Source :- LIVE HINDUSTAN
अंतरराष्ट्रीय राजनीति में पश्चिमी देशों के विरुद्ध मोर्चा बनाने की तैयारी कर रहे ईरान और रूस के नेताओं के बीच में शुक्रवार को मुलाकात हुई। इस मुलाकात के बाद रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि उनका मानना है कि दोनों देश रूप से साथ आकर ईरान में परमाणु ऊर्जा संयंत्र के निर्माण पर समझौता कर सकते हैं। इससे पहले रूस की राजधानी मॉस्को पहुंचे पजशिकयान ने रूस और ईरान के बीच करीबी और रणनीतिक संबंधों को और बढ़ाने के लिए साझेदारी संधि पर साइन किए।
जुलाई में ईरानी राष्ट्रपति चुनाव जीतने वाले पजशिकयान अपनी पहली रूस यात्रा पर मॉस्को पहुंचे थे। यहां पर रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने भव्य तरीके से उनका स्वागत किया। रॉयटर्स के मुताबिक इस मुलाकात के दौरान पुतिन ने कहा कि ईरान और रूस अपने सहयोग के सभी क्षेत्रों पर चर्चा करेंगे और व्यापक रणनीतिक साझेदारी के समझौते पर सहमत होंगे। उन्होंने कहा कि हम इस समझौते का बहुत लंबे समय से इंतजार कर रहे थे। इस समझौते से दोनों देशों के व्यापार और आर्थिक संबंधों को मजबूती मिलेगी।
पश्चिमी देशों के विरोधियों के साथ लगातार संबंध मजबूत कर रहे पुतिन
यूक्रेन के साथ युद्ध में उलझे पुतिन ने युद्ध की शुरुआत के बाद से ही पश्चिमी देशों के विरोधियों के साथ अपने संबंधों में सुधार करना शुरू कर दिया था। पुतिन ने तेहरान के अलावा प्योंगयांग, चीन और बेलारूस के साथ भी अपने संबंधों के मजबूत किया है। हालांकि रूस और ईरान के बीच हुए इस समझौते में सैन्य समझौते का जिक्र नहीं है फिर भी यह समझौता पश्चिमी वैश्विक नेताओं के लिए एक बड़ा सिरदर्द है।
इस डील के बाद दोनों देशों ने इस बात से इनकार किया की यह डील किसी देश के खिलाफ है। नेताओं की तरफ से कहा गया कि यह डील दोनों देशों के गहरे होते रिश्तों को प्रदर्शित करती है। इसका उद्देश्य दोनों देशों के बीच के संबंधों को और मजबूत करना है।
इससे पहले यूक्रेनी युद्ध में पश्चिमी देशों ने आरोप लगाया था कि रूस ने यूक्रेन युद्ध में ईरानी ड्रोन का जमककर उपयोग किया। हालांकि ईरान ने इन दावों को पूरी तरह से खारिज किया लेकिन रूस ने यह बात मानी कि कठिन क्षेत्रों में उसने ईरानी ड्रोन्स की मदद की। इसके अतिरिक्त अमेरिका के तमाम प्रतिबंधों के बाद भी रूस ने ईरान की मदद जारी रखी।
SOURCE : LIVE HINDUSTAN