Source :- LIVE HINDUSTAN

कई बार पैरेंट्स कुछ ऐसी गलतियां कर बैठते हैं, जो उनके बच्चों को बिगाड़ने का काम करती हैं। अभी नजरंदाज की गई ये बातें आगे चलकर भविष्य में बच्चे और पैरेंट्स दोनों के लिए परेशानी का कारण बन सकती हैं।

माता-पिता बनना एक बेहद खास एहसास होता है, लेकिन इसके साथ ही यह एक बड़ी ज़िम्मेदारी भी होती है। अपने बच्चों को खुश रखने के चक्कर में हम कभी-कभी ऐसे फैसले ले लेते हैं जो धीरे-धीरे उन्हें बिगाड़ने लगते हैं। हर बात मान लेना, गलती पर चुप रह जाना या जरूरत से ज्यादा सुरक्षा देना, ये सभी बातें बच्चे के विकास पर गलत असर डाल सकती हैं। ऐसे में जरूरी है कि हम अपनी पैरेंटिंग स्टाइल पर नजर डालें और समझें कि कहीं हम खुद ही तो अपने बच्चे को बिगाड़ने की राह पर नहीं ले जा रहे। चलिए जानते हैं कुछ ऐसे संकेतों को, जो बताते हैं कि आपको अपनी पेरेंटिंग स्टाइल में बदलाव लाने की जरूरत है।

बच्चे की हर मांग को पूरा करना

बच्चों को लाड-प्यार करना और उनकी जरूरतों को पूरा करना मां-बाप की जिम्मेदारी होती है। लेकिन इसका यह मतलब बिल्कुल नहीं है कि आप अपने बच्चों की हर सही-गलत मांग को पूरा करने बैठ जाएं। बच्चे की हर जिद को पूरी कर के आप उसे बिगाड़ रहे हैं। इससे एक तो बच्चे को ना सुनने की आदत नहीं पड़ती, जिससे उसका बिहेवियर ऐसा हो जाता है कि वो बड़ा होकर सोशली एडजस्ट नहीं हो पाता।

अनुशासन की कमी

अगर आप अपने बच्चे को गलतियों पर टोके बिना छोड़ देते हैं या हर बार उन्हें बहाना बना कर बचा लेते हैं, तो यह लापरवाह पालन-पोषण का संकेत है। बच्चों को अनुशासन सिखाना उतना ही जरूरी है जितना उन्हें प्यार देना। बच्चे को सही और गलत के बीच फर्क समझाना एक माता-पिता की प्राथमिक जिम्मेदारी होती है। बच्चों की गलतियों को नजरअंदाज करने के बजाय, उन्हें उनकी गलती का एहसास दिलाएं। जरूरत पड़ने पर उन्हें पनिशमेंट भी दें।

बच्चे को लेकर ओवर प्रोटेक्टिव होना

कुछ पेरेंट्स की आदत होती है कि वे अपने बच्चे को लेकर ओवर प्रोटेक्टिव होते हैं। हर वक्त बच्चे के पीछे रहना, उसे कोई काम खुद से करने ना देना या हर छोटी-बड़ी समस्या को खुद सुलझा देना। लेकिन पेरेंट्स की इस आदत की वजह से बच्चा आत्मनिर्भर नहीं बन पाता। इस वजह से उसमें आत्मविश्वास की कमी होने लगती है और वह लाइफ के चैलेंज को ठीक तरह से फेस नहीं कर पाता।

दूसरों की आलोचना पर तुरंत बचाव करना

कई पेरेंट्स की आदत होती है कि जब कोई दूसरा व्यक्ति उनके बच्चे की गलतियों को उजागर करने की कोशिश करता है, तो वो बिना पूरी बात सुने या समझे उस व्यक्ति को ही गलत ठहराने लगते हैं। यदि आपकी भी यही आदत है, तो यह एक और संकेत है कि आप बच्चे को बिगाड़ रहे हैं। इससे बच्चा यह सीखता है कि वह जो भी करेगा, मम्मी-पापा उसके पीछे खड़े होंगे, चाहे वह गलत ही हो। ऐसे में बच्चों का बिगड़ना स्वाभाविक ही है।

गलत व्यवहार को नजरअंदाज करना

अगर आप अपने बच्चों की गलतियों को नजर अंदाज कर रहे हैं तो यह भी बैड पेरेंटिंग का ही एक संकेत है। बच्चे का किसी के साथ बदतमीज़ी से बात करना, चीजें तोड़ना, झूठ बोलना या चोरी करना; यदि आप ऐसे व्यवहार को हल्के में लेते हैं, तो आप बच्चे के नैतिक विकास को खतरे में डाल रहे हैं। ऐसे मामलों में चुप रह जाना बच्चे के लिए यह संदेश देता है कि यह सब करना सही है।

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