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महताब दीन

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9 मई 2025, 08:52 IST

भारत और पाकिस्तान में बढ़ते तनाव के बीच लाइन ऑफ़ कंट्रोल के पास भारी गोलाबारी से बचने के लिए सीमा के पास भारत की ओर के लोग अपने घरों को छोड़कर सुरक्षित जगहों पर जा रहे हैं.

नए सिरे से शुरू हुई शत्रुता, एलओसी के पास रहने वाले नागरिकों के लिए संघर्ष के दिनों की परिचित कठिनाइयां- हताहत होना, संपत्ति और मवेशियों को नुक़सान, कर्फ़्यू, स्कूल, अस्पताल और बाज़ार बंद होना, लेकर आई है.

भारत ने कहा है कि पहलगाम में पर्यटकों पर घातक हमले के बाद, सीमा पर पाकिस्तान लगातार संघर्ष विराम का उल्लंघन कर रहा है. इस दौरान पाकिस्तान 740 किलोमीटर लंबी एलओसी पर कई जगहों को निशाना बना रहा है.

भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि सात मई बुधवार को तड़के पाकिस्तान में हवाई हमले के बाद से एलओसी पर हुई गोलाबारी में अबतक 16 लोग मारे गए हैं और 59 घायल हुए हैं.

मारे गए लोगों में महिलाएं, बच्चे और भारतीय सेना के एक जवान लांस नायक दिनेश कुमार भी शामिल हैं.

सफ़रीन

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पंजाब के कई ज़िलों में मिसाइलों और ड्रोन के मलबे मिलने से लोगों में दहशत का माहौल है.

भारत ने कहा है कि सात और आठ मई की रात में पाकिस्तान की ओर से कई ड्रोन और मिसाइल हमलों को नाकाम कर दिया गया है.

उसके बाद आठ मई यानी गुरुवार को भारत की ओर से कहा गया कि लाहौर में एक एयर डिफ़ेंस सिस्टम को तबाह कर दिया गया है. पाकिस्तान ने इसकी पुष्टि नहीं की है.

बुधवार की रात ड्रोन और मिसाइल हमले

पुंछ में गोलाबारी में क्षतिग्रस्त एक घर

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गुरुवार को विदेश मंत्रालय की प्रेस ब्रीफ़िंग में कर्नल सोफ़िया क़ुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने कहा कि एलओसी के पास जम्मू-कश्मीर में कुपवाड़ा, बारामुला, उरी, पुंछ और राजौरी में भारी तोपखाने का इस्तेमाल किया जा रहा है.

विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने कहा कि पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर के पुंछ में गुरुद्वारे को निशाना बनाया जिसमें सिख समुदाय के तीन लोग मारे गए.

विदेश मंत्रालय ने कहा कि बुधवार और गुरुवार की रात को पाकिस्तान ने उत्तरी और पश्चिमी भारत के कई सैन्य ठिकानों को ड्रोन और मिसाइलों से निशाना बनाने की कोशिश की. मंत्रालय के अनुसार अवंतिपोरा, श्रीनगर, जम्मू, पठानकोट, अमृतसर, कपूरथाला, जालंधर, लुधियाना, आदमपुर, बठिंडा, चंडीगढ़, नल, फलौदी, उत्तरलाई और भुज पर ड्रोन हमले किए गए.

भारत के रक्षा मंत्रालय ने कहा, “इन हमलों को एकीकृत काउंटर यूएएस ग्रिड और एयर डिफेंस सिस्टम ने बेअसर कर दिया. इन हमलों का मलबा कई स्थानों पर बरामद किया गया है. ये पाकिस्तानी हमलों की पुष्टि करता है.”

रक्षा मंत्रालय के अनुसार, “पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा, बारामुला, उरी, पुंछ, मेंढर और राजौरी सेक्टरों में मोर्टार और भारी कैलिबर की आर्टिलरी का उपयोग करके नियंत्रण रेखा के पार अपनी अकारण गोलाबारी की तीव्रता बढ़ा दी है. भारत ने मोर्टार और आर्टिलरी की गोलाबारी का उचित जवाब दिया है.”

उधर पाकिस्तान ने दावा किया है कि बुधवार की रात उसने भारत के 25 ड्रोन मार गिराए हैं, जबकि कुछ जगहों पर नुक़सान भी हुआ है.

