Source :- BBC INDIA
एक घंटा पहले
क्रिसमस का अगला दिन यानी 26 दिसंबर दुनिया के कई हिस्सों में बॉक्सिंग डे कहलाता है.
कोई भी इस बात का अंदाज़ा लगा सकता है कि बॉक्सिंग डे का सीधा नाता बॉक्सिंग के खेल से है. लेकिन ऐसा है नहीं.
बॉक्सिंग डे दरअसल छुट्टी का दिन है, जो क्रिसमस के अगले दिन होता है.
इसकी जड़ें ब्रिटेन से जुड़ी हैं, लेकिन ये उन देशों में भी मनाया जाता है, जो पहले ब्रिटिश साम्राज्य के तहत आते थे.
वेस्टर्न क्रिश्यनिटी के लिटर्जिकल कैलेंडर में बॉक्सिंग डे, क्रिसमसटाइड का दूसरा दिन होता है और इसे सेंट स्टीफ़ेंस डे भी कहा जाता है.
आयरलैंड और स्पेन के कैटेलोनिया में इसे सेंट स्टीफ़ेंस डे के रूप में ही मनाया जाता है.
ऑस्ट्रेलिया में हर साल इस दिन मेलबर्न में टेस्ट मैच ज़रूर खेला जाता है और इस मैच को बॉक्सिंग डे टेस्ट कहा जाता है.
रोमानिया, हंगरी, पोलैंड, नीदरलैंड्स जैसे देशों में 26 दिसंबर का दिन सेकेंड क्रिसमस डे के रूप में मनाया जाता है.
बॉक्सिंग डे नाम कैसा पड़ा?
लेकिन 26 दिसंबर के दिन का नाम बॉक्सिंग डे कैसे पड़ा, इसे लेकर कई कहानियाँ हैं.
ऑक्सफ़ोर्ड इंग्लिश डिक्शनरी इस दिन को साल 1830 और ब्रिटेन से जोड़ती है, जिसमें कहा गया है कि ये क्रिसमस के दिन के बाद सप्ताह का पहला दिन होता है.
इसमें कहा गया है कि ये अवकाश का दिन होता है, जिसमें अलग-अलग जगह काम करने वाले लोगों को क्रिसमस-बॉक्स मिलता है. इसी बॉक्स से शायद बॉक्सिंग डे नाम बना.
जो लोग चिट्ठियाँ या अख़बार डालते हैं, उन्हें छोटे बक्से में तोहफ़ा देने की परंपरा आज भी है.
ये बात और है कि ये तोहफ़ा क्रिसमस के अगले दिन के बजाय पिछले दिन ही दे दिया जाता है.
पुराने वक़्त में ज़मीदार अपने खेतों में काम करने वाले मज़दूरों को बॉक्स में तोहफ़े दिया करते थे.
इन बॉक्स में घर पर काम आने वाली चीज़ें या फिर खेती में इस्तेमाल होने वाले टूल हुआ करते थे.
ये साल भर मज़दूरों के कामकाज के बदले दिए जाते हैं और मालिक इस तरह अपने कर्मचारियों को धन्यवाद देता है.
क्रिसमस के अगले दिन छुट्टी होने की वजह से लोग त्योहार की ख़ुमारी और थकान उतारते हैं. परिवार के साथ वक़्त गुज़ारते हैं.
कुछ लोग इस दिन ग्रामीण इलाकों की तरफ़ जाते हैं, तो दूसरे दुकानों में लगी सेल की ओर दौड़ लगाते हैं.
इस दिन होते हैं पारंपरिक खेल
बॉक्सिंग डे को खेलों के लिहाज़ से भी अहम दिन माना जाता है. पारंपरिक रूप से इस रोज़ लोमड़ियों के शिकार का खेल भी खेला जाता था.
लाल कोट पहनकर घोड़े पर सवार लोगों का शिकारी कुत्तों के साथ निकलना एक प्रतीक के रूप में देखा जाता है.
