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भारत ने मैन्युफैक्चरिंग (उत्पादन) और सर्विस (सेवा) सेक्टर दोनों में दुनिया के सभी विकसित और उभरते देशों को पीछे छोड़ दिया है। अप्रैल 2025 के लिए भारत का मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई 58.2 और सर्विस पीएमआई 58.7 रहा, जो वैश्विक स्तर पर सबसे ऊंचे आंकड़े हैं।

भारत ने मैन्युफैक्चरिंग (उत्पादन) और सर्विस (सेवा) सेक्टर दोनों में दुनिया के सभी विकसित और उभरते देशों को पीछे छोड़ दिया है। अप्रैल 2025 के लिए जारी जेपी मॉर्गन की रिपोर्ट के अनुसार, भारत का मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई 58.2 और सर्विस पीएमआई 58.7 रहा जो वैश्विक स्तर पर सबसे ऊंचे आंकड़े हैं।
पीएमआई यानी पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स अर्थव्यवस्था की स्थिति को दर्शाने वाला एक प्रमुख सूचकांक होता है। अगर पीएमआई 50 से ऊपर होता है तो इसका मतलब है कि उस सेक्टर में विस्तार हो रहा है और 50 से नीचे का मतलब होता है कि सेक्टर में गिरावट आ रही है। भारत के लिए ये ऊंचे आंकड़े यह बताते हैं कि देश की अर्थव्यवस्था मजबूती से आगे बढ़ रही है।
भारत से काफी कम है चीन का पीएमआई
अगर बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के मुकाबले देखा जाए जैसे, चीन का मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई 50.4 और सरकारी आंकड़ों के अनुसार 49 रहा, जो भारत से काफी कम है। चीन की सर्विस सेक्टर की ग्रोथ भी भारत से कम रही। मार्किट सर्विस पीएमआई 50.7 और सरकारी आंकड़ा 50.1 दर्ज किया गया।
बड़ी अर्थव्यवस्थाओं की क्या है हालत
अन्य बड़ी अर्थव्यवस्थाओं- जैसे अमेरिका, यूरोजोन, ब्रिटेन और जापान में हालत मिली-जुली रही। अमेरिका का मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई 48.7 और सर्विस पीएमआई 51.6 रहा जो या तो थमी हुई ग्रोथ या गिरावट की ओर इशारा करता है।
यूरोप में भी हालत कमजोर
यूरोप में भी हालत कमजोर बने हुए हैं। अप्रैल में यूरोजोन का मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई 49 और सर्विस पीएमआई 50.1 रहा। फ्रांस और ब्रिटेन की स्थिति और भी खराब रही। फ्रांस में मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई 48.7 और सर्विस 47.3 रहा, जबकि ब्रिटेन का मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई 45.4 और सर्विस 49 पर रहा। इस रिपोर्ट से साफ है कि भारत फिलहाल दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बना हुआ है। इसके पीछे मजबूत घरेलू मांग, कारोबारी आत्मविश्वास और आर्थिक मजबूती जैसे कारण हैं।
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