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सीरिया में तानाशाह बशर अल-असद के तख्तापलट के बाद से देश में हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं। भले ही सीरियाई लोगों में तानाशाह असद के जाने की खुशी है, लेकिन सीरिया पर संकट है। सिर्फ एक नहीं दो-दो टेंशन हैं। असद के जाने के बाद सुन्नी बहुल राष्ट्र तुर्की सीरिया पर हुकूमत का ख्वाब देख रहा है। तुर्की ने इसके लिए सीरिया की नई अंतरिम सरकार हयात तहरीर अल-शाम (विद्रोही गुट) को साधना शुरू कर दिया है।

रविवार को दमिश्क में सीरिया के सुप्रीम लीडर अहमद अल-शरा से तुर्की के विदेश मंत्री ने मुलाकात की। ईरान तुर्की पर विद्रोही गुटों को हथियार सप्लाई करने और असद सरकार का तख्तापलट में मदद का आरोप मढ़ चुका है। उधर, इजरायल भी सीरिया के लगभग एक प्रांत पर कब्जा कर चुका है। असद के रूस भागने के बाद से इजरायली सेना ने सीरिया पर 800 से ज्यादा हवाई हमले किए हैं।

तुर्की के विदेश मंत्रालय ने कहा कि तुर्की के विदेश मंत्री हकान फिदान ने रविवार को दमिश्क में सीरिया के वास्तविक नेता अहमद अल-शरा (अबू मोहम्मद अल-गोलानी) से मुलाकात की। हालांकि, इस बारे में अधिक जानकारी नहीं दी गई। मंत्रालय द्वारा साझा की गई तस्वीरों और फुटेज में फिदान और शरा को एक भीड़ भरे प्रतिनिधिमंडल के सामने चलते हुए दिखाया गया है। शरा इस्लामी समूह हयात तहरीर अल-शाम के नेता हैं, उन्होंने दो सप्ताह पहले बशर अल-असद को सत्ता से बेदखल करने के लिए अभियान चलाया था। महज 11 दिन के युद्ध में असद सरकार की हार हुई और रूसी सेना की मदद से असद परिवार समेत देश से भागने में कामयाब रहे।

सीरिया से नजदीकी बढ़ा रहा तुर्की

तुर्की के राष्ट्रपति तैयप एर्दोगान ने कहा था कि तुर्की सीरिया के नए प्रशासन को नई संरचना देने और नए संविधान का मसौदा तैयार करने में मदद करेगा। उन्होंने कहा कि फिदान इस नई संरचना पर चर्चा करने के लिए दमिश्क पहुंचे हैं। तुर्की की एमआईटी खुफिया एजेंसी के प्रमुख इब्राहिम कालिन ने भी असद के पतन के चार दिन बाद 12 दिसंबर को दमिश्क का दौरा किया था।

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बता दें कि अंकारा ने कई सालों तक असद को हटाने के लिए विद्रोहियों का समर्थन किया था और 13 साल के गृहयुद्ध के बाद असद परिवार के क्रूर पांच दशक के शासन के अंत का स्वागत किया था। तुर्की लाखों सीरियाई प्रवासियों की भी मेजबानी करता है। उसे अब उम्मीद है कि असद शासन के पतन के बाद तुर्की में रह रहे लाखों सीरियाई अब घर लौटना शुरू कर देंगे। तुर्की ने सीरिया के पुनर्निर्माण में मदद करने की कसम खाई है।

इजरायल में भी बैचेनी

सीरिया में इस्लामिक संगठन की सत्ता पर कब्जा और तुर्की से नजदीकियों ने इजरायल की नींद उड़ा रखी है। जब से असद शासन का अंत हुआ है, इजरायली सेना ने सीरिया को दहलाना शुरू कर दिया है। इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने हाल ही में यह बयान देकर हमलों को सही ठहराया कि वे सीरिया से लगती इजरायली सीमावर्ती इलाकों की रक्षा के लिए ऐसा कर रहे हैं। नेतन्याहू ने बयान में गोलान हाइट्स पर भी इजरायली बस्तियों को दोगुना करने की बात कही। उन्होंने कहा कि हम आने वाले दिनों में गोलान हाइट्स पर अपनी बस्तियों की संख्या को बढ़ा रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार, इजरायली सेना का सीरिया के एक प्रांत पर कब्जा हो गया है। असद शासन की समाप्ति के बाद सीरिया में फैली अराजकता का इजरायल भी जमकर फायदा उठा रहा है।

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