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Side Effects Of Thumb Sucking: कई माता-पिता बच्चों की इस आदत से जुड़े साइड-इफेक्ट्स को जाने बिना ही इसे बहुत ही सामान्य तरह से लेने लगते हैं। ऐसे में आइए जानते हैं आखिर क्यों कुछ बच्चों में होती है अंगूठा चूसने की आदत और क्या हैं इससे जुड़े साइड इफेक्ट्स।

आपने अकसर अपने आसपास या परिवार में भी कई छोटे बच्चों को अंगूठा चूसते हुए देखा होगा। हो सकता है शुरुआत में पेरेंट्स को बच्चों का ऐसा करना क्यूट लगे लेकिन लंबे समय तक बनी रहने वाली ये आदत बच्चों के लिए कई बार समस्याएं लेकर आती है। यूं तो बच्चे का अंगूठा चूसना एक नॉर्मल प्रोसेस है, लेकिन ऐसा करने वाले बच्चों के पेरेंट्स को कुछ खास सावधानियों को जरूर बरतना चाहिए। दरअसल, कई माता-पिता बच्चों की इस आदत से जुड़े साइड इफेक्ट्स को जाने बिना ही इसे बहुत ही सामान्य तरह से लेने लगते हैं। ऐसे में आइए जानते हैं आखिर क्यों कुछ बच्चों में होती है अंगूठा चूसने की आदत और क्या हैं इससे जुड़े साइड इफेक्ट्स।

बच्चे क्यों चूसते हैं अंगूठा?

-कई बार भूख लगने पर बच्चे अंगूठा चूसना शुरू कर देते हैं।

-बच्चे मां के दूध से मन न भरने के कारण भी अंगूठा चूस सकते हैं।

-अंगूठा चूसने से बच्चों को सुरक्षित महसूस होता है।

-तनाव महसूस होने पर भी बच्चे अपनी उंगलियां और दूसरी चीजें चूसते हैं। इससे उन्हें तनाव से मुक्ति पाने और उत्तेजित होने पर शांत होने में मदद मिलती है।

अंगूठा चूसने के नुकसान

ज्यादातर बच्चे 4 साल की उम्र आने तक या फिर अपना दूसरा दांत निकलने से पहले ही अंगूठा चूसने की आदत को छोड़ देते हैं। लेकिन अगर यह आदत बनी रहती है, तो बच्चे को कई समस्याएं हो सकती हैं।

-नाखून में कठोरपन आने के साथ नाखून के आसपास की त्वचा संक्रमित हो सकती है।

-दांतों का अलाइनमेंट खराब होने की वजह से दांत बाहर निकलने का जोखिम बढ़ जाता है, जिससे सामने के ऊपरी और निचले दांतों के बीच गैप हो सकता है।

-अंगूठा चूसने वाले बच्चे के अंगूठे पतले और होंठ मोटे होकर लटक जाते हैं।

-अंगूठा चूसने वाले बच्चों को अक्सर पेट का इंफेक्शन बना रहता है। ऐसा इसलिए क्योंकि छोटे बच्चे दिन भर खेलते रहते हैं। ऐसा करते हुए वो कई चीजों को हाथों से पकड़ते हैं। जिससे उनके हाथों में कई तरह के कीटाणु चिपक जाते हैं, जो अंगूठा चूसने पर मुंह के रास्ते पेट में चले जाते हैं।

-अंगूठा चूसने वाले बच्चों में खाने-पीने के प्रति नीरसता आने लगती है। ऐसे बच्चे हर समय सिर्फ अंगूठा ही चूसते रहना चाहते हैं। जिससे उनका शारिरिक विकास भी सही से नहीं हो पाता है।

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