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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार शाम विश्व चैंपियन डी गुकेश से मुलाकात की और उन्हें भारत का गौरव बताया। प्रधानमंत्री ने कहा कि शतरंज चैंपियन के साथ उनकी बहुत अच्छी बातचीत हुयी। गुकेश आत्मविश्वास से परिपूर्ण हैं। सिंगापुर में खेले गए विश्व चैंपियनशिप के मुकाबले में 18 साल के गुकेश ने अपने धैर्य और साहस का परिचय देते हुए चीन के डिंग लिरेन को हराकर सबसे कम उम्र के शतरंज विश्व चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया। उन्होंने रूस के गैरी कास्परोव को पीछे छोड़ा, जो 1985 में 22 साल की उम्र में विश्व चैंपियन बने थे।

प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया पोस्ट में बैठक की एक तस्वीर साझा करते हुये लिखा “ शतरंज चैंपियन और भारत के गौरव डी गुकेश के साथ उत्कृष्ट बातचीत हुई। मैं पिछले कुछ वर्षों से उनके साथ निकटता से बातचीत कर रहा हूं, और मेरे लिए उनके बारे में सबसे बड़ी बात उनका दृढ़ संकल्प और समर्पण है।”

उन्होंने कहा “ गुकेश का आत्मविश्वास वास्तव में प्रेरणादायक है। मुझे उनके कुछ वर्षों का एक वीडियो देखना याद है। पहले जहां उन्होंने कहा था कि वह सबसे कम उम्र के विश्व चैंपियन बनेंगे। भविष्यवाणी जो अब स्पष्ट रूप से उनके स्वयं के प्रयासों के कारण सच हो गई है।”

मोदी ने गुकेश के माता-पिता को भी अपने बेटे की विश्व खिताब की यात्रा में पूरे दिल से समर्थन करने के लिए सराहना की। उन्होंने कहा, ‘‘प्रत्येक खिलाड़ी की सफलता में उनके माता-पिता महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। मैंने गुकेश के माता-पिता को हर दुख-सुख में उसका समर्थन करने के लिए बधाई दी। उनका समर्पण उन अनगिनत युवाओं के माता-पिता को प्रेरित करेगा जो खेल को करियर के रूप में अपनाने का सपना देखते हैं।’’

इस युवा ग्रैंडमास्टर ने मोदी को शतरंज की वह बिसात उपहार में दी, जिस पर उन्होंने बाजी जीती थी। प्रधानमंत्री ने लिखा, ‘‘मुझे गुकेश से शतरंज की वह बिसात पाकर भी खुशी हुई जिस पर उन्होंने जीत दर्ज की थी। उनके और डिंग लिरेन दोनों के हस्ताक्षर वाली शतरंज की बिसात एक यादगार स्मृति चिन्ह है।’’

गुकेश ने मुलाकात के बाद प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, ‘‘आज, मुझे हमारे माननीय प्रधानमंत्री से मिलने का सम्मान मिला। यह मेरे जीवन के सबसे यादगार क्षणों में से एक था। मैं प्रधानमंत्री का व्यस्तता के बावजूद मुझसे मिलने के लिए समय निकालने के लिए हार्दिक आभार व्यक्त करता हूं।’’

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गुकेश ने एक्स पर लिखा, ‘‘उनका समर्थन और प्रोत्साहन मेरे जैसे युवाओं के लिए प्रेरणा का काम करता है। मैं उनकी उदारता और विचारशीलता से वास्तव में आभारी महसूस कर रहा हूं।’’ गौरतलब है कि 18 साल की उम्र में भारतीय चैलेंजर गुकेश हाल ही में दुनिया के सबसे कम उम्र के खिलाड़ी बन गए है,जब उन्होंने मौजूदा चैंपियन चीन के डिंग लिरेन को हराकर जीत हासिल की।

सिंगापुर में फाइड विश्व शतरंज चैंपियनशिप के 14वें और अंतिम गेम में दोनों का स्कोर 6.5 अंकों की बराबरी पर था और मुकाबला टाई-ब्रेकर की ओर बढ़ रहा था कि गुकेश ने 55वीं चाल पर अनुभवी चीनी स्टार द्वारा की गई एक बड़ी गलती का फायदा उठाया और गेम जीतने के साथ खिताब अपने नाम कर लिया।

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