Source :- LIVE HINDUSTAN
ईजमाईट्रिप की ओर से जारी बयान में कहा गया है- हम महादेव बेटिंग ऐप मामले में निशांत पिट्टी पर लगाए गए आरोपों का स्पष्ट रूप से खंडन करते हैं। ये दावे पूरी तरह से निराधार, भ्रामक हैं।

महादेव बेटिंग ऐप स्कैम के मामले में अब ईजमाईट्रिप के मुख्य कार्यकारी निशांत पिट्टी जांच के घेरे में आ गए हैं। हालांकि, इस ऑनलाइन ट्रैवल बुकिंग वाली कंपनी ने निशांत पिट्टी पर लगे सभी तरह के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) इस स्कैम में निशांत की भूमिका की जांच कर रहा है।
क्या कहा कंपनी ने?
ईजमाईट्रिप की ओर से जारी बयान में कहा गया है- हम महादेव बेटिंग ऐप मामले में निशांत पिट्टी पर लगाए गए आरोपों का स्पष्ट रूप से खंडन करते हैं। ये दावे पूरी तरह से निराधार, भ्रामक हैं। इन दावों में कोई तथ्य नहीं है। कंपनी के मुताबिक निशांत पिट्टी का महादेव ऐप से संबंधित किसी भी अवैध सट्टेबाजी संचालन या संस्थाओं के साथ प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कोई संबंध नहीं है। हम इन आरोपों को गंभीरता से लेते हैं। हम संबंधित अधिकारियों के साथ पूरा सहयोग कर रहे हैं ताकि तथ्यों को पारदर्शी और शीघ्रता से स्पष्ट किया जाए।
क्या है आरोप
मीडिया रिपोर्ट में ईडी के हवाले से दावा किया गया है कि निशांत पिट्टी को स्काई एक्सचेंज के संचालन की जानकारी थी, जो महादेव ऐप से जुड़ा एक अवैध सट्टेबाजी प्लेटफॉर्म है। ईजमाईट्रिप ने स्काई एक्सचेंज से जुड़ी दो शेल कंपनियों को भुगतान किया। शेल कंपनी का मतलब ऐसे व्यवसायों से है जो केवल कागजों पर मौजूद होते हैं और जिनका इस्तेमाल पैसे की आवाजाही को छिपाने के लिए किया जाता है। निशांत पिट्टी पर यह भी आरोप है कि वह शेयर की कीमतों में हेरफेर करने वाले एक ऑपरेटर के संपर्क में थे।
आरोपों पर सफाई
इन आरोपों पर कंपनी ने कहा- दोनों संस्थाओं ने मई 2021 में ओपन मार्केट के माध्यम से ईजमाईट्रिप के शेयर स्वतंत्र रूप से खरीदे। शेयरधारक अधिकारों के अनुसार दिसंबर 2021 में सामान्य तौर पर उन्हें लगभग ₹5 लाख का लाभांश दिया गया। इन संस्थाओं के साथ कोई अन्य लेन-देन या संबंध नहीं रहा है। ईजमाईट्रिप की ओर से आगे कहा गया है कि यह अनुचित अटकलें हमारे हितधारकों के विश्वास को कम करती हैं और हमारे नेतृत्व की ईमानदारी को गलत तरीके से पेश करती हैं।
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