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PM Modi in Kuwait: पीएम मोदी दो दिवसीय यात्रा में कुवैत पहुंचे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कुवैत के अमीर शेख मेशाल अल-अहमद अल-जबर अल-सबा के साथ रविवार को व्यापक वार्ता की जिसमें विशेष रूप से व्यापार, निवेश और ऊर्जा के क्षेत्रों में भारत-कुवैत संबंधों को नयी गति प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित किया गया। इस बीच समय निकालकर पीएम मोदी ने भारतीय प्रवासियों से भी मुलाकात की। पीएम मोदी ने गल्फ स्पिक लेबर कैंप का दौरा किया। यहां 90 फीसदी कर्मचारी भारतीय हैं। पीएम मोदी ने उनके साथ नाश्ता किया और ढेर सारी बातचीत की। इस दौरान तमिलनाडु के एक भारतीय श्रमिक ने पीएम मोदी से अपने गांव में इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनाने का सुझाव दिया। बिहार से आए एक श्रमिक ने पीएम मोदी से पूछा कि हमें भी कई बार काम की थकान के कारण मेडिकल लीव की जरूरत पड़ती है। क्या आपको भी मेडिकल लीव की जरूरत पड़ती हैं? इस पर पीएम मोदी ने शानदार जवाब दिया।
पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर कुवैत में काम कर रहे भारतीय कामगारों से मुलाकात और बातचीत का वीडियो शेयर किया है। मीना अब्दुल्ला में पीएम मोदी से मुलाकात और बातचीत के दौरान भारतीय श्रमिक काफी खुश नजर आए। पीएम मोदी ने शनिवार को भारतीय श्रमिकों के साथ काफी वक्त बिताया। कुवैत में 43 साल बाद कोई भारतीय प्रधानमंत्री पहुंचा है। इससे पहले इंदिरा गांधी ने कुवैत का दौरा किया था।
अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट की मांग उठाई
तमिलनाडु के एक श्रमिक ने पीएम मोदी को बताया कि 9 साल से वो इस कंपनी में काम कर रहा है और इतने वर्षों में उसने अपना खुद का घर बनाया है। श्रमिक ने पीएम मोदी से कहा कि उसके गांव के पास डोमेस्टिक एयरपोर्ट है, उसने एक अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट की मांग उठाई। जवाब में पीएम मोदी ने कहा कि वो इस सुझाव को अमल में लाएंगे। उन्होंने कहा कि जब मैं 2047 में विकसित भारत की बात करता हूं तो विदेश में रह रहा भारतीय यह अपेक्षा करे कि उसके गांव में इंटरनेशनल एयरपोर्ट खुले, यही विकसित भारत की सोच है।
क्या पीएम मोदी को मेडिकल लीव की जरूरत पड़ती है?
बिहार से आए एक श्रमिक पुरषोत्तम शर्मा ने पीएम मोदी को बताया कि वह पिछले 15 साल से इसी कंपनी में काम कर रहा है। उन्होंने बताया कि पहले हम लोगों को घर पर बात करने के लिए दिक्कत थी, लेकिन अब ऐसा नहीं है।
उन्होंने आगे कहा, बिहार के नालंदा विवि का उद्घाटन हुआ, उसके लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद। इससे वहां के छात्रों को अपने सुनहरे भविष्य के लिए मदद मिलेगी। शर्मा ने कहा, “सर हमकों यहां 8-10 घंटे काम करके थकान महसूस होती है। लेकिन आप इतने साल से लगातार काम कर रहे हैं, आपको यह ऊर्जा कहां से मिलती है? हमें बताएं ताकि हम भी उसे अपने जीवन में अपनाएं..”
पीएम मोदी ने क्या जवाब दिया
पीएम मोदी ने कहा, “मैं दिनभर सोचता रहता हूं, कि मेरा किसान, कितनी मेहनत करता है खेत में। हमारा श्रमिक कितनी मेहनत करता है। रात को कभी आप ट्रेन से उतरें, एक ऑटो रिक्शा वाला इतनी ठंड में आपके पास आ जाएगा कि आपको कहां जाना है। इसलिए जब मैं अपने भाइयों को इतनी मेहनत करते हुए देखता हूं तो सोचता हूं कि अगर मेरे भाई 10 घंटे काम करते हैं तो मुझे 11 घंटे काम करना चाहिए। आप लोग अपने परिवार के लिए मेहनत करते हैं, मैं अपने परिवार 140 करोड़ भारतीयों के लिए मेहनत करता हूं। इसलिए मुझे ज्यादा काम करना पड़ता है।”
क्या आपको मेडिकल लीव की जरूरत पड़ती है? सवाल के जवाब में पीएम मोदी ने कहा, “मुझे भी मेडिकल लीव मिलती है। मेरे श्रमिक भाइयों के पसीने की बूंद, मेरे लिए मेडिसिन है। इसलिए मैं कभी बीमार नहीं होता।”
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