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विश्व चैंपियन डोमाराजू गुकेश ने रविवार को नॉर्वे शतरंज 2025 टूर्नामेंट के राउंड 6 में पूर्व विश्व नंबर 1 मैग्नस कार्लसन के खिलाफ शानदार जीत हासिल की। गुकेश ने कमाल का खेल इस दिग्गज के सामने दिखाया।

Vikash Gaur एएनआई, नई दिल्लीMon, 2 June 2025 07:19 AM
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वर्ल्ड चैंपियन डी गुकेश ने महान मैग्नस कार्लसन को दी मात, दोनों के रिऐक्शन में था जमीन-आसमान का अंतर

विश्व चैंपियन डोमराजू गुकेश ने नॉर्वे शतरंज 2025 टूर्नामेंट के राउंड 6 में पूर्व वर्ल्ड नंबर 1 मैग्नस कार्लसन के खिलाफ शानदार जीत हासिल की। मैग्नस कार्लसन के खिलाफ डी गुकेश की ये जीत ऐतिहासिक थी, क्योंकि उन्होंने खेल को हार की स्थिति से पलटने का काम किया था। यह गुकेश की इस दिग्गज के खिलाफ पहली क्लासिकल जीत थी। 19 वर्षीय गुकेश प्रतियोगिता के इतिहास में कार्लसन को हराने वाले दूसरे भारतीय खिलाड़ी भी बन गए, इससे पहले रमेशबाबू प्रगनानंद ने कार्लसन को हराया था। इस मुकाबले में गुकेश से हारने के बाद मैग्नस कार्लसन का रिऐक्शन देखने लायक था। वहीं, गुकेश बहुत शांत दिखे।

मैच में ज्यादातर समय कार्लसन गुकेश पर हावी रहे, लेकिन अंत में वे अपनी घबराहट पर काबू नहीं रख पाए और इस युवा खिलाड़ी ने बाजी पलट दी और मैच अपने नाम कर लिया। इस जीत के साथ, डी गुकेश 8.5 अंकों के साथ नॉर्वे शतरंज 2025 पॉइंट्स टेबल में तीसरे स्थान पर पहुंच गए और अब वे कार्लसन और अमेरिकी फैबियानो कारूआना से सिर्फ एक अंक पीछे हैं।

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इससे पहले 27 मई को नॉर्वे शतरंज 2025 में राउंड वन का मार्की मुकाबला उम्मीदों पर खरा उतरा, जब मैग्नस कार्लसन ने रोमांचक मुकाबले में मौजूदा विश्व चैंपियन डी गुकेश को हराने के लिए क्लासिक किंग हंट की शुरुआत की। गुकेश के विश्व खिताब जीतने के बाद यह उनका पहला क्लासिकल मैच था और इसने कार्लसन की लगभग एक साल बाद व्यक्तिगत क्लासिकल शतरंज में वापसी को भी चिह्नित किया। इस जीत पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए गुकेश के कोच और ग्रैंडमास्टर विष्णु प्रसन्ना ने उनकी प्रशंसा की। जीतने के बाद जिस तरह का रिऐक्शन मैग्नस कार्लसन का था और जिस तरह गुकेश ने रिएक्ट किया, वह देखने लायक था। आप भी देखिए वीडियो…

विष्णु प्रसन्ना ने कहा, “हमें गुकेश की जिद और उसकी कुशलता के लिए बहुत सारा श्रेय देना होगा, क्योंकि मुझे लगता है कि उसे पता था कि वह इस मुकाबले में हारता आ रहा था, फिर भी वह लगातार प्रयास करता रहा और जैसे-जैसे समय कम होता गया, उसके पास इस स्थिति के साथ वास्तव में कुछ करने के अधिक अवसर होते गए। मुझे नहीं लगता कि उसका इंटेंट इसे जीतने का था, लेकिन हां, मुझे यकीन है कि वह खुश है।”

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