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आजकल आधी रात तक जागना बेहद कॉमन हो गया है। जाहिर है कि इसका हमारी हेल्थ और ब्रेन दोनों पर ही काफी नेगेटिव असर पड़ रहा है। डॉक्टर सौरभ सेठी ने भी देर रात तक जागने के कुछ साइड इफेक्ट्स गिनाएं हैं।

Anmol Chauhan लाइव हिन्दुस्तानTue, 29 April 2025 01:33 PM
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देर रात तक जागने से दिमाग पर पड़ता है ये असर, हैरान कर देंगी डॉक्टर की बताई बातें!

समय के साथ लोगों के लाइफस्टाइल में बड़ा भारी बदलाव आया है। अब गए वो जमाने जब लोग शाम होते ही बिस्तर पर पसरने लगते थे। आज तो चुनिंदा लोगों को छोड़कर ज्यादातर आबादी देर रात सोने वाली हो गई है। खासतौर से यंग जनरेशन तो बिना वजह भी देर रात तक जागना पसंद कर रही है। जाहिर है इस बिगड़ते स्लीपिंग पैटर्न का असर लोगों की हेल्थ पर भी हो रहा है। जाने-मानें गेस्ट्रोएंट्रोलॉजिस्ट डॉक्टर सौरभ सेठी, सोशल मीडिया पर अक्सर हेल्थ से जुड़ी बातें साझा करते रहते हैं; उन्होंने इस बारे में खुलकर बात की है। उन्होंने बताया है कि जब आप रोजाना देर रात तक जगे रहते हैं, तो इस बात के ज्यादा चांस होते हैं कि आप दिन में 8 से 9 घंटे की अच्छी नींद नहीं ले रहे हैं। इसका असर आपके दिमाग पर भी पड़ता है। तो चलिए जानते हैं देर रात जागने के ब्रेन पर क्या साइड इफेक्ट होते हैं।

तेजी से बढ़ सकता है आपका वजन

वेट लॉस के लिए सिर्फ सही खानपान और फिजिकल एक्टिविटी ही जरूरी नहीं है बल्कि पर्याप्त मात्रा में सही नींद लेना भी उतना ही मायने रखता है। दरअसल नींद की कमी से शरीर में हार्मोनल डिसबैलेंस होता है, जिससे ज्यादा खाने की क्रेविंग बढ़ जाती है। ऐसे में आप ओवरइटिंग करते हैं और धीरे-धीरे आपका वजन बढ़ने लगता है।

मूड हो सकता है खराब

आपने खुद भी नोटिस किया होगा कि जब आप देर रात तक जागते हैं और सही नींद नहीं लेते, तो दिनभर एक अजीब सा चिड़चिपाना बना रहता है। किसी काम में मन भी नहीं लगता और सारा दिन जैसे थकान और नींद सी आती रहती है। दरअसल हमारा मूड और नींद एक दूसरे से जुड़े हुए होते हैं। ऐसे में अगर आपको अपना दिन बर्बाद नहीं करना है तो समय पर सोएं और पर्याप्त मात्रा में नींद लें।

बढ़ सकता है आपका स्ट्रेस लेवल

डॉक्टर सेठी के मुताबिक जब आप पर्याप्त मात्रा में नींद नहीं लेते हैं, तो आपका स्ट्रेस लेवल भी इंक्रीज हो सकता है। कई स्ट्डीज में यह बात सामने आई है कि जब आप सही नींद नहीं लेते हैं तो आपका चीजों को देखने का नजरिया काफी नकारात्मक सा हो जाता है। जिस चीज से आसानी से निपटा जा सकता था, उसे भी आप निराशावादी नजरिए से देखने लगते हैं। इससे स्ट्रेस, एंग्जाइटी, डिप्रेशन जैसे मेंटल हेल्थ इश्यूज का खतरा बढ़ जाता है।

सोचने समझने की क्षमता होती है प्रभावित

डॉक्टर सौरभ सेठी के मुताबिक देर रात जागने और कम नींद लेने से दिन भर में आपके सोचने और समझने की क्षमता पर भी असर पड़ता है। जब आप कम नींद लेते हैं तो किसी भी चीज पर सही से ध्यान केंद्रित नहीं पाते हैं। जिस वजह से अगर किसी बात पर गहराई से सोचना है या कोई जरूरी निर्णय लेना है, तो यह आपके लिए बड़ा चैलेंजिंग टास्क बन सकता है। इस स्थिति में ज्यादा मेंटल स्ट्रेंथ वाला काम करना मुश्किल हो जाता है।

जानें क्या है डॉक्टर की सलाह

डॉक्टर सेठी कहते हैं कि अपनी ओवरऑल हेल्थ को दुरुस्त रखना है तो अपना स्लीपिंग पैटर्न इंप्रूव करें। आधी रात तक जागने की बजाए एक सही टाइम फिक्स करें और रोजाना उसी समय सोने जाएं। इस तरह आपकी एक स्लीपिंग साइकिल तैयार हो जाएगी। इसके अलावा कोशिश करें कि रोजाना कम से कम सात से नौ घंटे की नींद जरूर लें।

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