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पीएम मोदी और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़

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29 मिनट पहले

मंगलवार और बुधवार की दरमियानी रात भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर में कई जगहों पर हवाई हमले किए.

भारतीय रक्षा मंत्रालय ने सात मई की सुबह बयान जारी कर बताया कि इस हमले को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का नाम दिया गया था और इसके तहत दौरान कुल नौ ‘आतंकी ठिकानों’ को निशाना बनाया गया है.

बयान के मुताबिक़, मंगलवार आधी रात के बाद भारतीय समयानुसार 1.05 बजे से 01.30 बजे के बीच 9 ठिकानों पर हमले किए गए. इनमें बहावलपुर का अहमदपुर शरक़िया, शेखुपुरा का मुरीदके, मुज़फ़्फ़राबाद, कोटली, सियालकोट, शकरगढ़ शामिल हैं.

इसके बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ‘पाकिस्तान को जवाबी कार्रवाई का पूरा हक़ है.’ उन्होंने भारत के इस हमले को ‘एक्ट ऑफ़ वॉर’ बताया है.

भारतीय सेना

भारत ने इन हवाई हमलों को “केंद्रित, नपी-तुली और बिना किसी उकसावे वाली कार्रवाई” बताया था.

भारत के विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने कहा था कि “इस दौरान किसी भी पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठान को नुक़सान नहीं पहुंचाया गया.”

जबकि पाकिस्तान के सूचना मंत्री अताउल्लाह तरार ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “उन्होंने सभी सीमाएं पार कर दी हैं और हमारी नागरिक आबादी पर मिसाइलें दाग़ी हैं. मासूम लोग, महिलाएं और बच्चे इनमें मारे गए हैं.”

22 अप्रैल को जम्मू कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर चरमपंथी हमला हुआ था जिसमें एक कश्मीरी पोर्टर समेत 26 लोग मारे गए थे.

भारत ने इसके लिए पाकिस्तान को ज़िम्मेदार ठहराया था जबकि पाकिस्तान ने इससे इनकार करते हुए घटना की स्वतंत्र जांच कराए जाने की मांग की थी और इसमें सहयोग करने की पेशकश की थी.

23 अप्रैल को भारत ने सुरक्षा मामलों पर कैबिनेट मीटिंग में पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने, पाकिस्तान के साथ राजनयिक संबंध सीमित करने, पाकिस्तानी नागरिकों के वीज़ा रद्द करने जैसे कड़े फ़ैसले लिए.

इसके जवाब में पाकिस्तान ने शिमला समझौते समेत सभी द्विपक्षीय समझौतों को स्थगित करने का एलान किया. बाद में दोनों देशों ने अपने वायु क्षेत्र एक-दूसरे के विमानों के लिए बंद कर दिए थे.

बढ़ते तनाव के बीच भारत के जल संसाधन मंत्री ने कहा था कि पाकिस्तान को नदियों से एक बूंद भी पानी नहीं जाने दिया गया था. वहीं पाकिस्तान ने सिंधु जल संधि के निलंबन को अवैध क़रार देते हुए पानी को रोकने या उसका रुख़ मोड़ने को ‘एक्ट ऑफ़ वॉर’ बताया था.

6-7 मई आधी रातः भारत का हवाई हमला

भारत का हवाई हमला

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भारत ने छह और सात मई की दरमियानी रात को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर में कई स्थानों पर हमले किए थे. पाकिस्तान ने इस हमले में कई लोगों की मौत के साथ बड़े नुक़सान की बात मानी थी.

जिन जगहों पर हवाई हमले किए गए उनमें पाकिस्तान पंजाब का बहावलपुर भी शामिल है. यहां भारत ने सुभान अल्लाह मस्जिद पर हमला किया गया.

चरमपंथी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने एक बयान जारी कर कहा था कि बहावलपुर हमले में संगठन के प्रमुख मसूद अज़हर के परिवार के 10 सदस्य और चार करीबी सहयोगी मारे गए.

फरवरी 2019 में जैश-ए-मोहम्मद ने जम्मू-कश्मीर में एक आत्मघाती बम विस्फोट को अंजाम दिया था, जिसमें 40 सैनिकों की मौत हो गई थी.

लेकिन हवाई हमले से पहले भारत के गृह मंत्रालय ने सात मई को देश के क़रीब 244 सिविल डिफ़ेंस ज़िलों में मॉक ड्रिल के निर्देश दिए थे.

भारत ने इस हमले के तुरंत बाद अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को इस बारे में जानकारी दी.

बढ़ते तनाव के बीच पंजाब और जम्मू कश्मीर के सीमावर्ती इलाक़ों से लोगों ने अपने घरों को खाली करना शुरू कर दिया. इसके साथ ही सीमावर्ती राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में हवाई सेवाएं भी रद्द कर दी गईं.

