Source :- LIVE HINDUSTAN
कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय से मंजूरी के बाद शेयर बाजारों में आधिकारिक तौर पर जोमैटो का नाम बदलकर इटर्नल लिमिटेड हो गया है। हालांकि, कंपनी के खाद्य वितरण व्यवसाय का ब्रांड नाम जोमैटो ही रहेगा। ऐप पर भी यही नाम कायम रहेगा।

ऑनलाइन फूड डिलीवर करने वाले प्लेटफॉर्म-जोमैटो (नया नाम इटर्नल) में उथल-पुथल की खबरों को कंपनी के सीईओ दीपिंदर गोयल ने बकवास बताया है। इसके साथ ही वर्क कल्चर और कर्मचारियों पर सख्ती की खबरों को भी खारिज कर दिया है। दरअसल, बीते कुछ दिनों से reddit.com पर एक पोस्ट वायरल है। इस पोस्ट में दावा किया गया है कि जोमैटो की मार्केट हिस्सेदारी कम हो रही है और ऐसे में कंपनी में टॉक्सिक माहौल हो गया है।
इस पोस्ट में आरोप लगाया गया है कि जोमैटो के कर्मचारियों को कंपनी के ही प्लेटफॉर्म से ऑर्डर करने के लिए मजबूर किया जा रहा है। इसके अलावा कर्मचारियों को स्विगी और जेप्टो जैसे अन्य प्लेटफॉर्म का उपयोग करने पर प्रतिबंध लगाया जा रहा है। इसे दीपिंदर गोयल ने अफवाह करार देते हुए पूरी तरह बकवास बताया।
क्या कहा दीपिंदर गोयल ने
दीपिंदर गोयल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा- हम बाजार में ना तो अपनी हिस्सेदारी खो रहे हैं, ना ही हम अपने कर्मचारियों को जोमैटो पर ऑर्डर करने के लिए मजबूर करेंगे। पसंद की स्वतंत्रता एक ऐसी चीज है जिसके लिए हम दृढ़ता से खड़े हैं। इसे स्पष्ट करना भी शर्मनाक है लेकिन ऐसा इसलिए कर रहा हूं क्योंकि कई लोगों ने चिंता के साथ मुझसे संपर्क किया है। आपकी चिंता के लिए धन्यवाद.. इसकी सराहना करता हूं।
क्या है अफवाह
reddit.com के यूजर ने एक पोस्ट में लिखा- लगता है कि जोमैटो में चीजें पटरी से उतर रही हैं। हाल ही में एक आंतरिक बैठक में, नेतृत्व ने स्वीकार किया कि हम जेप्टो कैफ और स्विगी के कारण बाजार में अपनी हिस्सेदारी का बड़ा हिस्सा खो रहे हैं। कंपनी में नए नियम लागू किए जा रहे हैं। इसके तहत कर्मचारियों को महीने में कम से कम सात बार जोमैटो से ऑर्डर करना होगा और हां, वे इसे ट्रैक करेंगे। कार्यालय में प्रतिस्पर्धियों से ऑर्डर करना पूरी तरह से प्रतिबंधित है।
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