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22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम के बैसरन घाटी में हुए आतंकी हमले ने देश को झकझोर दिया। लश्कर-ए-तैयबा से संबद्ध द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने इस हमले की जिम्मेदारी ली, जिसमें 26 पर्यटकों की जान गई और 20 से अधिक घायल हुए।

भारत से व्यापार संबंधों के निलंबन के जवाब में पाकिस्तान दवा आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए आपातकालीन तैयारी में जुट गया है। पहलगाम हमले के बाद सिंधु जल संधि को निलंबित करने के भारत के फैसले के जवाब में इस्लामाबाद ने कुछ कदम उठाए हैं। इसके तहत, नई दिल्ली के साथ सभी व्यापार को निलंबित कर दिया है। जियो न्यूज ने बताया कि भारत के साथ व्यापार रुकने से पाकिस्तान में दवा की जरूरतों को पूरा करने के लिए तत्काल उपाय शुरू हो गए हैं। स्वास्थ्य अधिकारियों ने आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए आपातकालीन तैयारी के उपाय शुरू कर दिए हैं।
पाकिस्तान के औषधि विनियामक प्राधिकरण (DRAP) ने इसकी पुष्टि की है। हालांकि, दवा क्षेत्र पर प्रतिबंध के प्रभाव के बारे में कोई औपचारिक अधिसूचना नहीं दी गई, लेकिन आकस्मिक योजनाएं पहले से ही तैयार हैं। वर्तमान में, पाकिस्तान अपने दवाओं के लिए कच्चे माल के 30 से 40 प्रतिशत के लिए भारत पर निर्भर है, जिसमें सक्रिय औषधि सामग्री (API) और विभिन्न उन्नत चिकित्सीय उत्पाद शामिल हैं। इस आपूर्ति श्रृंखला के वितरण के साथ डीआरएपी चीन, रूस और कई यूरोपीय देशों से वैकल्पिक स्रोतों की तलाश कर रहा है।
दवाओं की कमी का पाकिस्तान को डर
राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा, विनियमन व समन्वय मंत्रालय के सीनियर अधिकारी ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर कुछ जानकारियां दीं। उन्होंने बताया, ‘पाकिस्तान अपनी दवाइयों के कच्चे माल का 30-40 प्रतिशत हिस्सा भारत से आयात करता है। हम तैयार उत्पाद, सबसे महत्वपूर्ण रूप से कैंसर रोधी उपचार, जैविक उत्पाद, टीके और सीरम, विशेष रूप से रेबीज रोधी टीके और सांप रोधी जहर भी भारत से आयात करते हैं।’ औषधि क्षेत्र को डर है कि आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान के कारण दवाओं की भारी कमी हो सकती है।
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