Source :- LIVE HINDUSTAN
कनाडा की मार्क कार्नी सरकार संसद में नया नागरिकता विधेयक लेकर आई है। इस विधेयक ने भारतीयो समेत अन्य प्रवासियों के चेहरे की मुस्कान लौटा दी है।

कनाडाई सरकार ने संसद में एक नया नागरिकता विधेयक Bill C-3 पेश किया है, जो विदेश में जन्मे बच्चों को भी कनाडाई नागरिकता देने का रास्ता खोलता है। यह भारतीयों और अन्य प्रवासी समुदायों के लिए राहतभरी खबर लेकर आया है। यह पहल ऐसे वक्त में आई है जब अमेरिका में ट्रंप प्रशासन ने बर्थराइट नागरिकता खत्म कर प्रवासियों की चिंताएं और बढ़ा दी हैं।
इस विधेयक का मकसद कनाडाई नागरिकता के मौजूदा कानून में एक बड़ा बदलाव करना है। अभी तक कनाडा के किसी व्यक्ति को, अगर वह विदेश में पैदा हुआ है, तो वह अपनी नागरिकता अपने बच्चों को नहीं दे सकता था – खासकर अगर बच्चे भी विदेश में पैदा हुए हों। यह “फर्स्ट जनरेशन लिमिट” 2009 में लागू की गई थी।
नई व्यवस्था के तहत अब कनाडा से बाहर पैदा हुए कनाडाई नागरिक भी अपने बच्चों को नागरिकता दे सकेंगे, बशर्ते कि उन्होंने बच्चे के जन्म या गोद लेने से पहले कनाडा में कुल 1095 दिन (करीब 3 साल) बिताए हों।
प्रवासी भारतीयों को फायदा कैसे?
यह कानून विशेष रूप से उन भारतीय परिवारों के लिए भी लाभकारी होगा जो कनाडा में रहते हैं लेकिन उनके बच्चे विदेशों में जन्म लेते हैं या उन्हें विदेश से गोद लिया जाता है। अमेरिका में ट्रंप सरकार के बर्थराइट खत्म करने के फैसले के बाद यह कदम प्रवासियों के लिए उम्मीद की किरण के रूप में देखा जा रहा है।
कनाडा की इमिग्रेशन मंत्री लीना मेटलेज डियाब ने इसे पेश करते हुए कहा, “वर्तमान कानून आज की वैश्विक जीवनशैली और पारिवारिक संरचना को प्रतिबिंबित नहीं करता। यह बदलाव कनाडाई मूल्यों को बेहतर तरीके से दर्शाता है।”
आगे क्या होगा?
विधेयक को कानून बनने के लिए कनाडा की संसद के दोनों सदनों से पारित होना होगा और उसके बाद राजकीय स्वीकृति मिलेगी। इसके बाद इमिग्रेशन विभाग ने वादा किया है कि वे “इन बदलावों को यथाशीघ्र लागू करेंगे।”
SOURCE : LIVE HINDUSTAN