लेकिन इस हवाई हमले को लेकर परस्पर विरोधी बयानबाज़ी देखने को मिली. पाकिस्तान ने दावा किया कि उसने छह-सात मई की दरमियानी रात को भारत के पांच लड़ाकू जेट गिराए, हालांकि भारत ने इस पर तुरंत प्रतिक्रिया देने से मना कर दिया.

भारत के विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने एक प्रेस ब्रीफ़िंग के दौरान एक सवाल के जवाब में ‘समय आने पर बताने’ की बात की और पाकिस्तान पर ‘झूठ बोलने’ के आरोप लगाए.

लेकिन इस हमले ने पाकिस्तान में तीख़ी प्रतिक्रिया को जन्म दिया. पाकिस्तान के सूचना मंत्री अताउल्लाह तरार ने इसे ‘हद पार करना’ क़रार दिया.

चीन, रूस, क़तर और संयुक्त राष्ट्र ने जहां संयम बरतने की बात की तो ब्रिटेन और ईरान ने दोनों पड़ोसियों के बीच मध्यस्थता की पेशकश की.

दूसरी तरफ़ अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तनाव के जल्द ख़त्म होने की उम्मीद जताई.

उन्होंने यहां तक कह दिया कि दोनों देश “कई दशकों और सदियों से लड़ रहे हैं…मैं बस यही उम्मीद करता हूं कि यह बहुत जल्दी खत्म हो जाए.”

हवाई हमले के तुरंत बाद तुर्की के राष्ट्रपति रैचप तैयप अर्देआन ने पाकिस्तान के प्रति समर्थन जताया तो वहीं चीन के विदेश मंत्रालय ने इसे ‘अफसोसजनक’ कहा. इस बीच इसराइल ने कहा कि वो भारत के साथ है.

लेकिन भारत के हवाई हमले के बाद, 24 घंटे के अंदर ही दक्षिण एशिया में दो परमाणु हथियार संपन्न पड़ोसियों के बीच जल्द ही टकराव की नौबत दिखाई देने लगी.

आठ मईः ड्रोन और मिसाइल हमले

भारतीय सेना

सात मई के बाद से ही पाकिस्तान ने जम्मू कश्मीर से सटे नियंत्रण रेखा पर गोलाबारी बढ़ा दी और भारत ने कहा कि इस गोलाबारी में उसके 16 नागरिक मारे गए जबकि कई लोग घायल हो गए.

आठ मई की रात सीमाई इलाक़ों में भारी गोलाबारी के बीच लोगों की रात गुजरी. पाकिस्तान से सटे भारत के सीमावर्ती इलाक़ों में रात को सायरन गूंजे और व्यापक पैमाने पर ब्लैकआउट रहा.

भारतीय रक्षा मंत्रालय ने कहा कि “जम्मू, पठानकोट और उधमपुर के मिलिट्री बेस पर पाकिस्तान की ओर से ड्रोन और मिसाइल अटैक किए गए हैं. इन हमलों को नाकाम कर दिया गया है.”

यहां तक कि इस दौरान धर्मशाला में चल रहे आईपीएल मैच के बीच ही फ़्लड लाइट्स को बंद कर दिया गया और मैच रोक दिया गया.

नौ मई को भारत के विदेश मंत्रालय की प्रेस ब्रीफ़िंग में कर्नल सोफ़िया कुरैशी ने बताया कि आठ मई की रात भारत के सैन्य बुनियादी ढांचे को पाकिस्तान ने 300 से 400 ड्रोन्स के ज़रिए निशाना बनाया. इस दौरान स्थानीय मीडिया में मिसाइलों से हमले की ख़बरें आईं.

कर्नल सोफ़िया ने कहा कि आठ मई की रात पाकिस्तान ने 36 स्थानों पर ड्रोन से घुसपैठ की कोशिश की थी. हालांकि बड़े पैमाने पर ड्रोन हमलों के कुछ देर बाद ही बीबीसी से बात करते हुए पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख़्वाजा आसिफ़ ने इन हमलों में हाथ होने से इनकार किया था.

लेकिन विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने बीते 24 घंटों में पाकिस्तान की ओर से की गई कार्रवाई का जवाब देने की बात कही.

भारतीय सेना ने भी कहा कि बीती रात पाकिस्तानी मिसाइल और ड्रोन हमलों को निष्क्रिय किया गया और नियंत्रण रेखा पर सीज़फ़ायर के उल्लंघन का जवाब दिया गया.

9 मईः भारत ने क्या कहा?

कर्नल सोफ़िया क़ुरैशी

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नौ मई को भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य टकराव अपने चरम पर पहुंच गया और दोनों देशों ने एक दूसरे पर बैलिस्टिक मिसाइलों से हमले के आरोप लगाए.

भारतीय सेना के अतिरिक्त लोक सूचना महानिदेशालय (एडीजी पीआई) ने कहा कि पाकिस्तानी सेना ने आठ और नौ मई की आधी रात भारत की पूरी पश्चिमी सीमा पर हमला किया.

