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Singer Rahul Vaidya Declines 50 Lakh Offer : भारत और तुर्की के बीच रिश्ते इन दिनों अच्छे नहीं चल रहे हैं. इसकी बड़ी वजह है तुर्की का लगातार पाकिस्तान का सपोर्ट करना. इसका असर अब आम लोगों के साथ-साथ एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में भी दिखने लगा है. देशभर में तुर्की के ट्रैवल बुकिंग्स रद्द हो रही हैं और कई कलाकारों ने वहां होने वाले अपने इवेंट्स भी कैंसिल कर दिए हैं.
सिंगर राहुल वैद्य ने भी तुर्की के एक इवेंट में परफॉर्म करने से मना कर दिया है. उन्हें 5 जुलाई को तुर्की के शहर अंताल्या में एक शादी में गाने का ऑफर मिला था. इसके लिए उन्हें 50 लाख रुपये दिए जा रहे थे.
हालांकि, राहुल ने इस ऑफर को ठुकराते हुए कहा, ‘कोई काम, पैसा या शोहरत देश के हित से ऊपर नहीं हो सकती. उन्होंने मुझे और ज्यादा पैसे देने की भी बात कही, लेकिन मैंने साफ कह दिया कि ये पैसे की बात नहीं है. ये मेरे देश के सम्मान की बात है.’
जो देश भारत का सम्मान नहीं करता, वहां नहीं जाऊंगा
राहुल वैद्य ने तुर्की के रुख पर सवाल उठाते हुए कहा कि उन्हें ऐसे किसी देश में परफॉर्म करने में कोई दिलचस्पी नहीं है जो भारत का विरोध करता हो. उनका कहना था, ‘आज जो कुछ भी हूं, वो अपने देश और देशवासियों की वजह से हूं. ऐसे में जो भी भारत या भारतीयों के खिलाफ खड़ा हो, उसे मैं किसी भी हाल में स्वीकार नहीं कर सकता.’
हमारा पैसा तुर्की को फायदा पहुंचा रहा है
राहुल ने ये भी कहा कि भारतीय लोग तुर्की में शादी करने और घूमने पर खूब पैसा खर्च करते हैं. इससे तुर्की की इकॉनमी को करोड़ों का फायदा होता है. लेकिन जब वही देश भारत के विरोध में खड़ा हो जाता है, तो ये सोचना जरूरी हो जाता है कि क्या हमें वहां अपना पैसा लगाना चाहिए?
उनका साफ संदेश था – ‘जो देश भारत के खिलाफ है, वो मेरे लिए भी मंजूर नहीं.’
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फिल्म इंडस्ट्री की संस्था FWICE ने भी उठाई आवाज
सिर्फ सेलेब्रिटी ही नहीं, बल्कि फिल्म इंडस्ट्री की बड़ी संस्था FWICE (फेडरेशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया सिने एम्प्लॉइज) ने भी तुर्की के बहिष्कार की अपील की है. उन्होंने ओटीटी प्लेटफॉर्म्स से कहा है कि तुर्की के कंटेंट को न दिखाया जाए और इस मुद्दे पर सख्त स्टैंड लिया जाए.
FWICE इससे पहले भी भारतीय प्रोड्यूसर्स से तुर्की में शूटिंग और वहां काम करने से बचने को कह चुका है.
क्या हमें ऐसे देश में पैसा लगाना चाहिए?
अब एक बड़ा सवाल उठ खड़ा हुआ है – क्या हमें ऐसे देश में ट्रैवल, इवेंट या बिजनेस करना चाहिए, जो हमारे देश का सपोर्ट नहीं करता? राहुल वैद्य और FWICE जैसे लोगों और संस्थाओं ने अपने रुख से एक साफ संदेश दिया है – देश सबसे पहले.
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