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यूएनएससी की बैठक से पहले संयुक्त राष्ट्र में भारत के पूर्व स्थायी प्रतिनिधि राजदूत ने कहा, ‘ऐसी चर्चा से किसी नतीजे की उम्मीद नहीं की जा सकती है जहां एक पक्ष परिषद की अपनी धारणाओं को आकार देने में लगा है।’

भारत के खिलाफ पाकिस्तान का एक और पैंतरा उस पर ही भारी पड़ गया। पहलगाम आतंकी हमले के बाद इस्लामाबाद ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की रुख किया, मगर यहां भी उसे लताड़ लगी। भारत-पाकिस्तान में बढ़ते तनाव के बीच यूएनएससी ने बंद कमरे में इस मुद्दे पर चर्चा की, जिसमें राजदूतों ने संयम बरतने और बातचीत करने का आह्वान किया। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के मई महीने के लिए अध्यक्ष यूनान ने पाकिस्तान की मांग पर सोमवार को बैठक बुलाई थी। पाकिस्तान वर्तमान में सुरक्षा परिषद का एक अस्थायी सदस्य है। बैठक जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादियों की ओर से 26 लोगों की हत्या किए जाने के कुछ दिनों बाद हुई। पहलगाम हमले की घटना के बाद से भारत में आक्रोश फैल गया है। सुरक्षा परिषद की यह बैठक लगभग डेढ़ घंटे तक चली। बैठक का आयोजन यूएनएससी चैंबर में नहीं बल्कि उसके बगल के परामर्श कक्ष में हुआ।
सुरक्षा परिषद ने बैठक के बाद कोई बयान जारी नहीं किया, लेकिन पाकिस्तान ने दावा किया कि उसके उद्देश्य काफी हद तक पूरे हो गए। पाकिस्तान, फिलहाल 15 सदस्यीय शक्तिशाली सुरक्षा परिषद का अस्थायी सदस्य है, जिसने परमाणु-हथियार संपन्न पड़ोसी देशों के बीच स्थिति को लेकर बंद कमरे में परामर्श की मांग रखी थी। यूएस में राजनीतिक और शांति निर्माण मामलों के विभाग व शांति अभियान विभाग में पश्चिम एशिया, एशिया और प्रशांत मामलों के लिए सहायक महासचिव खालिद मोहम्मद खैरी ने परिषद को जानकारी दी। खैरी ट्यूनीशिया से हैं।
पाकिस्तान का कोई पैंतरा नहीं चला
बैठक से बाहर आकर खैरी ने कहा कि संघर्ष का समाधान बातचीत और शांतिपूर्ण तरीके से निकालने का आह्वान किया गया। उन्होंने कहा कि स्थिति काफी अस्थिर है। संयुक्त राष्ट्र में यूनान के स्थायी प्रतिनिधि व वर्तमान यूएनएससी अध्यक्ष राजदूत इवेंजेलोस सेकेरिस ने इसे सार्थक और उपयोगी बैठक बताया। सेकेरिस ने पिछले सप्ताह कहा था कि स्थिति पर परिषद की बैठक विचार व्यक्त करने का अवसर होगी। इससे तनाव को कम करने में मदद मिल सकती है। मीटिंग से बाहर आकर रूस के एक राजनयिक ने कहा, ‘हमें तनाव कम होने की उम्मीद है।’ संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत असीम इफ्तिखार अहमद ने कहा कि बैठक में देश के उद्देश्य काफी हद तक पूरे और हासिल किए गए। उन्होंने कहा कि बंद कमरे में हुई बैठक का उद्देश्य परिषद के सदस्यों को भारत-पाकिस्तान के बीच बिगड़ते सुरक्षा माहौल और बढ़ते तनाव पर चर्चा करना था। साथ ही, इस स्थिति से निपटने के तरीकों पर विचारों का आदान-प्रदान करने में सक्षम बनाना रहा। इसमें गंभीर परिणाम पैदा करने वाले टकराव से बचना और तनाव कम करने की आवश्यकता भी शामिल है।
राजदूत अहमद ने परिषद के सदस्यों को उनकी भागीदारी, संयम, तनाव कम करने और बातचीत के लिए उनके आह्वान के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान टकराव नहीं चाहता, लेकिन हम अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए पूरी तरह तैयार हैं। पाकिस्तान ने भारत की ओर से 1960 की सिंधु जल संधि को निलंबित करने का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा, ‘पानी जीवन है, हथियार नहीं। ये नदियां 24 करोड़ से अधिक पाकिस्तानियों का भरण-पोषण करती हैं।’ अहमद ने कहा कि बैठक में पाकिस्तान ने भारत सहित अपने सभी पड़ोसियों के साथ शांतिपूर्ण, सहयोगात्मक संबंधों के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।
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