Source :- NEWS18
Last Updated:May 10, 2025, 18:37 IST
हिंदी सिनेमा का वो दिग्गज अभिनेता जिनका रूमानी अंदाज, स्टाइलिश कपड़े और चार्मिंग स्क्रीन प्रेजेंस के लिए जाना जाता था. उन्होंने कई म्यूजिकल हिट फिल्मों में काम किया और हेमंत कुमार व मोहम्मद रफी जैसे गायकों के ग…और पढ़ें
माला सिन्हा संग हिट थी जोड़ी
हाइलाइट्स
- बिश्वजीत ने 60-70 के दशक में कई हिट फिल्में दीं.
- वहीदा रहमान संग ’20 साल बाद’ में बिश्वजीत की जोड़ी हिट रही.
- ओवरकॉन्फिडेन्स ने बिश्वजीत का करियर बर्बाद कर दिया.
नई दिल्ली. 1960 और 70 के दशक का वो जाना माना एक्टर जिन्होंने अपने दौर की हर मशहूर एक्ट्रेसेस के साथ काम किया. रोमांटिक और म्यूजिकल फिल्मों में अपने किरदारों के जरिए उन्होंने एक खास पहचान बनाई. 63 साल पहले वहीदा रहमान के साथ भी उनकी जोड़ी काफी पसंद की गई थी. लेकिन ओवरकॉन्फिडेंस ने उनका बना बनाया करियर बर्बाद कर दिया.
एक्टिंग की दुनिया का वो चमकता सितारा कोई और नहीं बल्कि जाने माने अभिनेता बिश्वजीत थे. उनकी कामयाबी में बहुत बड़ा योगदान उनकी फिल्मों के साथ-साथ उनकी फिल्मों के गानों का भी रहा. उनके कुछ सदाबहार गीतों ने तो लोगों को दीवाना बना दिया था. कहीं दीप जले कहीं दिल, नाज़ुक न बनो, पुकारता चला हूं मैं, कजरा मोहब्बत वाला जैसे उनके गाने आज भी लोग गुनगुनाते हैं. करियर की शुरुआत उन्होंने बंगाली फिल्मों से की. लेकिन जल्द ही वह हिंदी सिनेमा की ओर बढ़े और फिर उन्होंने इंडस्ट्री में धाक जमा ली.
63 साल पहले वहीदा रहमान संग आए थे नजर
साल 1962 में बिश्वजीत ने वहीदा रहमान के साथ हॉरर फिल्म ’20 साल बाद’ में काम किया था. 60 के दशक में डराने वाली साइकोलॉजिकल थ्रिलर फिल्म को लोग आज भी नहीं भूल पाए हैं. इस फिल्म का एक गाना तो इतना पॉपुलर हुआ था कि जिसके कारण सभी अपने घरों में दुबक जाते.लवो गाना था कहीं दीप जले दिल…इस गाने को खूब पसंद किया गया था.फिल्म में वहीदा रहमान के साथ बिश्वजीत की जोड़ी को भी काफी पसंद किया गया था.
हर बड़ी एक्ट्रेस संग किया काम
बिश्वजीत ने अपने करियर में उस दौर की तकरीबन हर एक्ट्रेस के साथ काम किया था. उन्होंने वहीदा रहमान – बीस साल बाद,माला सिन्हा – नाईट इन लंदन, आशा पारेख के साथ दो बदन, साधना के साथ एक फूल दो माली, मुमताज के साथ नाईट इन लंदन, शर्मिला टैगोर के साथ दो दूनी चार, राजश्री के साथ आई मिलन की बेला, तनुजा संग दो चौर और नूतन के साथ छोटी बहू में काम किया था.
ओवरकॉन्फिडेंस ने बर्बाद किया करियर
70 के दशक में बिश्वजीत चटर्जी की फिल्मों में लोग उनके रोमांम को देख उनके मुरीद हो जाया करते थे. वह जिस फिल्म का हिस्सा बनते वह हिट गो जाती. वह जिस गाने में नजर आते थे वो सदाबहार बन जाता था.उन्हें लगा कि वह जो काम करेंगे लोग उसे पसंद करेंगे. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इसी समय में उनके एक दोस्त ने उन्हें एक्टिंग के अलावा प्रोड्यूसर बनने की सलाह दे डाली.फिर क्या था, साल 1975 में अपनी फिल्म ‘कहते हैं मुझको राजा’ का निर्माण और निर्देशन किया. इस पर उन्होंने अपना सारा पैसा लगा दिया. फिल्म तो फ्लॉप हुई ही उनका बना बनाया करियर भी बर्बाद हो गया.
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