Source :- LIVE HINDUSTAN
भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध में तुर्की ने खुलेआम पाक का समर्थन किया। पाक ने भारत की तरफ जो ड्रोन भेजे, वो तुर्की मेड थे। आतंकपरस्त देश के हिमायती तुर्की ने अपनी चाल बदल दी है। वह रूस यूक्रेन युद्ध में शांति दूत बनने की कोशिश कर रहा है।

भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध और तनावपूर्ण माहौल में आतंकपरस्त देश पाक की खुलेआम हिमायती करने वाले तुर्की ने अपनी चाल बदल दी है। वह अब शांति की बात करने लगा है। उसने रूस और यूक्रेन के बीच तीन साल से चल रही जंग को रोकने की पैरवीं की है। यह घटनाक्रम तब सामने आया, जब यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को गुरुवार को तुर्की में आमने-सामने बातचीत की चुनौती दी। जेलेंस्की ने कहा कि वह पुतिन का तुर्की में इंतजार करेंगे।
यह बयान ऐसे समय में आया है जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूक्रेन से अपील की है कि वह रूस के ताजा प्रस्ताव को तुरंत स्वीकार करे और सीधे वार्ता के लिए तैयार हो। ज़ेलेंस्की ने उम्मीद जताई कि सोमवार से एकतरफा संघर्षविराम लागू हो जाएगा, ताकि कूटनीतिक बातचीत की जमीन तैयार हो सके।
रूस का क्या रुख
हालांकि रूस ने यूक्रेन और यूरोपीय देशों की उस मांग को अस्वीकार कर दिया है जिसमें बिना शर्त 30 दिन के युद्धविराम की बात कही गई थी। रूस की तरफ से अब केवल सीधे संवाद की बात कही गई है।
जेलेंस्की की क्या मांग
ज़ेलेंस्की ने सोशल मीडिया पर लिखा, “अब और लोगों की जान लेना बंद होना चाहिए। हम कल से स्थायी युद्धविराम की उम्मीद कर रहे हैं और मैं पुतिन का तुर्किए में इंतजार करूंगा। उम्मीद है इस बार रूस बहाने नहीं बनाएगा।”
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने भी इस मुद्दे पर सोशल मीडिया पर ज़ोर देते हुए कहा, “मुलाकात होनी ही चाहिए। कम से कम इससे ये पता चल जाएगा कि क्या कोई समझौता संभव है या नहीं।” अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि क्या वाकई पुतिन तुर्किए पहुंचेंगे और यूक्रेन के साथ कोई ठोस बातचीत होगी या यह केवल एक और कूटनीतिक प्रयास बनकर रह जाएगा।
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