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भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार दोपहर बाद सऊदी अरब के दो दिवसीय दौरे पर जेद्दा पहुँचे थे.
शाम होते ही जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में चरमपंथी हमले की ख़बर आई. सरकार की तरफ़ से शुरू में इस हमले में मारे जाने वालों की कोई संख्या नहीं बताई गई थी, लेकिन रात होते-होते 26 लोगों की मौत की रिपोर्ट आने लगी.
पीएम मोदी सऊदी अरब पहुँचने के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स के ज़रिए हमले की निंदा कर चुके थे और ज़िम्मेदार लोगों को सज़ा देने की बात दोहराई थी. रात के 11 बजे ही थे कि ख़बर आई कि पीएम मोदी सऊदी अरब का दौरा बीच में ही छोड़ स्वदेश लौट रहे हैं.
प्रधानमंत्री ने सऊदी अरब के आधिकारिक डिनर में शामिल होने के बजाय वापस आने का फ़ैसला किया. सुबह होते ही पीएम मोदी दिल्ली आ गए. अगर पहलगाम हमला नहीं होता तो मोदी बुधवार को पूरे दिन सऊदी अरब में ही रहते.

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समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, पीएम मोदी ने एयरपोर्ट पर ही भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और विदेश मंत्री एस जयशंकर से हमले की जानकारी ली.
सऊदी अरब में भारत के राजदूत सुहैल एजाज़ ख़ान ने कहा कि क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने पहलगाम हमले की निंदा की है और भारत को हर तरह की मदद की पेशकश की है.
प्रधानमंत्री मोदी का विमान जब जेद्दा पहुँचा तो रॉयल सऊदी एयर फोर्स के एफ-15 फाइटर जेट्स उनके सम्मान में उड़ान भर रहे थे. इसके अलावा पीएम मोदी को 21 तोपों की सलामी दी गई थी.
सऊदी अरब ऐसा अपने ख़ास मित्र देश और पार्टनर के लिए ही करता है. पिछले 40 सालों में किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री का लाल सागर के तटीय शहर जेद्दा में ये पहला दौरा था.
पीएम मोदी का दौरा छोटा होने के बावजूद चार अहम समझौतों पर हस्ताक्षर हुए हैं.
ये समझौते स्पेस और हेल्थ के क्षेत्र में हुए हैं और साथ में ही दोनों देशों के बीच इंडिया-मिडल ईस्ट-यूरोप इकनॉमिक कॉरिडोर पर भी सहमति बनी है.
इस कॉरिडोर की चर्चा इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की मुलाक़ात भी हुई थी.
सुहैल ख़ान ने कहा कि पीएम मोदी के इस छोटे से दौरे में सऊदी अरब और भारत की क़रीबी की स्पष्ट झलक मिली.

पहलगाम हमले पर भारत और सऊदी अरब का संयुक्त बयान

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सऊदी अरब और भारत की तरफ़ से संयुक्त बयान जारी किया गया है, जिसमें पहलगाम में चरमपंथी हमले की कड़ी निंदा की गई है.
संयुक्त बयान में कहा गया है, ”दोनों देश जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए भयावह आतंकवादी हमले की कड़े शब्दों में निंदा करते हैं. दोनों देश इस बात पर सहमत हैं कि इन आतंकवादी हमलों को किसी भी लिहाज़ से सही नहीं ठहाराया जा सकता है. दोनों देश आतंकवाद को किसी ख़ास नस्ल, धर्म या संस्कृति से जोड़ने को ख़ारिज करते हैं.”

बीबीसी ने दिल्ली स्थित जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में पश्चिम एशिया अध्ययन केंद्र के प्रोफ़ेसर रहे आफ़ताब कमाल पाशा से पूछा कि वह पीएम मोदी के सऊदी अरब का दौरा बीच में ही छोड़ने को कैसे देखते हैं?
प्रोफ़ेसर पाशा ने कहा, ”मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री को वहाँ रहकर पाकिस्तान को एक्सपोज करना चाहिए था. सऊदी अरब से पूछना चाहिए था कि वह लगातार पाकिस्तान को आर्थिक मदद क्यों करता है. मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री को गल्फ़ के देशों से पूछना चाहिए था कि एक तरफ़ वे आतंकवाद की निंदा करते हैं और दूसरी तरफ़ पाकिस्तान को आर्थिक मदद करते हैं. यहाँ अमित शाह थे ही और वह श्रीनगर जा ही चुके थे.”