10 मई को भारत के विदेश मंत्रालय की ओर से प्रेस ब्रीफ़िंग में दावा किया गया कि पाकिस्तान ने भारत के सैन्य हवाई अड्डों पर हाई स्पीड मिसाइल से हमला बोला था.

उधर पाकिस्तान ने अपने सैन्य हवाई अड्डों पर भारत की ओर से हवाई हमले के आरोप लगाए.

दोनों देशों के बीच बढ़ते टकराव के हाथ से निकल जाने के आसन्न ख़तरे के बीच अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कूटनीतिक प्रयास भी तेज़ हुए.

हालांकि अमेरिका के रुख़ को लेकर असमंजस तब और बढ़ गया जब अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने कहा, “हम मूल रूप से युद्ध में शामिल नहीं होने जा रहे हैं. यह हमारा काम नहीं है. हम कूटनीतिक तरीकों से इस मुद्दे पर अपना प्रयास जारी रखेंगे.”

22 अप्रैल को जब जम्मू- कश्मीर के पहलगाम में हमला हुआ था, उस वक़्त जेडी वेंस अपनी पत्नी और बच्चों के साथ भारत के दौरे पर थे.

लेकिन ताज़ा सीज़फ़ायर को लेकर अमेरिका की ओर से जो बयान आ रहा है उससे संकेत मिल रहा है कि इसमें जेडी वेंस ने अहम भूमिका निभाई.

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ ने भी सीज़फ़ायर के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उपराष्ट्रपति जेडी वेंस को धन्यवाद कहा है.

10 मई को तनाव चरम पर

जी- 7 देश

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शनिवार को पाकिस्तानी फ़ौज के जनसंपर्क विभाग ने एलान किया कि उन्होंने भारत के ख़िलाफ़ जवाबी हमला शुरू कर दिया है.

पाकिस्तान ने भारत पर उसके तीन सैन्य हवाई अड्डों को निशाना बनाने का आरोप लगाया था. पाकिस्तान ने जिन सैन्य हवाई अड्डों को निशाना बनाए जाने का दावा किया उनमें से एक रावलपिंडी का नूर ख़ान है जो कि पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद से 10 किलोमीटर दूर है.

हालांकि भारत ने अभी तक इन दावों पर कोई टिप्पणी नहीं की है.

पाकिस्तान की फ़ौज के जनसंपर्क विभाग आईएसपीआर के मुताबिक़, पाकिस्तान ने जवाबी कार्रवाई को ‘ऑपरेशन बुनयान मरसूस’ का नाम दिया.

एक समय ऐसा लग रहा था कि हालात और बिगड़ने जा रहे हैं लेकिन इसी बीच शनिवार को भारतीय समयानुसार शाम क़रीब 5.30 बजे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का एक सोशल मीडिया पोस्ट आया जिसमें भारत और पाकिस्तान के बीच सीज़फ़ायर की जानकारी दी गई थी.

इसके तुरंत बाद विदेश मंत्री मार्को रुबियो, पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री इसहाक़ डार और भारत के विदेश मंत्रालय की ओर से इस ख़बर की पुष्टि की गई.

हालांकि भारतीय सेना ने सीज़फ़ायर की घोषणा के साथ ही कहा, “सेना सीज़फ़ायर को लेकर बनी सहमति का पालन करेगी, लेकिन भारत की संप्रभुता बनाए रखने के लिए सेना ‘सतर्क’ रहेगी.”

भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर लिखा, “आतंकवाद के सभी रूपों के ख़िलाफ़ भारत ने लगातार कठोर और न झुकने वाला रुख़ अपनाया है. वो ऐसा करना जारी रखेगा.”

भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने कहा है कि शनिवार शाम पांच बजे से दोनों देश सैन्य कार्रवाई और फ़ायरिंग को बंद करने पर सहमत हुए हैं और दोनों देशों के डायरेक्टर जनरल ऑफ़ मिलिट्री ऑपरेशंस 12 मई को 12 बजे फिर से बात करेंगे.

अमेरिकी विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि ‘दोनों देश पूर्ण और तत्काल सीज़फ़ायर के साथ किसी निष्पक्ष जगह व्यापक मुद्दों पर बातचीत शुरू करने पर रज़ामंद हो गए हैं.’

हालांकि अभी ये स्पष्ट नहीं है कि बातचीत की रूपरेखा क्या होगी.

भारत पाक संघर्ष
भारत पाक संघर्ष
भारत पाक संघर्ष
भारत पाक संघर्ष
भारत पाक संघर्ष
भारत पाक संघर्ष
भारत पाक संघर्ष
भारत पाकिस्तान तनाव
भारत पाकिस्तान तनाव

बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित

SOURCE : BBC NEWS