Source :- NEWS18
Last Updated:May 19, 2025, 19:10 IST
कोरोना की नई लहर चीन, सिंगापुर, हॉन्गकॉन्ग और थाइलैंड में उभरी है. सिंगापुर में सबसे ज्यादा मामले हैं. नए Omicron सबवेरिएंट्स JN.1 और LF7 इसके कारण हैं. मुंबई में 2 मरीजों की मौत हुई है और एक्ट्रेस शिल्पा …और पढ़ें
प्रसिद्ध एक्ट्रेस शिल्पा शिरोड़कर को भी कोविड हो गया है.
हाइलाइट्स
- कोविड-19 की नई लहर एशियाई देशों में उभरी है.
- मुंबई में 2 कोविड पॉजिटिव मरीजों की मौत हुई है.
- JN.1 और LF7 वेरिएंट्स से संक्रमण बढ़ा है.
जिस कोरोना ने पूरी दुनिया को घरों में बंद रहने को मजबूर कर दिया था, वही कोविड-19 एक बार फिर लौट गया है. चीन, सिंगापुर, हॉन्गकॉन्ग और थाइलैंड जैसे एशियाई देशों में कोविड-19 की एक नई लहर उभरी है. कोरोना के फैलते इस असर से दुनिया भर में चिंता बढ़ गई है. सिंगापुर में इसके अभी तक सबसे ज्यादा मामले आए हैं. वहीं मुंबई के केईएम अस्पताल में कोविड पॉजिटिव 2 मरीजों की मौत हो चुकी है. प्रसिद्ध एक्ट्रेस शिल्पा शिरोड़कर को भी कोविड हो गया है. कोविड-19 के मामलों में आ रही इस उछाल का मुख्य कारण नए Omicron सबवेरिएंट्स, जैसे JN.1 और इसके संबंधित वेरिएंट LF7 को इसकी वजह माना जा रहा है.
सिंगापुर में, मई 2025 की शुरुआत में ही इस संक्रमण से ग्रसित मरीजों की संख्या तेजी से बढ़कर 14,000 से अधिक हो गए. जबकि अप्रैल के अंतिम सप्ताह में यह संख्या 11,100 थी. अस्पताल में भर्ती होने वालों की संख्या भी बढ़ी है, लेकिन ICU मामलों में थोड़ी कमी आई है. अधिकारियों का कहना है कि वर्तमान वेरिएंट्स पहले के मुकाबले अधिक संक्रामक या गंभीर नहीं हैं. इस वृद्धि का कारण घटती इम्यूनिटी हो सकता है. वर्तमान में LF.7 और NB.1.8 वेरिएंट्स प्रमुख हैं, जो JN.1 के वेरिएंट्स हैं.
क्या है ये JN.1 स्ट्रेन
JN.1, Omicron BA.2.86 वंशज है, जिसे अगस्त 2023 में पहचाना गया था. दिसंबर 2023 में इसे WHO द्वारा ‘वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट’ के रूप में क्लासिफाइड किया गया था. इस वैरिएंट में लगभग 30 म्यूटेशन होते हैं जो इम्यूनिटी से बचने के लिए होते हैं, जो उस समय के अन्य वैरिएंट्स से अधिक थे. हालांकि, BA.2.86 2023 के अंत में SARS-CoV-2 के प्रचलित स्ट्रेन के रूप में नहीं उभरा. JN.1, BA.2.86 का वंशज, अब एक या दो अतिरिक्त म्यूटेशन्स के कारण अधिक प्रभावी रूप से फैलने में सक्षम है. जबकि यह अपने पूर्वज की तरह ही इम्यूनिटी से बचने की विशेषता बनाए रखता है. जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी का कहना है कि JN.1 अब अधिक प्रभावी तरीके से फैलने के लिए विकसित हो गया है. सिंगापुर में कोविड-19 वायरस सीवेज के पानी में पाया गया है. हालांकि अभी तक ये जानकारी सामने नहीं आई है कि क्या ये नया वेरिएंट पहले के मुकाबले तेजी से फैलने वाला है या नहीं.
JN.1 वैरिएंट WHO के सभी चार क्षेत्रों में महामारी सप्ताह 12 के दौरान सबसे सामान्य SARS-CoV-2 वैरिएंट बना रहा, जिसमें पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र (WPR) में 93.9%, दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र (SEAR) में 85.7%, यूरोपीय क्षेत्र (EUR) में 94.7% और अमेरिका क्षेत्र (AMR) में 93.2% का शेयर था.
क्या मौजूदा COVID-19 वैक्सीन्स JN.1 स्ट्रेन पर काम करेंगी?
कई अध्ययनों से यह संकेत मिलता है कि JN.1 वैरिएंट के लिए शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को निष्क्रिय करना कठिन है. जीवित वायरस और लैब-निर्मित प्स्योडो-वायरस के बारे में किए गए शोध से यह पता चला है कि वैक्सीनेशन या पहले संक्रमण से प्राप्त एंटीबॉडीज JN.1 को पहले के वैरिएंट्स की तुलना में कम प्रभावी तरीके से अवरुद्ध करती हैं. इसका मतलब है कि JN.1 शरीर की मौजूदा प्रतिरक्षा रक्षा से आंशिक रूप से बच सकता है. WHO ने कहा कि XBB.1.5 मोनोवालेंट बूस्टर, जो विशेष रूप से Omicron के XBB.1.5 उपवैरिएंट को लक्षित करने के लिए डिज़ाइन किया गया COVID-19 वैक्सीन, ने कई अध्ययनों में JN.1 वैरिएंट के खिलाफ सुरक्षा बढ़ाने में प्रभावी पाया गया है.
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दीपिका शर्मा पिछले 5 सालों से News18 Hindi में काम कर रही हैं. News Editor के पद पर रहते हुए Entertainment सेक्शन को 4 सालों तक लीड करने के साथ अब Lifestyle, Astrology और Dharma की टीम को लीड कर रही हैं. पत्र…और पढ़ें
दीपिका शर्मा पिछले 5 सालों से News18 Hindi में काम कर रही हैं. News Editor के पद पर रहते हुए Entertainment सेक्शन को 4 सालों तक लीड करने के साथ अब Lifestyle, Astrology और Dharma की टीम को लीड कर रही हैं. पत्र… और पढ़ें
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