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फसल एक्सपर्ट के मुताबिक, इसे भंडारण के लिए उत्तर बिहार में एक प्रचलित प्रचलन है. यहां पर बहुत पहले से ही किसान अनाज का भंडारण मोबिल ड्रम में करते हैं. इसमें करीब 180 किलो तक मसूर, चना, गेहूं का भंडारण हो जाता है. भंडारण के दौरान उस ड्रम में कोई केमिकल डालने की जरूरत नहीं होती है, जो किसान केमिकल दवाई के इस्तेमाल की बात करते हैं, उसे देने की जरूरत नहीं पड़ती है. ड्रम में करीब 180 किलोग्राम तक गेहूं, चना या मसूर भर देते हैं और उस ड्रम में ढक्कन लगाकर रख देते हैं. इस तरह करने से कीड़े लगने का डर नहीं रहता है. यह बिल्कुल देसी उपाय है, जो हर कोई कर सकते हैं.

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