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एल्विश यादव की क्लासमेट थीं शहीद विनय नरवाल की पत्नी।

जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। इस हमले में 26 निर्दोष लोगों ने अपनी जान गंवा दी, जिनमें से ज्यादातर पर्यटक थे। जान गंवाने वालों में से एक नौसेना अधिकारी विनय नरवाल भी थे जो हाल ही में शादी के बंधन में बंधे थे। विनय अपनी पत्नी हिमांशी के साथ हनीमून पर पहलगाम गए थे और यहां आतंकियों द्वारा किए गए हमले में वह शहीद हो गए। अब यूट्यूबर एल्विश यादव ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले और इसमें जान गंवाने वाले विनय नरवाल के बारे में बात करते हुए खुलासा किया है कि वो विनय की पत्नी हिमांशी को जानते हैं।

एल्विश की क्लासमेट थीं विनय नरवाल की पत्नी

एल्विश यादव ने अपने लेटेस्ट व्लॉग में पहलगाम आतंकी हमले के बारे में बात की और बताया कि हमले में शहीद हुए विनय नरवाल की पत्नी हिमांशी उनकी क्लासमेट थीं। एल्विश ने बताया कि उन्होंने पहलगाम आतंकी हमले के वीडियो देखे, इसमें हिमांशी हमले की कहानी बयां कर रही थीं। इसी दौरान उनकी नजर हिमांशी पर पड़ी और उन्हें उनका चेहरा जाना-पहचाना लगा। इसके बाद उन्होंने हिमांशी का वीडियो दोबारा देखा और उन्हें पहचान लिया।

एल्विश की अच्छी दोस्त थीं हिमांशी

एल्विश ने बताया कि शहीद विनय नरवाल की पत्नी हिमांशी उनके साथ पढ़ती थीं और दोनों अच्छे दोस्त थे, लेकिन कॉलेज खत्म होने के बाद दोनों कॉन्टेक्ट में नहीं थे। ऐसे में उन्हें हिमांशी से सीधे तौर पर बात करना ठीक नहीं लगा। ऐसे में उन्होंने अपनी एक कॉमन फ्रेंड को हिमांशी को कॉल करने को कहा। उनकी इस दोस्त ने हिमांशी को 30 बार फोन किया, लेकिन उसने कॉल रिसीव नहीं किया। 31वें कॉल पर हिमांशी ने कॉल रिसीव किया और बताया कि जो वीडियो वायरल हो रहे हैं वो बिलकुल सच हैं। उनके पति को गोली मार दी गई, क्योंकि आतंकवादियों ने उनके हिंदू होने की पुष्टि कर ली थी।

क्या बोले एल्विश यादव?

एल्विश ने हिमांशी के बारे में बात करते हुए कहा- ‘मैंने एक बार वीडियो देखा तो समझ ही नहीं आया कि ये हिमांशी है। जब मैंने दोबारा वीडियो देखा तो हैरान रह गया, ये तो हिमांशी है। हमने साथ में ग्रेजुएशन किया है। लेकिन, ग्रेजुएशन के बाद कभी बात नहीं हुई। उसे कॉल करने की मेरी हिम्मत नहीं हुई। उस व्यक्ति से क्या कहता, जिसने अपनी आंखों के सामने अपने पति को मरते देखा हो। मैंने अपनी एक दूसरी दोस्त को कॉल किया, जो हिमांशी के टच में थी। उसने हिमांशी को कई सारे कॉल किए, आखिरकार उसने 31वें कॉल पर जवाब दिया और कि रिपोर्ट सच थी। आतंकवादियों ने गोलीबारी शुरू करने से पहले धर्म पूछा था। ये किसी के भी साथ हो सकता है। ये भयानक है। हमारी प्रार्थनाएं हिमांशी और उन सबके साथ हैं जिन्होंने अपने किसी को इस हमले में खोया है।’

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