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 जयपुर. छोटे-छोटे गोल आकार के आंवला फल को विटामिन सी का खान माना जाता है. इस पेड़ को आयुर्वेद का ‘राजा’ कहा जाता है. आंवला का पेड़ बगीचे और  खेतों में आसानी से लगाया जा सकता है. इस पेड़ को धार्मिक दृष्टि से भी पूजनीय माना जाता है. आंवले के पेड़ को  भगवान विष्णु के रूप में पूजा जाने वाला पेड़ होता है. कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को आंवला नवमी के रूप में मनाई जाती है. इस दिन आंवले के पेड़ की पूजा होती है.

आंवले के औषधीय गुण
आयुर्वेदिक डॉक्टर नरेंद्र कुमार ने बताया कि छोटे-छोटे गोल आकार के गुच्छों में लगने वाला आंवला विटामिन सी का खजाना होता है. इसमें प्रचुर मात्रा में पोषक तत्व मौजूद होते हैं. इसके अलावा इसमें कैल्शियम, आयरन, फॉस्फोरस, फाइबर और कार्बोहाइड्रेट भी पर्याप्त मात्र में होता है. आंख की रौशनी बढ़ाने में यह बहुत उपयोगी फल है. इसमें मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट गुण रेटीना के लिए काफी फायदेमंद होता है. आंवला विटामिन सी का बहुत अच्छा स्रोत होता है.

कब्ज की समस्या से दिलाएगा छुटकारा 
डॉक्टर ने बताया कि आंवला शरीर में मौजूद गंदगी को साफ करने और वजन कम करने में भी बहुत सहायक माना जाता है. रोजाना इसके सेवन से शरीर में गंदगी जमा नहीं हो पाती है. वही दस्त में आराम के लिए आंवले में भरपूर मात्रा में डाइट्री फाइबर मौजूद होते हैं. इसके सेवन से कब्ज की समस्या दूर हो जाती हैं. पाचन क्रिया भी ठीक हो जाती है.

आंवला का धार्मिक महत्व 
धर्म विशेषज्ञ चंद्रप्रकाश ढ़ांढ़ण ने बताया कि आंवला नवमी को आंवले के पेड़ की पूजा की जाती है. इस दिन आंवले के पेड़ के नीचे बैठकर पूजा की जाती है और भोजन किया जाता है. इसके अलावा आंवले के पेड़ की पूजा करने से निरोगी शरीर, सुख, समृद्धि, और सौभाग्य मिलता है. इस पेड़ को भगवान विष्णु का प्रिय पेड़ माना जाता है.

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