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Reliance Industries: रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने सोलर पैनलों के निर्माण के लिए अपनी पहली यूनिट चालू कर दी है और बैटरी स्टोरेज प्रोडक्शन सुविधाओं का निर्माण करने की दिशा में आगे बढ़ रही है।

Reliance Industries: रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने सोलर पैनलों के निर्माण के लिए अपनी पहली यूनिट चालू कर दी है और बैटरी स्टोरेज प्रोडक्शन सुविधाओं का निर्माण करने की दिशा में आगे बढ़ रही है। कंपनी ने निवेशकों के समक्ष प्रस्तुति में यह जानकारी दी।रिलायंस ने 2021 में रिन्यूएबल एनर्जी, स्टोरेज और हाइड्रोजन को कवर करते हुए 10 अरब डॉलर की योजना का अनावरण किया था क्योंकि इसने 2035 तक शुद्ध शून्य कार्बन उत्सर्जन की स्थिति का अनुसरण कर रही है। बता दें कि कल रिलायंस के शेयर फोकस में रह सकते हैं। कंपनी के शेयर बीते शुक्रवार को 1,301 रुपये पर बंद हुए थे।
क्या है डिटेल
रिलायंस भारत का सबसे बड़ा समूह है, जो तेल और पेट्रोकेमिकल्स से लेकर दूरसंचार और खुदरा क्षेत्र तक में सक्रिय है। शुक्रवार को पिछले वित्त वर्ष (2024-25) की आय की घोषणा करते हुए एक निवेशक प्रस्तुति पोस्ट में रिलायंस ने कहा, “सौर पीवी मॉड्यूल की पहली लाइन चालू हो गई है।” उद्योगपति मुकेश अंबानी द्वारा संचालित यह कंपनी अदाणी समूह, टाटा, वारी एनर्जी और विक्रम सोलर जैसी कंपनियों में शामिल हो गई है जो सौर पीवी मॉड्यूल बनाती हैं।
सरकार ने जून, 2026 से सभी नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं को स्थानीय स्तर पर उत्पादित सेल से बने सौर पीवीजेड मॉड्यूल का उपयोग करने का आदेश दिया है, ताकि चीनी आयात पर निर्भरता कम की जा सके और घरेलू विनिर्माण क्षमताओं को बढ़ावा दिया जा सके। घरेलू सौर पैनल विनिर्माण भारत को 2030 तक 500 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता के अपने व्यापक लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करेगा। रिलायंस गुजरात के जामनगर में 5,000 एकड़ की जगह पर ‘गीगा फैक्ट्रियां’ बना रही है, जहां फोटोवोल्टिक (पीवी) मॉड्यूल, बैटरी, हाइड्रोजन इलेक्ट्रोलाइजर और ईंधन सेल का उत्पादन किया जाएगा।
पीवी मॉड्यूल को आमतौर पर सौर पैनल के रूप में जाना जाता है, जो फोटोवोल्टिक प्रभाव का उपयोग करके सूर्य के प्रकाश को सीधे बिजली में परिवर्तित करते हैं। रिलायंस के मुख्य वित्तीय अधिकारी (सीएफओ) वीसी वेंकटचारी ने निवेशक सम्मेलन में कहा कि प्रति वर्ष 10 गीगावाट की क्षमता ‘इस तरह से डिजायन की गई है कि हम इसे जल्दी से 20 गीगावाट तक बढ़ा सकते हैं।’ उन्होंने कहा कि रिलायंस 30 गीगावाट प्रति घंटे की बैटरी निर्माण पर भी ध्यान केंद्रित कर रही है।
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