह को साकार रूप देने का समय आ गया है.
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़ रूम की ओर से प्रकाशित
SOURCE : BBC NEWS