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तेजप्रताप का कृष्ण अवतार

तेजप्रताप यादव हमेशा मीडिया की सुर्खियों में बने रहते हैं। ताजा मामला उनकी पर्सनल लाइफ से जुड़ा है, उनकी और अनुष्का यादव की तस्वीरें शनिवार को सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुईं। तस्वीर के साथ पोस्ट भी लिखा था जिसमें अनुष्का यादव के साथ तेजप्रताप ने अपने रिलेशनशिप का खुलासा किया था। उसके बाद उनकी और अनुष्का की कई तस्वीरें और वीडियोज वायरल हो रहे हैं, जो उनके रिश्ते की सच्चाई को बयां कर रहे हैं लेकिन तेजप्रताप यादव ने सफाई दी है और कहा है कि मेरा सोशल मीडिया अकाउंट हैक कर इस तरह के पोस्ट किए जा रहे हैं।

तेजप्रताप की पोस्ट से मचा बवाल

 मामला तेजप्रताप की पोस्ट का है जो वायरल हुआ जिसे पोस्ट करते हुए तेज प्रताप की तरफ से लिखा गया, “मैं तेज प्रताप यादव और मेरे साथ इस तस्वीर में जो दिख रही हैं, उनका नाम अनुष्का यादव है। हम दोनों पिछले 12 सालों से एक-दूसरे को जानते हैं और प्यार भी करते हैं। हम लोग पिछले 12 सालों से एक रिलेशनशिप में रह रहे हैं। मैं बहुत दिनों से आप लोगों से यह बात कहना चाहता था, पर समझ नहीं आ रहा था कैसे कहूं… इसलिए आज इस पोस्ट के माध्यम से अपने दिल की बात आप सबके बीच रख रहा हूं। आशा करता हूं आप लोग मेरी बातों को समझेंगे।”

इस पोस्ट को दो बार सोशल मीडिया से डिलीट किया गया और तेजप्रताप ने लिखा कि उनका अकाउंट हैक हो गया है। इस पोस्ट से बिहार की राजनीति में हड़कंप मचा, बयानबाजी हुई तो लालू यादव ने कड़ा रूख दिखाते हुए बेटे को पार्टी और परिवार से छह साल के लिए निकाल दिया। इसपर विपक्षी दलों ने लालू की इस कार्रवाई को नाटक करार दिया है।

अनुष्का यादव के साथ तेजप्रताप की वायरल फोटो

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अनुष्का यादव के साथ तेजप्रताप की वायरल फोटो

तेजप्रताप की पर्सनल और पॉलिटिकल लाइफ बिहार की राजनीति में चर्चा का विषय बनी रहती हैं। शादी के बाद दारोगा राय के खानदान से संबंध जुड़ा लेकिन ये संबंध चल नहीं सका, मीडिया में कई तरह की चर्चा हुई और ये रिश्ता फिलहाल कोर्ट में पड़ा है। इससे पहले भी तेज प्रताप कई बार पार्टी और पिता लालू यादव और भाई तेजस्वी के लिए मुसीबत बन चुके हैं।

बिहार की सियासत में लालू यादव की राजद की गहरी पैठ है और राजद को बनाने और उसकी साख बचाए रखने में लालू ने अपनी पूरी जिंदगी लगा दी। हालांकि उनकी मंशा यही रही कि उनके बेटे भी राजनीति में उनकी ही तरह आगे बढ़ें और पार्टी को संभालें। लेकिन लालू की मंशा को क्रिकेट के मैदान से सियासी पिच पर उतरे तेजस्वी ने जहां तक पूरा भी किया लेकिन लालू यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप को लेकर राजद और लालू के परिवार में दरार की बातें भी सामने आती रहीं। तेजप्रताप के कारनामे और उनका स्वभाव किसी से छुपा नहीं है।

वायरल तस्वीर से मचा है हंगामा

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वायरल तस्वीर से मचा है हंगामा

तेजप्रताप लालू की नकल कर जनता के दिल में वहीं छवि पेश करने की कोशिश करते रहते हैं लेकिन उनकी कुछ हरकतें लालू की फैमिली और उनकी पार्टी राजद को फिर से चर्चा के बाजार में लाकर खड़ी कर देती है। हालांकि राजद सुप्रीमो के बड़े बेटे तेजप्रताप बिहार से सत्ता छिन जाने के बाद भी हनक बनाए हुए हैं और फिलहाल, वे समस्तीपुर के हसनपुर से राजद के विधायक हैं। कहा जा रहा है कि इस बार तेज प्रताप यादव समस्तीपुर की हसनपुर सीट छोड़कर वैशाली जिले की महुआ सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। 

तेजप्रताप को राजनीति की हनक इसलिए भी है क्योंकि माता राबड़ी देवी और पिता लालू यादव बिहार के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। राबड़ी देवी तो फिलहाल विधान परिषद में विपक्ष की नेता भी हैं, जबकि तेजप्रताप के छोटे भाई तेजस्वी यादव बिहार के नेता प्रतिपक्ष हैं। बड़ी बहन मीसा भारती पाटलिपुत्र की सांसद हैं। खुद तेजप्रताप यादव महागठबंधन की सरकार बनने के बाद नीतीश कैबिनेट में दो-दो बार मंत्री रह चुके हैं।

अपने बेटों के साथ लालू यादव

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अपने बेटों के साथ लालू यादव

तेजप्रताप की राजद के वरिष्ठ नेताओं और अपने भाई तेजस्वी यादव से अनबन की खबरें भी राजनीतिक गलियारों में चलती रही हैं। लेकिन फिर डैमेज कंट्रोल करते हुए उन्होंने खुद को “कृष्ण” और तेजस्वी को “अर्जुन” बताया। इसके साथ ही उनकी कई हरकतें सोशल मीडिया पर वायरल होती रही हैं। जैसे कभी तो वो कृष्ण का रूप धर बंसी बजाने लगते हैं तो कभी भगवान शिव की आराधना में लीन हो जाते हैं। कभी जलेबी तलने लगते हैं तो कभी पुलिसवालों को भी ऐसे आदेश देते हैं जिसका मखौल उड़ाया जाता है। 

तेजप्रताप की अद्भुत पूजा

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तेजप्रताप की अद्भुत पूजा

तेजप्रताप की इस तरह की हरकतों से राजद को बट्टा लग सकता है क्योंकि चुनाव के तारीखों की जल्द ही घोषणा हो सकती है और इस बार के चुनाव में राजद को अपनी मजबूती दिखानी होगी, क्योंकि सामने मौजूद सत्तापक्ष काफी मजबूत है। तेजप्रताप की इस प्रकार की बयानबाजी ने अक्सर उनकी राजनीतिक गंभीरता पर सवाल खड़े किए हैं। इस बार चुनाव से पहले इस डैमेज कंट्रोल कर लालू किस तरह से पार्टी को बचाएंगे क्योंकि तेजस्वी का भविष्य भी इस बार के चुनाव में तय हो जाना है। इसीलिए लालू किसी तरह की कोई गलती करने वाले को बख्शने के मूड में नहीं हैं।

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