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ऋषभ पंत
ऋषभ पंत तो जैसे इस साल के आईपीएल में नाक कटवाने पर आमादा हैं। इस साल ऐसा बहुत कुछ देखने के लिए मिल रहा है, जो इससे पहले कभी नहीं हुआ। ऋषभ पंत लगता है कि अपनी 27 करोड़ रुपये की सैलरी के साथ न्याय नहीं कर पा रहे हैं। इसलिए अब वे उल्टे सीधे फैसले लेने लगे हैं। मंगलवार को जब लखनऊ सुपर जायंट्स और दिल्ली कैपिटल्स के बीच मुकाबला हुआ तो जो काम ऋषभ पंत ने आईपीएल में इससे पहले दो ही बार किया था, वो फिर से दोहरा दिया।
साल 2016 के बाद पहली बार नंबर सात पर बल्लेबाजी के लिए उतरे पंत
पंत ने आईपीएल 2016 में अपना डेब्यू किया था। तब वे युवा थे और कुछ मैचों में तो उन्होंने अपनी बल्लेबाजी से रोमांचित भी कर दिया था। उस साल यानी अब से 9 साल पहले ऋषभ पंत केवल दो बार सात नंबर या फिर उससे नीचे बल्लेबाजी के लिए उतरे थे। उसके बाद ऐसा कभी नहीं हुआ कि वे बल्लेबाजी से मुंह चुराते हुए नजर आए हों, लेकिन अब वे अपनी कप्तानी में ही ऐसा शर्मनाक काम कर रहे हैं। मंगलवार के मुकाबले में ऋषभ पंत सात नंबर पर बल्लेबाजी के लिए आए, जबकि उन्हें नंबर चार पर आना चाहिए थे। उनके पास दो ही बॉल खेलने के लिए थीं। पहली बॉल पर वे कोई रन नहीं बना सके और दूसरी बॉल पर क्लीन बोल्ड हो गए। ये इससे भी ज्यादा शर्मनाक बात है। पिछली 113 आईपीएल पारियों में ये पहली बार है, जब पंत नंबर सात पर बल्लेबाजी के लिए आए हों।
इंतजार होता रहा और पंत बैठे ही रहे
जब एलएसजी के दो विकेट गिर गए थे, तब उम्मीद की जा रही थी कि पंत क्रीज पर आएंगे और अपना जलवा दिखाएंगे। लेकिन कप्तान पंत ने भेजा अब्दुल समद को। जो आठ बॉल पर केवल 2 रन बनाकर पवेलियन लौट गए। इसके बाद डेविड मिलर आए। वे अंत तक बल्लेबाजी तो करते रहे, लेकिन 15 बॉल पर केवल 14 ही रन बना सके। नंबर छह पर उन्होंने आयुष बदोनी को भेज दिया जो प्लेइंग इलेवन का हिस्सा ही नहीं थे, उन्हें इम्पैक्ट प्लेयर के तौर पर भेजा गया। युवा आयुष बदोनी ने तो अपना काम कर दिया, लेकिन ये टीम के लिए काफी नहीं था।
मयंक यादव को खिलाने का मौका टीम ने गंवा दिया
पहले बल्लेबाजी करने वाली टीम अमूमन किसी बल्लेबाज को इम्पैक्ट प्लेयर के तौर पर तब भेजती है, जब बल्लेबाजी क्रम भरभराकर आउट हो गया हो, यहां ऐसी कोई स्थिति नहीं थी। ऋषभ पंत बैठे रहे और इम्पैक्ट प्लेयर के तौर पर आयुष बदोनी मैदान में थे। इससे हुआ ये कि आयुष बदोनी ने रन तो बना दिए, लेकिन बाद में यानी गेंदबाजी के वक्त जो संभावना थी कि मयंक यादव आएंगे, वो मौका टीम ने खो दिया। अब ये समझ से परे है कि ये फैसला खुद कप्तान पंत ने किया या फिर से किसी और ने निर्णय लिया था। लेकिन इतना तो तय है कि कप्तान को ही इसका जवाब देना होगा।
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