अब लोमड़ियों के शिकार पर पाबंदी है, लेकिन घुड़सवारी और फ़ुटबॉल तो अब भी खेला जाता है.
बॉक्सिंग डे के मौक़े पर कई देशों में बैंकों की भी छुट्टी रहती है. अगर ये दिन शनिवार को पड़ता है तो सोमवार को अवकाश रहता है.
कई स्टोर इस दिन ख़ास पोस्ट-क्रिसमस सेल भी लगाते हैं.
बॉक्सिंग डे और क्रिकेट टेस्ट मैच
बॉक्सिंग डे टेस्ट मैच 26 दिसंबर को शुरू होता है. अगर ऑस्ट्रेलिया की बात करें, तो ये पारंपरिक रूप से मेलबर्न में ही खेला जाता है.
क्रिसमस का अगला दिन होने के कारण इस दिन मेलबर्न में रिकॉर्ड संख्या में लोग मैच देखने आते हैं.
ऑस्ट्रेलिया से शुरू हुई ये परंपरा अब दक्षिण अफ़्रीका और न्यूज़ीलैंड तक पहुँच चुकी हैं.
ये दोनों देश भी अब बॉक्सिंग डे पर टेस्ट मैच खेलने लगे हैं.
ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ बॉक्सिंग डे टेस्ट में क्या है भारत का रिकॉर्ड
वैसे तो भारत ने बॉक्सिंग डे पर कई देशों के ख़िलाफ़ टेस्ट मैच खेला है.
अगर सिर्फ़ ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ टेस्ट की बात करें, तो बॉक्सिंग डे टेस्ट में भारत का रिकॉर्ड मिला-जुला रहा है.
भारत ने बॉक्सिंग डे पर ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ नौ टेस्ट मैच खेले हैं, जिनमें से दो टेस्ट मैच ड्रॉ हुए हैं.
पाँच टेस्ट मैचों में ऑस्ट्रेलिया ने जीत हासिल की है, जबकि दो टेस्ट मैचों में भारत जीता है.
अगर मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड की बात करें, तो भारत ने यहाँ ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ कुल 14 मैच खेले हैं, जिनमें से सात बॉक्सिंग डे पर खेले गए थे.
इन 14 टेस्ट मैचों में भारत सिर्फ़ चार टेस्ट मैच ही जीत पाया था. आठ में उसे हार का सामना करना पड़ा, जबकि दो टेस्ट मैच ड्रॉ हुए थे.
ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ बॉक्सिंग डे टेस्ट मैच में भारत ने सबसे यादगार जीत वर्ष 2020 में दर्ज की थी.
अजिंक्य रहाणे की कप्तानी में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को आठ विकेट से मात दी थी.
ये जीत इसलिए भी ख़ास थी क्योंकि भारत को इसके ठीक पहले हुए एडिलेड टेस्ट में शर्मनाक हार झेलनी पड़ी थी.
एडिलेड में पिंक बॉल टेस्ट मैच के दौरान भारत की टीम दूसरी पारी में सिर्फ़ 36 रन बनाकर आउट हो गई थी. ये टेस्ट मैच में भारत का न्यूनतम स्कोर है.
लेकिन एडिलेड टेस्ट के बाद भारत ने शानदार वापसी की और जीत हासिल की.
उस जीत में कप्तान अजिंक्य रहाणे ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. अच्छी कप्तानी के साथ-साथ उन्होंने पहली पारी में 112 रनों की शतकीय पारी खेली थी.
कब-कब हुए ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ बॉक्सिंग डे टेस्ट
- 1985: टेस्ट मैच ड्रॉ (मेलबर्न)
- 1991: भारत आठ विकेट से हारा (मेलबर्न)
- 1999: भारत 180 रनों से हारा (मेलबर्न)
- 2003: भारत नौ विकेट से हारा (मेलबर्न)
- 2007: भारत 337 रनों से हारा (मेलबर्न)
- 2011: भारत 122 रनों से हारा (मेलबर्न)
- 2014: टेस्ट मैच ड्रॉ (मेलबर्न)
- 2018: भारत 137 रनों से जीता (मेलबर्न)
- 2020: भारत आठ विकेट से जीता (मेलबर्न)
भारत ने ऑस्ट्रेलिया के अलावा न्यूज़ीलैंड और दक्षिण अफ़्रीका के ख़िलाफ़ भी बॉक्सिंग डे पर टेस्ट मैच खेला है.
