Source :- LIVE HINDUSTAN
जर्मनी के फ्रैंकफर्ट से स्पेन के सेविले जा रही थी। विमान में 199 यात्री और 6 क्रू मेंबर्स सवार थे और अचानक विमान चला रहा पायलट बेहोश हो गया। करीब 10 मिनट तक विमान बिना पायलट के उड़ता रहा।

कल्पना कीजिए, आप 36000 फीट की ऊंचाई पर एक तेज़ी से उड़ते विमान में बैठे हैं और अचानक कॉकपिट में मौजूद इकलौता पायलट बेहोश हो जाए! ना कोई कंट्रोल, ना कोई इंसान… सिर्फ़ मशीन। जर्मनी से स्पेन जा रहे लुफ्थांसा के एक विमान में कुछ ऐसा ही हुआ, जिसका अब खुलासा हुआ है।
घटना एक साल पहले की है और कंपनी ने खुलासा अब किया है। शनिवार को कंपनी की तरफ से बताया गया कि 17 फरवरी 2024 को फ्रैंकफर्ट से सेविले जा रही लुफ्थांसा फ्लाइट LH-1790 में उस समय हड़कंप मच गया जब को-पायलट कॉकपिट में अकेले थे और अचानक बेहोश हो गए। मुख्य पायलट उस वक्त वॉशरूम गए हुए थे। अगले 10 मिनट तक विमान पूरी तरह ऑटोपायलट पर आसमान में मंडराता रहा।
क्या हुआ था उस दिन?
एयरलाइंस की फ्लाइट LH-1790 जर्मनी के फ्रैंकफर्ट से स्पेन के सेविले जा रही थी। एयरबस A321 विमान में 199 यात्री और 6 क्रू मेंबर्स सवार थे। उड़ान के दौरान मुख्य पायलट वॉशरूम गए हुए थे, तभी को-पायलट अचानक बेहोश हो गए। उस समय विमान पूरी तरह ऑटोपायलट मोड पर चला गया और करीब 10 मिनट तक बिना किसी नियंत्रण के उड़ता रहा।
कैसे खुला कॉकपिट का दरवाजा?
पायलट ने सामान्य तरीके से कॉकपिट का दरवाजा खोलने की 5 बार कोशिश की, लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। फिर एयर होस्टेस ने इंटरकॉम से संपर्क साधने की कोशिश की, लेकिन कोई संपर्क नहीं हो पाया। अंत में, कैप्टन ने आपातकालीन कोड डाला, जिससे दरवाज़ा ऑटोमैटिकली खुलने वाला था… लेकिन उससे ठीक पहले बेहोश को-पायलट ने किसी तरह अंदर से दरवाज़ा खोल दिया।
बड़ी दुर्घटना को टालते हुए पायलट ने तुरंत फ्लाइट को मैड्रिड में आपातकालीन लैंडिंग के लिए मोड़ दिया। वहाँ को-पायलट को अस्पताल ले जाया गया। लुफ्थांसा ने घटना की पुष्टि की है और कहा है कि उन्होंने अपनी फ्लाइट सेफ्टी टीम से भी आंतरिक जांच करवाई है। हालांकि जांच की विस्तृत जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई है।
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