Source :- NEWS18
Last Updated:June 09, 2025, 19:27 IST
Next Big Threat: वैज्ञानिकों ने आशंका जताई है कि एक जीव में मौजूद एक वायरस का अगर एक म्यूटेशन और हो गया तो यह कोरोना से भी खतरनाक साबित हो सकता है.
अगली महामारी की आशंका.
हाइलाइट्स
- HKU5-CoV-2 वायरस म्यूटेशन से खतरनाक हो सकता है.
- वैज्ञानिकों ने निगरानी और तैयारी की जरूरत बताई.
- यह वायरस इंसानों में फैलने से बस एक कदम दूर है.
अमेरिकी वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि चीन में मिला एक नया कोरोना वायरस भविष्य में कोरोना से भी खतरनाक महामारी का कारण बन सकता है. इस वायरस का नाम HKU5-CoV-2 है. इसका संबंध मर्स वायरस से है. म्यूटेशन यानी इसके रूप में थोड़ा सा बदलाव आने पर यह वायरस इंसानी कोशिकाओं को ACE2 रिसेप्टर के ज़रिए संक्रमित कर सकता है. अगर यह वायरस किसी अन्य जीव तक पहुंच गया तो उसमें वह बदलाव आ सकता है. वैज्ञानिकों ने इसके खतरे को देखते हुए तुरंत निगरानी और तैयारी की जरूरत पर बल दिया है.
इकोनोमिक टाइम्स में छपी खबर के मुताबिक चमगादड़ों में पाए गए कुछ वायरसों का एक समूह सिर्फ एक छोटे से म्यूटेशन की दूरी पर है. इसमें इतनी क्षमता है कि यह अगली महामारी का कारण बन सकता है. इस घातक वायरस का संबंध मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम कोरोना वायरस (MERS-CoV) से जुड़ा है. दिलचस्प बात यह है कि इस वायरस की पहचान भी सबसे पहले चीन के चमगादड़ों में हुई है. नेचर कम्युनिकेशंस में प्रकाशित एक हालिया अध्ययन में शोधकर्ताओं ने बताया कि इन वायरसों के एक विशेष उपसमूह HKU5 में ऐसी विशेषताएं दिख रही है जो यह संकेत देती है कि यह वायरस सीमा पार कर सकता है. इस कारण यह जानवरों से इंसानों में फैलने का खतरा बना सकता है. यह अध्ययन वॉशिंगटन स्टेट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं द्वारा कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी और यूनिवर्सिटी ऑफ नॉर्थ कैरोलिना के सहयोग से किया गया. इस अध्ययन ने एक कम पहचाने गए कोरोना वायरस समूह पर ध्यान केंद्रित किया, जिसे मेरबेकोवायरस कहा जाता है. इसी समूह में मर्स भी आता है जिसमें इंसानों में लगभग 34 प्रतिशथ मृत्यु दर देखी गई है.
इंसानों में फैलने से बस एक दम दूर
अध्ययन के मुताबिक हालांकि अधिकांश मेरबेकोवायरस इंसानों को सीधे संक्रमित नहीं करते लेकिन HKU5 नाम का एक उपसमूह चिंता का कारण बन रहा है. वाशिंगटन स्टेट यूनिवर्सिटी के कॉलेज ऑफ वेटरनरी मेडिसिन में वायरोलॉजिस्ट डॉ. माइकल लेटको ने कहा कि मेरबेकोवायरस पर अब तक ज्यादा ध्यान नहीं दिया गया था, लेकिन हमारा अध्ययन दिखाता है कि ये वायरस कोशिकाओं को कैसे संक्रमित करते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि हमने यह पाया है कि HKU5 वायरस इंसानों में फैलने से बस एक छोटा कदम दूर हो सकते हैं. शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन में वायरस के कणों का उपयोग किया जिनमें वायरस के स्पाइक प्रोटीन का केवल रिसेप्टर से जुड़ने वाला भाग शामिल था. इससे यह साबित हुआ कि HKU5 वायरस पहले से ही ACE2 रिसेप्टर का उपयोग कर सकते हैं.यही रिसेप्टर SARS-CoV-2 भी इस्तेमाल करता है जो कोविड-19 का कारण बना. हालांकि अभी HKU5 वायरस चमगादड़ों के ACE2 रिसेप्टर से बेहतर तरीके से जुड़ते हैं और फिलहाल इंसानी कोशिकाओं को प्रभावी रूप से संक्रमित नहीं कर पाते.
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Excelled with colors in media industry, enriched more than 16 years of professional experience. Lakshmi Narayan contributed to all genres viz print, television and digital media. he professed his contribution i…और पढ़ें
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SOURCE : NEWS 18