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पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में मौजूद कई आतंकी लॉन्च पैड्स को खाली कर दिया गया है और आतंकियों को सेना की बंकरों में शिफ्ट किया जा रहा है।

पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत की संभावित जवाबी कार्रवाई को लेकर पाकिस्तान में खलबली मच गई है। भारतीय सेना की किसी भी सैन्य कार्रवाई की आशंका के चलते पाकिस्तान ने एलओसी (LoC) के पास कई रणनीतिक कदम उठाए हैं। इसके अलावा, पाकिस्तान पिछले कई दिनों से लगातार जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर गोलीबारी कर रहा है।

इंडिया टुडे ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि पाकिस्तानी सेना ने सियालकोट सेक्टर में अपने रडार सिस्टम को आगे की चौकियों की ओर तैनात कर दिया है ताकि किसी भी संभावित भारतीय एयरस्ट्राइक का समय रहते पता लगाया जा सके। इसके साथ ही फिरोजपुर सेक्टर के सामने पाकिस्तान की इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर यूनिट्स को भी तैनात किया गया है, ताकि भारतीय सैन्य गतिविधियों की निगरानी की जा सके।

पाकिस्तान ने हाल ही में अंतरराष्ट्रीय सीमा से महज 58 किलोमीटर दूर चोर कैंटोनमेंट में टीपीएस-77 मल्टी-रोल रडार (TPS-77 MRR) स्थापित किया है। यह रडार सिस्टम दुनिया भर में हवाई निगरानी और सुरक्षा के लिए प्रयोग किया जाता है।

पीएम मोदी का सख्त संदेश, पाक को जवाबी कार्रवाई का डर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घटना के बाद स्पष्ट किया था कि हर आतंकी और उनके मददगारों को “पहचाना जाएगा, ढूंढा जाएगा और सजा दी जाएगी”। इसके बाद से ही पाकिस्तान को भारत की ओर से सैन्य जवाब की चिंता सता रही है। इसी बीच भारत की तीनों सेनाएं सतर्क मोड में हैं। भारतीय वायुसेना के राफेल और अन्य अग्रिम पंक्ति के लड़ाकू विमान हाल ही में ‘आक्रमण’ नामक सैन्य अभ्यास में भाग ले चुके हैं। नौसेना ने भी अपनी युद्धक तैयारियों का प्रदर्शन किया है।

PAF ने हवाई अड्डे बदले, लॉन्च पैड खाली कर रहे आतंकी

फ्लाइट ट्रैकिंग वेबसाइट Flightradar24 के अनुसार, पाकिस्तान एयरफोर्स के विमान कराची से उड़ान भरकर लाहौर और रावलपिंडी के करीब स्थित एयरबेस की ओर रवाना होते देखे गए। वहीं, पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा मुहम्मद आसिफ ने एक इंटरव्यू में कहा, “हमें भारतीय सैन्य हमले की आशंका है, इसलिए हमने अपनी फोर्स को अलर्ट पर रखा है।” उन्होंने यह भी कहा कि अगर पाकिस्तान के अस्तित्व पर कोई सीधा खतरा हुआ तो ही परमाणु हथियारों का इस्तेमाल किया जाएगा।

इस बीच खुफिया सूत्रों का दावा है कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में मौजूद कई आतंकी लॉन्च पैड्स को खाली कर दिया गया है और आतंकियों को सेना की बंकरों में शिफ्ट किया जा रहा है। हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं और अब पूरे देश की निगाहें भारत की संभावित रणनीतिक प्रतिक्रिया पर टिकी हैं।

भारतीय लड़ाकू विमानों के मुकाबले पाकिस्तान का रडार सिस्टम कितना मजबूत है?

पाकिस्तान का रडार सिस्टम, विशेष रूप से CVLO और HQ-9, कुछ हद तक स्टील्थ और गैर-स्टील्थ विमानों को ट्रैक करने में सक्षम हो सकता है, लेकिन यह भारत के एडवांस रडार और एयर डिफेंस सिस्टम (S-400, विरुपाक्ष, EL/M-2052) की तुलना में कम प्रभावी है। भारतीय लड़ाकू विमान, विशेष रूप से राफेल और Su-30 MKI, अपनी एडवां, रडार प्रणालियों, स्टील्थ विशेषताओं, और लंबी दूरी की मिसाइलों के कारण पाकिस्तान के रडार सिस्टम को भेदने में सक्षम हैं।

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भारतीय लड़ाकू विमानों की ताकत

राफेल: 4.5वीं पीढ़ी का मल्टीरोल जेट, स्टील्थ फीचर्स, उन्नत AESA रडार, और मेटियोर मिसाइल (150 किमी रेंज) के साथ। स्टील्थ और इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर क्षमता इसे रडार से बचने में सक्षम बनाती है।

सुखोई-30 MKI: स्वदेशी विरुपाक्ष रडार (DRDO) के साथ अपग्रेड, 100 किमी रेंज की अस्त्र-1 मिसाइल। यह लंबी दूरी और भारी हथियार क्षमता प्रदान करता है।

तेजस MK-1: हल्का, मल्टीरोल, उन्नत सेंसर और हथियारों से लैस। इसकी गतिशीलता और छोटा रडार क्रॉस-सेक्शन इसे मुश्किल लक्ष्य बनाता है।

पाकिस्तान के रडार सिस्टम

पाकिस्तान ने चीन की मदद से JY-27A और CVLO जैसे उन्नत रडार सिस्टम तैनात किए हैं, जो दावा करते हैं कि वे स्टील्थ विमानों (जैसे F-22, F-35) का पता लगा सकते हैं। JY-27A की रेंज 500 किमी बताई जाती है। हालांकि, इसकी प्रभावशीलता पर स्वतंत्र सत्यापन की कमी है। HQ-9 सिस्टम मध्यम से लंबी दूरी के खतरों को संभाल सकता है, लेकिन यह भारत के S-400 की तुलना में कम प्रभावी है। HQ-9 एयर डिफेंस सिस्टम रडार-गाइडेड मिसाइलों के साथ जुड़ा है, जो मध्यम से लंबी दूरी के खतरों को निशाना बना सकता है। हालांकि, इन रडारों की प्रभावशीलता युद्ध परिदृश्यों में पूरी तरह सिद्ध नहीं हुई है, और इलेक्ट्रॉनिक जैमिंग के खिलाफ उनकी मजबूती संदिग्ध है।

भेदन क्षमता

राफेल और सुखोई-30 MKI की स्टील्थ और इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर क्षमताएं (जैसे जैमिंग और सेंसर फ्यूजन) पाकिस्तानी रडारों को चकमा देने में सक्षम हैं। राफेल का कम रडार क्रॉस-सेक्शन और उन्नत जैमिंग सिस्टम इसे विशेष रूप से प्रभावी बनाता है। तेजस, हालांकि पूर्ण स्टील्थ नहीं, अपनी गतिशीलता और छोटे आकार के कारण रडार पर कम दृश्यमान है। पाकिस्तान के रडार स्टील्थ विमानों को ट्रैक करने में आंशिक रूप से सक्षम हो सकते हैं, लेकिन भारत की लंबी दूरी की मिसाइलें (जैसे मेटियोर, अस्त्र) और नेटवर्क-सेंट्रिक वारफेयर रणनीति रडार और डिफेंस सिस्टम को निष्प्रभावी कर सकती है।

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