अगर बॉक्सिंग डे टेस्ट में रिकॉर्ड की बात करें, तो भारत ने कुल 18 टेस्ट मैच खेले हैं, जिनमें से चार में उसे जीत मिली है.
11 टेस्ट में भारत को हार का सामना करना पड़ा है और तीन टेस्ट मैच ड्रॉ हुए हैं.
मौजूदा सिरीज़ में क्या है स्थिति?
मौजूदा बॉर्डर-गावसकर ट्रॉफ़ी के लिए भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पाँच टेस्ट मैच खेले जाने हैं.
इनमें से तीन टेस्ट हो चुके हैं. एक टेस्ट मैच ड्रॉ हुआ है, जबकि दोनों टीमें एक-एक टेस्ट मैच जीत चुकी है.
जसप्रीत बुमराह की कप्तानी में भारत ने पहला टेस्ट मैच जीता था.
लेकिन दूसरे टेस्ट मैच में ऑस्ट्रेलिया ने ज़बरदस्त वापसी की और हिसाब बराबर कर लिया.
बारिश से प्रभावित तीसरा टेस्ट मैच ड्रॉ हो गया था.
भारत के लिहाज से ये सिरीज़ काफ़ी महत्वपूर्ण है. वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप के फ़ाइनल में पहुँचने के लिए भारत को इस सिरीज़ में अच्छा प्रदर्शन करना होगा.
फ़िलहाल वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप की रैंकिंग में भारत तीसरे नंबर पर है. ऑस्ट्रेलिया इस रैंकिंग में दूसरे और दक्षिण अफ़्रीका पहले नंबर पर है.
इस टेस्ट में ख़ास तौर पर भारत की बैटिंग लाइनअप को लेकर कई सवाल उठे हैं.
टीम के शीर्ष खिलाड़ी भी अपने प्रदर्शन को लेकर आलोचनाओं का सामना कर रहे हैं. ख़ुद कप्तान रोहित शर्मा का प्रदर्शन निराशाजनक रहा है.
विराट कोहली ने एक पारी में शतक तो लगाया था, लेकिन इस पारी के अलावा वे कुछ ख़ास नहीं कर पाए हैं.
इसी तरह शुभमन गिल के प्रदर्शन पर भी क्रिकेट प्रेमियों की नज़र है.
अभी तक इस सिरीज़ में भारत के हीरो बनकर निकले हैं जसप्रीत बुमराह. पहले टेस्ट में न सिर्फ़ उन्होंने अपनी कप्तानी में भारत को जीत दिलाई, बल्कि बेहतरीन गेंदबाज़ी भी की.
उन्होंने तीन टेस्ट मैचों में सर्वाधिक 21 विकेट लिए हैं. उनके बाद ऑस्ट्रेलिया के मिचेल स्टार्क हैं, जिन्होंने 14 विकेट लिए हैं.
अगर बैटिंग की बात करें, तो भारत की ओर से केएल राहुल ने सर्वाधिक 235 रन बनाए हैं, जबकि यशस्वी जायसवाल ने 193 रन बनाए हैं.
अगर सिरीज़ की बात करें, तो अभी तक ऑस्ट्रेलिया के ट्रेविस हेड ने सबसे ज़्यादा 409 रन बनाए हैं. वे भारतीय टीम के लिए बड़े सरदर्द बने हुए हैं.
इसी सिरीज़ के तीसरे टेस्ट मैच के बाद रविचंद्रन अश्विन ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी थी. वे भारत लौट चुके हैं और उनकी जगह टीम में तनुष कोटियन को टीम में जगह मिली है.
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित.
SOURCE : BBC NEWS