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Pakistan news: पहलगाम हिंसा के बाद भारत की तरफ से निरस्त की गई सिंधु जल संधि को लेकर पाकिस्तान की सांस अटकी हुई है। पाक सरकार के मंत्री के मुताबिक इस मामले को लेकर पाकिस्तान तीन जगह पर अपनी अर्जी लगाएगा। इसमें मुख्य रूप से विश्व बैंक के पास जाकर भारत की शिकायत करना शामिल होगा।

Upendra Thapak लाइव हिन्दुस्तानTue, 29 April 2025 03:09 PM
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भारत के ऐक्शन पर लेंगे विश्व बैंक की शरण, सिंधु समझौते पर पाकिस्तान चलेगा ये तीन पैंतरे

India Pakistan News: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने सिंधु जल संधि को निरस्त कर दिया है। आर्थिक मोर्च पर लगातार फिसड्डी साबित हो रहे पड़ोसी देश के लिए यह फैसला किसी बड़े झटके से कम नहीं था, क्योंकि उसकी अर्थव्यवस्था का बड़ा हिस्सा आज भी खेती पर भी निर्भर है। इस फैसले को लेकर पाकिस्तान की चिंता इस बात से समझी जाती है कि शरीफ सरकार की तरफ से कहा गया है कि अगर भारत ऐसा करता है तो इसे ‘एक्ट ऑफ वॉर’ माना जाएगा। अब ऐसे तनाव भरे माहौल में पाकिस्तान की तरफ से भारत के इस फैसले को चुनौती देने की रूपरेखा बनाई जा रही है।

रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार मंत्री ने बताया कि भारत की तरफ से उठाए गए इस फैसले के खिलाफ पाकिस्तान कम से कम तीन अलग-अलग कानूनी विकल्पों पर तैयारी कर रहा है। पाकिस्तानी कानून राज्य मंत्री अकील मलिक के अनुसार इन तीन विकल्पों में सबसे पहला यह है कि पाकिस्तान इस संधि को करवाने वाले विश्व बैंक के सामने इस मुद्दे को उठा सकते हैं।

पाकिस्तानी मंत्री के मुताबिक दूसरे और तीसरे विकल्प के तौर पर पाकिस्तान ‘अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता न्यायालय’ या फिर हेग में ही स्थित ‘अंतर्राष्ट्रीय कोर्ट’ में भी भारत के ऊपर कार्रवाई कर सकता है। इंटरनेशल कोर्ट में भारत के ऊपर यह आरोप लगाया जा सकता है कि भारत ने संधियों के कानून पर 1960 में किए गए वियना कन्वेंशन का उल्लंघन किया है।

मलिक के मुताबिक पाकिस्तानी सरकार और अधिकारियों के बीच में इस मामले पर कानून रणनीति पर चर्चा लगभग पूरी हो चुकी है। सरकार इन तीन में से कौन से रास्ते पर आगे बढ़ती है या फिर एक से अधिक रास्ते पर आगे बढ़ने का निर्णय लेती है। इस पर जल्दी ही फैसला लिया जाएगा। मलिक ने कहा कि मेरे हिसाब से एक से ज्यादा रास्तों पर आगे बढ़ने की संभावना ज्यादा है।

पाकिस्तान की तरफ से इस मुद्दे पर काफी हो हल्ला मचाया जा रहा है। वहीं भारत के जल संसाधन मंत्रालय के अधिकारियों से जब इस मामले पर टिप्पणी करने के लिए कहा गया तो उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।

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आपको बता दें कि भारत ने पिछले सप्ताह पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद ही 1960 में की गई सिंधु जल संधि को निरस्त कर दिया था। यह जल संधि पाकिस्तान के साथ एक दोस्ताना संधि का उदाहरण थी। इसके अनुसार भारत इन नदियों का एक बड़ा हिस्सा पाकिस्तान को दे देता है। इस संधि को निरस्त करते हुए भारत की तरफ से कहा गया था कि भारत इस संधि को तब तक स्वीकार नहीं कर सकता जब तक पाकिस्तान विश्वसनीय साझेदार के रूप में सीमा पार से किए जा रहे आतंकवाद को समर्थन देना बंद नहीं कर देता।

हालांकि भारत की तरफ से लगाए गए आतंकवाद के आरोपों को पाकिस्तान ने हमेशा की तरह किसी भी तरह की संलिप्तता से इनकार ही किया। इतना ही नहीं भारत पर जवाबी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान ने भारतीय विमानों के लिए अपना एयरस्पेस बंद कर दिया और कहा कि अगर भारत की तरफ से सिंधु का जल रोकने का प्रयास किया जाता है तो इसे युद्ध कि शुरुआत माना जाएगा।

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