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बांग्लादेश में सुप्रीम कोर्ट ने बीएनपी की नेत्री खालिदा जिया को भ्रष्टाचार के मामलों से बरी कर दिया है। कोर्ट के इस फैसले के बाद खालिदा जिया का चुनाव लड़ने का रास्ता साफ हो गया है। खालिदा जिया को हसीना के शासन के दौरान भ्रष्टाचार के आरोप लगा जेल में डाल दिया गया था। हालांकि शेख हसीना के बांग्लादेश छोड़ने के कुछ ही घंटों बाद खालिदा जिया को भी हिरासत से रिहा कर दिया गया था।

खालिदा जिया के खिलाफ लगे भ्रष्टाचार के मामलों की सुनवाई करते हुए बुधवार को बांग्लादेशी कोर्ट ने फैसला सुनाया। कोर्ट ने खालिदा जिया के 17 सालों की जेल की सजा को बुधवार को माफ कर दिया। इसमें से 10 सालों की सजा अनाथालय भ्रष्टाचार मामले में और सात साल की सजा अन्य भ्रष्टाचार मामलों में सुनाई गई थी। कोर्ट ने खालिदा जिया के अतिरिक्त उनके बेटे बीएनपी के नेता तारिक रहमान को भी इस मामले में रिहा कर दिया गया।

क्या था मामला?

बांग्लादेश में पिछले तीन से चार दशकों में बेगम बनाम बेगम की लड़ाई चलती रही है। बांग्लादेश में लोग शेख हसीना और खालिदा जिया की राजनीतिक प्रतिद्वंदिता को इसी नाम से जानते हैं। शेख हसीना की सत्ता के समय खालिदा जिया और उनकी पार्टी के अन्य सदस्यों के ऊपर 1991 से प्रधानमंत्री रहते हुए करीब 2.5 लाख डॉलर के भ्रष्टाचार का आरोप लगा।

खालिदा जिया को गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया गया। कोर्ट ने उन्हें 5 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई और अन्य आरोपियों को 10 साल जेल और जुर्माना भी लगाया। खालिदा जिया जब उच्चतम कोर्ट में गई तो वहां पर उनकी सजा को बढ़ाकर 10 साल कर दिया गया।

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हालांकि बाद में जिया ने इस फैसले के खिलाफ याचिका दायर की लेकिन केस आगे नहीं बढ़ सका। 5 अगस्त को शेख हसीना के सत्ता छोड़ने के बाद नवंबर में कोर्ट ने खालिदा जिया की याचिका को स्वीकार कर लिया। इस मामले पर सुनवाई करते हुए जज न मामले को दुर्भाग्यपूर्ण और बदले की भावना से प्रेरित बताते हुए खारिज कर दिया। इतना ही नहीं उन्होंने खालिदा जिया को लगभग सभी आरोपों से मुक्त कर दिया। इस फैसले के बाद खालिदा का चुनाव लड़ने का रास्ता साफ हो गया है।

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