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नई दिल्ली: पीएम मोदी ने मंगलवार को IMD के 150वें स्थापना दिवस के समारोह में हिस्सा लिया और ‘मिशन मौसम’ का शुभ आरंभ भी किया। इस बीच उन्होंने मौसम विभाग के वैज्ञानिकों से भूकंप के बारें में चेतावनी देने वाला तंत्र विकसित करने की बात कही। इतना ही नहीं उन्होंने बोला है कि इससे देश को प्राकृतिक आपदा के वक़्त होने वाली हानि से बचने में काफी हद तक सहायता मिल सकती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी बात को जारी रखते हुए कहा है कि ‘मौसम विज्ञान किसी भी देश की आपदा प्रबंधन क्षमता का सबसे जरूरी सामर्थ्य होता है। प्राकृतिक आपदाओं के प्रभाव को कम से कम करने के लिए हमें मौसम विज्ञान की कार्यकुशलता को अधिकतम करने की आवश्यकता होती है। विज्ञान में प्रगति और इसकी पूरी क्षमता का उपयोग करने से देश की वैश्विक प्रतिष्ठा को आकार मिला है।” अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने बोला है कि ”अब भूकंप के लिए चेतावनी प्रणाली विकसित करने की जरूरत है। वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं को इस दिशा में काम करना चाहिए।”
मिशन मौसम की गई शुरुआत: खबरों का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मिशन मौसम की शुरुआत की। इस मिशन का लक्ष्य अत्याधुनिक मौसम निगरानी तकनीक और सिस्टम को आगे बढ़ाना है, उच्च-रिजोल्यूशन वायुमंडलीय अवलोकन, आने वाली पीढ़ी के रडार और उपग्रहों एवं उच्च-प्रदर्शन कंप्यूटरों को कार्यान्वित करते हुए उच्च स्तरीय क्षमता को प्राप्त कर लेना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बारें में बोला है कि ‘मिशन का मकसद इंडिया को मौसम के प्रति तैयार और जलवायु के प्रति स्मार्ट राष्ट्र बनाना है।” इतना ही नहीं अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने बोला है कि ”मिशन मौसम का उद्देश्य मौसम और जलवायु प्रक्रियाओं की समझ को बेहतर बनाने, वायु गुणवत्ता डेटा प्रदान करने पर भी ध्यान केंद्रित करेगा जो लंबे समय में मौसम प्रबंधन और हस्तक्षेप की रणनीति बनाने में सहायता प्रदान करेगा।”
‘विश्व में भारत को लेकर बढ़ रहा लोगों का भरोसा’: इतना ही नहीं इस मिशन को लेकर पीएम मोदी ने आगे कहा है कि ”हमारी मौसम संबंधी प्रगति के साथ हमारी आपदा प्रबंधन क्षमता का निर्माण हुआ है। इसका फायदा पूरी दुनिया को मिल रहा है। आज हमारा फ्लैश फ्लड गाइडेंस सिस्टम नेपाल, भूटान, बांग्लादेश और श्रीलंका को भी मदद दे रहा है।” अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए पीएम बोले- ”हमारे पड़ोस में कहीं कोई आपदा आती है, तो भारत सबसे पहले मदद के लिए उपस्थित होता है। इससे विश्व में भारत को लेकर भरोसा भी बढ़ा है। दुनिया में विश्व बंधु के रूप में भारत की छवि और भी मजबूत हुई है।”
IMD विजन-2047 दस्तावेज भी किए गए जारी: मीडिया रिपोर्ट्स का कहना है कि पीएम मोदी ने इस कार्यक्रम में मौसम संबंधी जलवायु परिवर्तन अनुकूलन और अनुकूलता के लिए IMD विजन-2047 दस्तावेज भी जारी कर दिए है। इतना ही नहीं इसमें मौसम मैनेजमेंट, मौसम पूर्वानुमान और जलवायु परिवर्तन शमन की योजना को भी जोड़ दिया गया है। कार्यक्रम में विश्व IMD की महासचिव सेलेस्टे सौलो, पृथ्वी विज्ञान मंत्री जितेंद्र सिंह, पृथ्वी विज्ञान सचिव एम रविचंद्रन, आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा भी यहाँ उपस्थित थे।
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