Source :- LIVE HINDUSTAN
यूनाइटेड किंगडम और यूक्रेन के बीच 100 साल की साझेदारी को लेकर रूस ने चेतावनी जारी की है। रूस की तरफ से इस डील को लेकर कहा गया कि इस का समझौता हमारी सीमाओं के लिए और हमारी संप्रभुता के लिए खतरा होगा। हम इसे स्वीकार नहीं करेंगे। इससे पहले यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की और ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने एक समझौते की घोषणा करते हुए कहा कीव में शांति सेना को लेकर ब्रिटेन अपनी पूरी भूमिका निभाएगा।
क्रेमलिन के प्रवक्ता पेसकोव से जब इस समझौते के बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा,” बिल्कुल, यह हमारे लिए चिंता की बात है, क्योंकि ब्रिटेन एक नाटो देश है और एक नाटो देश अगर अपने सैन्य ढ़ांचे हमारी सीमा के निकट बनाता है तो यह हमारे लिए अच्छी बात नहीं है। हालांकि अभी इसके बारे में कोई ठोस बात सामने नहीं आई है। ऐसे में हमें मामले का विश्लेषण करना होगा की क्या हो सकता है।
उन्होंने कहा कि मॉस्को अजोब सागर में भी यूक्रेन और ब्रिटिश साझेदारी का विरोध करता है। क्योंकि अजोब सागर रूस का आंतरिक समुद्र है। इस पर कोई अन्य देश का अधिकार नहीं है। अजोब सागर रूस और यूक्रेन की सीमा पर है। यह सागर दक्षिण-पश्चिम रूस और दक्षिण यूक्रेन के साथ अपनी सीमा लगाता है। यूक्रेन की इस जमीन पर यूक्रेन ने इस युद्ध के दौरान कब्जा कर लिया, जबकि क्रीमिया पर वह 2014 के बाद से ही कब्जा करके बैठा हुआ है।
इससे पहले कीव में मीडिया से बात करते हुए जेलेंस्की ने कहा कि हमारी तरफ से स्टार्मर को अपनी इच्छा बता दी गई है। हमारा मानना यह है कि रूस के साथ युद्ध के समाप्त हो जाने के बाद पश्चिमी देशों की शांति सेनाओं को इस सीमा पर तैनात किया जाना चाहिए। एक इंटरव्यू के दौरान जब ब्रिटिश पीएम स्टार्मर ब्रिटिश सैनिकों को यूक्रेन में तैनात किए जाने के संबंध में सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि बिल्कुल, हम यूक्रेन में शांति और सुरक्षा के लिए अपनी पूरी भूमिका निभाएंगे।
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