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केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। दरअसल, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड (आरआईएनएल) के लिए 11,440 करोड़ रुपये के पुनरुद्धार पैकेज को मंजूरी दे दी है। इसकी जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा- प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड को रिवाइव करने के लिए 11,440 करोड़ रुपये का पैकेज मंजूर किया है। इससे कंपनी के कामकाज में सुधार होगा। प्रधानमंत्री मोदी के आत्मनिर्भर भारत के संकल्प में कंपनी की एक महत्वपूर्ण भूमिका है। मैं कंपनी के सभी कर्मचारियों को बधाई देता हूं और प्रधानमंत्री मोदी का इस पैकेज के लिए धन्यवाद करता हूं।
भारी कर्ज में है कंपनी
बता दें कि यह कंपनी कर्ज में डूबी है। अनुमान के मुताबिक इस कंपनी की कुल देनदारियां लगभग ₹35,000 करोड़ हैं। यह कंपनी आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में 7.5 मिलियन टन (एमटी) का इंटीग्रेटेड स्टील प्लांट संचालित करती है।
विजाग स्टील प्लांट के नाम से चर्चित
आरआईएनएल को विजाग स्टील प्लांट के नाम से जाना जाता है। यह कंपनी अपनी स्थापना के बाद से भारत के स्टील प्रोडक्शन मामले में अहम रही है। हाल के वर्षों में कंपनी बढ़ते कर्ज, परिचालन और वैश्विक बाजार की बाधाओं के कारण वित्तीय चुनौतियों से जूझ रही है। हालांकि, सरकार के इस नए कदम से लगभग 35,000 कर्मचारियों का भविष्य सुरक्षित होने की उम्मीद है। इनमें वेतनभोगी और कॉन्ट्रैक्ट के आधार पर काम करने वाले कर्मचारी भी शामिल हैं।
कर्मचारियों को VRS का विकल्प
हाल ही में राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड ने एक नई स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना यानी VRS की घोषणा की है। इसके तहत इच्छुक कर्मचारियों को 31 जनवरी, 2025 तक इसके लिए आवेदन करने के लिए आमंत्रित किया गया है। द हिंदू की खबर के मुताबिक जिन कर्मचारियों ने न्यूनतम 15 वर्ष की सेवा पूरी कर ली है और 45 वर्ष की आयु प्राप्त कर ली है, वे VRS के लिए पात्र हैं। पात्रता की गणना VRS का विकल्प चुनने वाले कर्मचारी के आवेदन की तिथि से की जाएगी।
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