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पीएमएल-एन के सूत्रों के हवाले से कहा, ‘नवाज शरीफ चाहते हैं कि उनकी सरकार 2 परमाणु संपन्न देशों के बीच शांति बहाल करने के लिए सभी उपलब्ध कूटनीतिक तरीकों का इस्तेमाल करे। नवाज आक्रामक रुख अपनाने के इच्छुक नहीं हैं।’

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने भारत के साथ रिश्ते पर बड़ा बयान दिया है। वह चाहते हैं कि पाकिस्तान और भारत के बीच तनाव कम करने के लिए कूटनीतिक माध्यम का इस्तेमाल किया जाए। स्थानीय मीडिया ने यह खबर दी है। हालांकि, नवाज शरीफ ने पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले की अब तक निंदा नहीं की है। तीन बार प्रधानमंत्री रह चुके 75-वर्षीय नवाज शरीफ सत्तारूढ़ पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के प्रमुख हैं। उनके छोटे भाई शहबाज शरीफ प्रधानमंत्री हैं, जबकि उनकी बेटी मरयम नवाज पंजाब प्रांत की मुख्यमंत्री हैं।
नवाज और मरयम दोनों में से किसी ने भी पहलगाम आतंकी हमले की निंदा नहीं की है। न ही इस घटना पर अब तक कोई बयान जारी किया है। हालांकि, द एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार ने पीएमएल-एन के सूत्रों के हवाले से कहा, ‘नवाज शरीफ चाहते हैं कि उनकी सरकार 2 परमाणु संपन्न देशों के बीच शांति बहाल करने के लिए सभी उपलब्ध कूटनीतिक तरीकों का इस्तेमाल करे। नवाज आक्रामक रुख अपनाने के इच्छुक नहीं हैं।’ इसने कहा कि शहबाज शरीफ ने नवाज को पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद भारत के सिंधु जल संधि को निलंबित करने के मद्देनजर राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक में लिए गए निर्णयों के बारे में जानकारी दी। शहबाज ने कहा, ‘जल संधि को निलंबित करने के भारत के एकतरफा फैसले से क्षेत्र में युद्ध का खतरा बढ़ गया है।’
पहलगाम पर नहीं बोले नवाज शरीफ
इससे पहले लंदन से लाहौर लौटते समय पत्रकारों ने पहलगाम हमले पर नवाज शरीफ की टिप्पणी चाही, लेकिन उन्होंने कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया। विपक्षी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के वरिष्ठ नेता और पूर्व विदेश मंत्री मूनिस इलाही ने पहलगाम की घटना पर चुप रहने के लिए नवाज शरीफ की आलोचना की। उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ‘भारत की ओर से सिंधु जल संधि को निलंबित करने और पाकिस्तान के खिलाफ अन्य कठोर कदम उठाने के बावजूद नवाज शरीफ रहस्यमयी चुप्पी साधे हुए हैं। क्या नवाज-मोदी के हित पाकिस्तान के हितों से ऊपर हैं?’ दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में पर्यटक स्थल बैसरन पर 22 अप्रैल को आतंकवादियों के हमले में कम से कम 26 लोग मारे गए, जिनमें अधिकतर पर्यटक थे।
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