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सोशल मीडिया पर वायरल सेना फंड वाला मैसेज भ्रामक है।
नई दिल्ली: सोशल मीडिया पर एक बैंक खाते की जानकारी तेजी से वायरल हो रही है, जिसमें लोगों से प्रतिदिन एक रुपये दान करने की अपील की जा रही है। दावा किया जा रहा है कि बॉलीवुड एक्टर अक्षय कुमार के सुझाव पर मोदी सरकार ने हाल ही में कैबिनेट बैठक में भारतीय सेना के आधुनिकीकरण और युद्ध में घायल या शहीद सैनिकों की मदद के लिए यह खाता खोला है, जबकि सच्चाई यह है कि हाल-फिलहाल ऐसी कोई कैबिनेट मीटिंग नहीं हुई है और न ही ऐसा कोई फैसला किया गया है। वायरल पोस्ट में यह भी कहा गया है कि इस फंड का उपयोग सेना और अर्धसैनिक बलों के लिए हथियार खरीदने में किया जाएगा।
वायरल पोस्ट में क्या है?
वायरल पोस्ट में लिखा गया है, ‘सुपरस्टार अक्षय कुमार के सुझाव पर मोदी सरकार का एक और अच्छा फैसला: केवल एक रुपये प्रतिदिन, वह भी भारतीय सेना के लिए। मोदी सरकार ने कल कैबिनेट बैठक में भारतीय सेना और युद्ध क्षेत्र में घायल या शहीद सैनिकों के लिए एक बैंक खाता खोला। हर भारतीय अपनी इच्छानुसार राशि दान कर सकता है, जो 1 रुपये से शुरू होकर असीमित है। इस पैसे से सेना और अर्धसैनिक बलों के लिए हथियार भी खरीदे जाएंगे।’
पोस्ट में आगे दावा किया गया कि अगर भारत की 130 करोड़ आबादी का 70% हिस्सा रोजाना एक रुपये दान करे, तो यह राशि एक दिन में 100 करोड़, 30 दिनों में 3000 करोड़ और एक साल में 36,000 करोड़ रुपये हो जाएगी, जो पाकिस्तान के वार्षिक रक्षा बजट से भी ज्यादा है। पोस्ट में कैनरा बैंक के खाते का विवरण भी दिया गया है। पोस्ट में लोगों से इस संदेश को ज्यादा से ज्यादा शेयर करने की अपील की गई है, जिसमें “जय हिंद” और “वंदे मातरम” जैसे नारे भी जोड़े गए हैं।
आखिर क्या है इस दावे की हकीकत
वायरल दावे की सत्यता की जांच के दौरान भारतीय सेना के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर 2 सितंबर 2016 का एक ट्वीट मिला, जिसमें स्पष्ट किया गया कि वायरल बैंक खाता “आर्मी वेलफेयर फंड बैटल कैजुअल्टी” का है। यह खाता सरकार ने युद्ध में घायल या शहीद सैनिकों के परिवारों की सहायता के लिए बनाया था। इसके अलावा, 17 अक्टूबर 2016 की एक सरकारी प्रेस रिलीज में भी इस बैंक खाते की पुष्टि की गई थी। यह खाता हाल में नहीं, बल्कि कई साल पहले खोला गया था। यह अकाउंट किसी हथियार खरीद वगैरह के उद्देश्य से नहीं खोला गया था।
बता दें कि सिंडिकेट बैंक और केनरा बैंक का विलय हो गया है और अब वे एक ही इकाई हैं। यह विलय 1 अप्रैल, 2020 को प्रभावी हुआ, जब सिंडिकेट बैंक केनरा बैंक की एक शाखा बन गया। आर्मी के ट्वीट में इसीलिए बैंक का नाम सिंडिकेट बैंक लिखा है।
पूरी तरह भ्रामक है वायरल दावा
इस तरह देखा जाए तो वायरल दावा पूरी तरह से भ्रामक है। यह पोस्ट लंबे समय से सोशल मीडिया पर अलग-अलग दावों के साथ वायरल हो रही है। पहले भी ऐसे दावों का खंडन किया गया है। यह बैंक खाता हाल में नहीं, बल्कि कई साल पहले सरकार द्वारा सैनिकों के परिवारों की मदद के लिए खोला गया था। इसका अक्षय कुमार या किसी हालिया सरकारी निर्णय से कोई लेना-देना नहीं है। लोगों से अपील है कि ऐसी भ्रामक जानकारी पर विश्वास न करें और इसे शेयर करने से पहले इसकी सत्यता जांच लें। सेना की मदद के लिए केवल आधिकारिक चैनलों का उपयोग करें।
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