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हालांकि, मनोहर लाल पर्रिकर इंस्टिट्यूट फोर डिफेंस स्टडीज़ एंड एनलिसिस में असोसिएट फेलो रहे और वर्तमान में दिल्ली स्थित जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी के पश्चिम एशिया अध्ययन केंद्र में असोसिएट प्रोफ़ेसर मोहम्मद मुदस्सिर क़मर मानते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी ने बिल्कुल सही फ़ैसला किया.
डॉ. मुदस्सिर कहते हैं, ”दुनिया के किसी भी देश में इस तरह का आतंकवादी हमला होता और वहाँ का राष्ट्राध्यक्ष किसी देश के दौरे पर होता तो यही फ़ैसला करता. पीएम मोदी को सऊदी दौरा भले छोटा करना पड़ा, लेकिन दौरे में जो कुछ होना था, वो पूरा हुआ. सऊदी अरब ने भी इस हमले की निंदा की है.”
डॉ. मुदस्सिर कहते हैं कि हमले का जो समय चुना गया है, वह सोचने पर मजबूर करता है. उन्होंने कहा, ”हमले का जो समय है, वो महज इत्तेफाक नहीं है. मुझे लगता है कि अमेरिका के उपराष्ट्रपति के भारत में होने से ज़्यादा अहम यह था कि प्रधानमंत्री मोदी सऊदी अरब में थे. इस हमले का संबंध पीएम मोदी के सऊदी अरब दौरे से ज़्यादा है.”
‘कश्मीर मुद्दे को गर्म रखने की कोशिश’

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ब्रिटिश पत्रिका द इकोनॉमिस्ट ने अपनी एक रिपोर्ट में लिखा है, ”भारतीय सेना के पूर्व अधिकारियों का मानना है कि इस हमले की साज़िश रचने वाले चाहते थे कि कश्मीर को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ध्यान आकर्षित किया जाए. इसीलिए हमला तब किया गया, जब अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस भारत के दौरे पर थे और पीएम मोदी सऊदी अरब के दौरे पर थे. इनका ये भी कहना है कि हमले को इस रूप में डिजाइन किया गया था कि कश्मीर को टूरिस्ट इंडस्ट्री के रूप में कमज़ोर किया जाए. इससे पहले हिंदू तीर्थयात्रियों पर हमला किया गया था. जून 2024 में एक बस पर हमला हुआ था, जिसमें हिंदू तीर्थयात्री सवार थे.”
अंग्रेज़ी अख़बार ‘द हिंदू’ के अंतरराष्ट्रीय संपादक स्टैनली जॉनी भी पहलगाम में चरमपंथी हमले की टाइमिंग को ख़ासा अहम मानते हैं.
स्टैलनी जॉनी ने एक्स पर लिखा है, “यह हमला तब हुआ है, जब पाकिस्तान के सेना प्रमुख ने हिन्दुओं के ख़िलाफ़ नफरत भरा भाषण दिया था और कश्मीर तो पाकिस्तान के गले की नस कहा था. अमेरिकी उपराष्ट्रपति भारत में हैं और मोदी दुनिया के सबसे प्रभावशाली इस्लामी देश सऊदी अरब के दौरे पर थे. हमलावरों का मकसद था कि पूरी दुनिया का ध्यान खींचा जाए और कश्मीर मुद्दे को गर्म रखा जाए. इसके अलावा पर्यटकों पर हमला कर लोकल अर्थव्यवस्था को भी चोट करने की कोशिश थी.”
अमेरिकी नेताओं का दौरा और कश्मीर में चरमपंथी हमला

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पहलगाम में चरमपंथी हमला ऐसे समय में हुआ है जब अमेरिका के उप राष्ट्रपति जेडी वेंस भारत दौरे पर हैं.
बीबीसी संवाददाता सौतिक विस्वास के मुताबिक़ ये पहली बार नहीं है जब अमेरिकी नेताओं के भारत दौरे के समय कश्मीर में चरमपंथी हमला हुआ है.
20 मार्च 2000 को चरमपंथियों ने अनंतनाग के छत्तीसिंहपोरा में हमला कर 36 सिख ग्रामीणों को मार डाला था.
तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन के भारत दौरे के एक दिन पहले ये हमला हुआ था. हमलावर कथित तौर पाकिस्तान के रहने वाले थे.
भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने हमले की कड़ी निंदा करते हुए इसके लिए सीधे तौर पर पाकिस्तान को दोषी ठहराया था.
दो साल बाद 14 मई 2002 को अमेरिकी सहायक विदेश मंत्री क्रिस्टिना रोका के भारत दौरे के समय चरमपंथियों ने फिर हमला किया.
इस बार उन्होंने पहले कश्मीर के कालूचक में यात्रियों से भरी बस पर हमला किया और फिर आर्मी फैमिली क्वार्टरों को निशाना बनाया. इस हमले में 23 लोग मारे गए थे और 34 लोग घायल हो गए थे. मृतकों में दस बच्चे भी शामिल थे.
सौतिक विस्वास का कहना है कि ऐसा लगता है कि अमेरिकी नेताओं के भारत की यात्रा के दौरान कश्मीर में चरमपंथी हमलों का मकसद कश्मीर मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान खींचना है.
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित
SOURCE : BBC NEWS