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नई दिल्ली: कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने पाकिस्तान और बांग्लादेश के मुद्दों पर बयान देते हुए केंद्र सरकार की विदेश नीति पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी की सरकार को घेरते हुए कहा कि भारत के पास पाकिस्तान के साथ बातचीत करने का साहस नहीं है, जबकि उनमे सर्जिकल स्ट्राइक जैसे कदम उठाने की हिम्मत हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान, जिसे आतंकवाद फैलाने का केंद्र कहा जाता है, वो खुद भी इसी आतंकवाद से पीड़ित है।  

अय्यर ने यह भी कहा कि पाकिस्तान ने अफगानिस्तान में तालिबान को सत्ता में लाने की कोशिश की थी, लेकिन अब वही तालिबान पाकिस्तान के लिए सबसे बड़ा खतरा बन चुका है। उन्होंने पाकिस्तान को भारत के लिए “गले में लटका हुआ खतरा” बताया और जोर दिया कि इस समस्या का समाधान बातचीत के जरिए होना चाहिए। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के शासनकाल में कश्मीर मुद्दे पर बातचीत के प्रयासों का जिक्र करते हुए इसे बेहतर नीति बताया।

अय्यर ने कहा कि पाकिस्तान के लोग भी भारतीयों की तरह हैं, लेकिन बंटवारे की त्रासदी ने उन्हें अलग देश बना दिया। उन्होंने शेख हसीना की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने भारत के लिए कई अच्छे काम किए हैं और हमें उनका समर्थन करना चाहिए। बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हो रहे हमलों के सवाल पर अय्यर ने कहा कि यह सच है कि ऐसी घटनाएं हो रही हैं, लेकिन इनकी संख्या को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इनमें से ज्यादातर हमले राजनीतिक कारणों से होते हैं, क्योंकि अल्पसंख्यक हिंदू शेख हसीना का समर्थन करते हैं। 

अपनी पत्नी का जिक्र करते हुए अय्यर ने कहा कि एक तमिल के रूप में उनमें और उनकी पत्नी, जो एक पंजाबी हैं, के बीच ज्यादा फर्क नहीं है। उन्होंने कहा कि इसी तरह एक पाकिस्तानी पंजाबी और भारतीय पंजाबी में भी ज्यादा अंतर नहीं है। शेख हसीना की तारीफ करते हुए अय्यर ने कहा कि भारत ने उन्हें शरण दी है और जब तक वह चाहें, भारत को उनका मेजबान बना रहना चाहिए। उन्होंने इसे भारत और बांग्लादेश के रिश्तों को मजबूत करने का अवसर बताया।

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