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टाटा समूह की इस कंपनी ने जनवरी-मार्च 2025 तिमाही में अपने नेट प्रॉफिट में 24 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की, जो एक साल पहले की अवधि में 1,045.6 करोड़ रुपये के मुकाबले 1,306 करोड़ रुपये रहा।

Deepak Kumar लाइव हिन्दुस्तानSat, 24 May 2025 08:44 PM
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₹449 तक जा सकता है टाटा का यह शेयर, कंपनी का तगड़ा फ्यूचर प्लान

Tata Power share price: बीते शुक्रवार को टाटा ग्रुप की कंपनी टाटा पावर के शेयर में तेजी देखी गई। अब इस शेयर को लेकर एक्सपर्ट बुलिश नजर आ रहे हैं। मॉर्गन स्टेनली ने टाटा पावर पर अपना सकारात्मक दृष्टिकोण दोहराया है। इसके साथ ही ‘ओवरवेट’ रेटिंग बनाए रखी है और अपने टारगेट प्राइस को रिवाइज किया है।

शेयर का टारगेट प्राइस

मॉर्गन स्टेनली ने टाटा पावर के शेयर का टारगेट प्राइस 425 रुपये से बढ़ाकर 449 रुपये कर दिया है। बता दें कि टाटा पावर के शेयर की बात करें तो शुक्रवार को 1.61% बढ़कर 402 रुपये पर था। फरवरी 2025 में शेयर की कीमत 326.25 रुपये थी। यह शेयर के 52 हफ्ते का लो है। सितंबर 2024 में शेयर 494.85 रुपये पर था। यह शेयर के 52 हफ्ते का हाई है।

कैसे रहे मार्च तिमाही नतीजे

टाटा समूह की इस कंपनी ने जनवरी-मार्च 2025 तिमाही में अपने नेट प्रॉफिट में 24 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की, जो एक साल पहले की अवधि में 1,045.6 करोड़ रुपये के मुकाबले 1,306 करोड़ रुपये रहा। इसका राजस्व लगभग 8 प्रतिशत बढ़कर 17,096 करोड़ रुपये हो गया। कंपनी का एबिटा 39 प्रतिशत बढ़कर 3,245.4 करोड़ रुपये हो गया। इसका परिचालन मार्जिन 19 प्रतिशत रहा, जो पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में 14.7 प्रतिशत था।

कंपनी का प्लान

हाल ही में टाटा पावर के सीईओ प्रवीर सिन्हा ने कहा कि कंपनी वित्त वर्ष 2025-26 में 25,000 करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय की योजना बना रही है। इसके अलावा, कंपनी उत्तर प्रदेश में दो वितरण कंपनियों के लिए बोली लगाने की भी इच्छुक है। सिन्हा ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए कंपनी की पूंजीगत व्यय योजनाओं के बारे में पूछे जाने पर कहा- वित्त वर्ष 2025-26 के लिए पूंजीगत व्यय 25,000 करोड़ रुपये है।

इसमें से 50 प्रतिशत नवीकरणीय ऊर्जा, 20 प्रतिशत उत्पादन (पंप हाइड्रो सहित) और 30 प्रतिशत पारेषण और वितरण क्षेत्रों के लिए है। उन्होंने कहा कि कंपनी ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 20,000 करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय की योजना बनाई थी, लेकिन कुछ पारेषण और नवीकरणीय परियोजनाओं में देरी के कारण यह 16,000 करोड़ रुपये से कुछ अधिक रहा है।

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