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बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना की भतीजी और लेबर पार्टी की सांसद ट्यूलिप सिद्दीक ने मंगलवार को ब्रिटेन के वित्त मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। सिद्दीक पर पिछले सप्ताह भ्रष्टाचार और लंदन में उनकी संपत्तियों के इस्तेमाल को लेकर पारदर्शिता के अभाव के आरोप लगे थे।
सिद्दीक ने प्रधानमंत्री कीअर स्टार्मर को भेजे गए पत्र में कहा, ‘मैं आपको आश्वस्त करना चाहती हूं कि मैंने इन मामलों में पूरी पारदर्शिता के साथ और अधिकारियों की सलाह पर काम किया है और करती रहूंगी।’ हालांकि, यह स्पष्ट है कि वित्त मंत्री पद पर बने रहना सरकार के काम में बाधा डालने वाला हो सकता है… इसलिए मैंने मंत्री पद से इस्तीफा देने का फैसला किया है।’
ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने इस्तीफे को स्वीकार करते हुए प्रतिक्रिया व्यक्त की, तथा डाउनिंग स्ट्रीट (प्रधानमंत्री कार्यालय) द्वारा सिद्दीक के स्थान पर लेबर पार्टी की सांसद एम्मा रेनॉल्ड्स को वित्त मंत्री बनाने की पुष्टि की।
उन्होंने कहा, ‘आपका इस्तीफा स्वीकार करते हुए, मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि मुझे बताया गया है कि आपके खिलाफ मंत्रिस्तरीय संहिता के उल्लंघन का कोई मामला नहीं मिला है और आपकी ओर से वित्तीय अनियमितताएं किए जाने का कोई सबूत नहीं मिला है।’
बांग्लादेश ने उठाई जांच की मांग
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख सलाहकार मुहम्मद यूनुस ने सिद्दीक और उनके परिवार की संपत्तियों की जांच की मांग की थी। यूनुस ने संकेत दिया है कि सिद्दीक ने अपनी मौसी शेख हसीना के बांग्लादेश की प्रधानमंत्री के रूप में कार्यकाल के दौरान अवैध तरीकों से ये संपत्तियां अर्जित की होंगी।
‘टाइम्स’ अखबार को दिए एक साक्षात्कार में यूनुस ने सिद्दीक और उनके परिवार को ‘उनकी मौसी की अपदस्थ सरकार के सहयोगियों’ द्वारा उपहार में दी गई संपत्तियों के उपयोग की निंदा की। उन्होंने मांग की कि यदि यह पाया जाता है कि उन्हें ‘स्पष्ट लाभ’ मिला है तो उनकी संपत्ति बांग्लादेश को वापस कर दी जाए।
यूनुस ने कहा, ‘यह साफ तौर पर डकैती है।’ उन्होंने पिछली सरकार पर धोखाधड़ी के जरिये धन की हेराफेरी करने का आरोप लगाया, जिसका देश पर दीर्घकालिक प्रभाव पड़ा है। यूनुस के साक्षात्कार को प्रकाशित करने के एक दिन बाद, ब्रिटिश अखबार ने रविवार को एक और खबर छापी, जिसका शीर्षक था ‘बांग्लादेशी नेता की फटकार के बाद (ब्रिटेन के) प्रधानमंत्री से ट्यूलिप सिद्दीक को बर्खास्त करने का आग्रह’।
(एजेंसी इनपुट के साथ)
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