Source :- LIVE HINDUSTAN
China Propaganda: भारत और पाकिस्तान के बीच हुए सीजफायर के बाद चीन ने पहले पाकिस्तान को पूर्ण समर्थन देने की बात कही। अब वह पाकिस्तानी मीलिट्री द्वारा फैलाए जा रहे प्रोपेगेंडा में पाकिस्तान की भाषा बोल रहा है।

China Propaganda: भारत और पाकिस्तान के बीच चार दिन चले संघर्ष के बाद युद्धविराम लागू हो गया है। यह सीजफायर भारत की शर्तों पर लागू हुआ और सिंधु जल समझौता अभी भी सस्पेंड है। भारत ने दो टूक शब्दों में कहा कि किसी भी हरकत का हम पूरी ताकत से जवाब देंगे। उधर, चीन सीजफायर को लेकर पाकिस्तान को शाबाशी दे चुका है और अब उसने भारत के खिलाफ प्रोपेगेंडा में पाकिस्तान की भाषा बोलनी शुरू कर दी है। चीन के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने पाक सेना के हवाले से दावा किया है कि पाकिस्तान के साइबर हमले में भारत की 70 प्रतिशत बिजली आपूर्ति बाधित हुई है। चीनी मीडिया भी इस दावे से इनकार नहीं कर रहा है। हालांकि भारतीय दूतावास ने इसे “झूठा” बताते हुए अपने आधिकारिक सिना वेइबो अकाउंट पर इसका खंडन किया।
चीन का दोगला चेहरा
इससे पहले चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री मोहम्मद इशाक डार से फोन पर बात की, जिसमें उन्होंने पाकिस्तान की संप्रभुता की रक्षा के लिए समर्थन की बात की। वांग ने कहा कि पाकिस्तान ने आतंकवाद के खिलाफ महत्वपूर्ण योगदान दिया है और चीन हमेशा पाकिस्तान के साथ खड़ा रहेगा। चीन का दोगला चेहरा इससे पता चलता है कि वह कुछ दिन पहले आतंकवाद की कड़ी निंदा कर चुका है। उसने कहा था वह किसी भी सूरत में आतंकवाद का समर्थन नहीं करता है।
चीन ने अब एक बार फिर पाकिस्तान के पक्ष में बयान जारी किया है। चीन की सरकारी समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, पाकिस्तान के इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (ISPR) ने एक बयान जारी किया था, जिसमें यह दावा किया गया था कि पाकिस्तान के द्वारा किए गए एक साइबर हमले के कारण भारत की 70 प्रतिशत बिजली आपूर्ति ठप हो गई है।
पाकिस्तान के दावे पर चीन क्या बोला
चीनी मीडिया कह रहा है कि पाकिस्तान की सेना ने भारत के पावर ग्रिड पर साइबर हमले की बात कही है, लेकिन इसके सही होने के लिए और तथ्यों की जांच की आवश्यकता है। चीन के साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ ने कहा है कि हालांकि इस घटना की सत्यता की पुष्टि की जानी बाकी है, लेकिन यह संभव है कि एक साइबर हमले के कारण पावर ग्रिड की विफलता हो सकती है, जैसे यूक्रेन युद्ध के दौरान हुआ था। इसके परिणामस्वरूप बड़े औद्योगिक और सामाजिक संकट हो सकते हैं।
भारत के खिलाफ चीन का प्रोपेगेंडा
चीनी मीडिया ने इस घटना को तकनीकी दृष्टिकोण से संभव बताया और कहा कि यह वह स्थिति हो सकती है जिसमें साइबर हमले से पावर सिस्टम में एक या एक से अधिक विफलताएं हो सकती हैं, जो पूरे ग्रिड में एक श्रृंखलाबद्ध प्रतिक्रिया का कारण बन सकती हैं। जबकि दूसरी ओर भारत ने इसे पूरी तरह से भ्रामक और झूठा करार दिया है।
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