एलओसी पर हालात कैसे हैं?

एलओसी

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बीबीसी के लिए जम्मू कश्मीर के सूरनकोट से रिपोर्टिंग करने वाली डेविना गुप्ता के अनुसार, स्थानीय लोगों ने बताया कि भारत के हवाई हमले के बाद गोलाबारी तेज़ हो गई है.

स्थानीय निवासी सोबिया ने बताया, “मैंने धमाके की भारी आवाज़ सुनी और एक महीने के बच्चे को बाहों में लिए भागी. मैं बहुत डर गई थी.”

एक और स्थानीय निवासी सफ़रीन अख़्तर ने कहा कि उनके घर के सामने एक गोला गिरने के बाद से उन्होंने परिवार समेत अपना घर छोड़ दिया.

उन्होंने बताया, “मुझे कार नहीं मिल सकी और सुरक्षित जगह तक पहुंचने के लिए मीलों तक पैदल चलना पड़ा. रास्ते भर गोलाबारी के धमाकों की आवाज़ें आती रहीं.”

पुंछ में बीते 48 घंटों में हालात बिगड़ने के बाद सूरनकोट में अपने दोस्तों और रिश्तेदारों से शरण मांगने वालों में कई लोग हैं. हालांकि यह सीमा से थोड़ी दूरी पर है और इसलिए यहां गोलाबारी की उतनी वारदातें नहीं होतीं.

सूरनकोट के निवासी मोहम्मद आलम मलिक ने बताया, “मेरे घर में 25 लोग रुके हुए हैं. कुछ लोग पैदल ही चलकर यहां पहुंचे हैं. जल्दबाज़ी में कुछ लोग अपने घरों में ताला भी नहीं लगा पाए.”

स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां से 80 लोग अपने घर छोड़कर जा चुके हैं.

बीबीसी संवाददाता सौतिक बिस्वास के अनुसार, पहले की तुलना में लोगों का विस्थापन उतना व्यापक नहीं है. 2016 में सीमा के पास रहने वाले क़रीब 27,000 से अधिक लोगों को हटाना पड़ा था. लेकिन मौजूदा हालात से सीमा के पास रह रहे लोगों के लिए ख़तरा बढ़ गया है.

भारत का कहना है कि पाकिस्तान ने कुपवाड़ा, बारामुला, पुंछ, राजौरी, मेंढर, नौशेरा, सुंदरबनी और अखनूर में छोटे हथियारों से गोलाबारी की, जिसका भारतीय सेना ने उसी अनुपात में जवाब दिया है.

पंजाब के गांवों में रॉकेट जैसी चीज़ें मिलीं

जेठुवाल

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बीबीसी पंजाबी के अनुसार, गुरुवार को पंजाब के कई गांवों में रॉकेट जैसी चीज़ों का मलबा मिला है.

गुरदासपुर में पंधेर गांव के रहने वाले रचपाल सिंह ने बताया कि उन्हें कुछ मलबा मिला है और उनके खेत में आग लग गई थी.

बुधवार की रात अमृतसर, बठिंडा, गुरदासपुर में कुछ संदिग्ध वस्तुएं पाई गईं और धमाके सुने गए. ग्रामीण इन्हें पाकिस्तान की ओर से की गई फ़ायरिंग मान रहे हैं.

अमृतसर के जेठुवाल गांव के रहने वाले दिलदार सिंह ने कहा कि रात में उन्हें धमाके सुनाई दिए थे और सुबह खेतों में मिसाइल का मलबा मिला. पुलिस को इसकी सूचना दे दी गई.

गांव के एक अन्य व्यक्ति लवप्रीत सिंह ने कहा कि खेतों में 6-7 फ़ुट लंबी रॉकेट जैसी चीज़ पाई गई.

बीबीसी संवाददाता सुरिंदर मान ने कहा कि मोगा ज़िले के संधुआनवाला गांव में लोहे की कोई चीज़ मवेशियों के एक शेड पर गिरी थी. ऐसी ही लोहे की वस्तु तलवंडी के भांगेरिया गांव में भी मिली है.

प्रशासन ने इन वस्तुओं को अपने कब्ज़े में लेकर जांच शुरू कर दी है. हालांकि प्रशासनिक अधिकारियों ने इन वस्तुओं के बारे में और जानकारी नहीं दी है.

बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित

SOURCE : BBC NEWS