Source :- NEWS18
Last Updated:May 24, 2025, 09:19 IST
सिनेमा की दुनिया में बहुत सफल रही एक एकट्रेस को अपनी निजी जिंदगी में बड़े दुखों का सामना करना पड़ा. उनकी जिंदगी में एक समय ऐसा भी आया जब उन्होंने अपनी ही बेटी की मौत के लिए भगवान से प्रार्थना की. उनके पारिवारिक…और पढ़ें
फिल्मों में काम करने वाले कई लोग अपनी निजी जिंदगी को छुपाकर रखना चाहते हैं. लेकिन कई बार ऐसा मुमकिन नहीं होता. एक वक्त की सुपरहिट एक्टर मौसमी चटर्जी की जिंदगी में भी कुछ ऐसा ही हुआ. फिल्मों में जबरदस्त कामयाबी पाने वाली मौसमी को अपने पारिवारिक जीवन में बहुत दुखों का सामना करना पड़ा. एक समय ऐसा भी आया जब उन्होंने भगवान से अपनी बेटी की मौत के लिए दुआ की.

मौसमी चटर्जी ने 1970 में बॉलीवुड में कदम रखा और कम वक्त में लोगों के दिलों में जगह बना ली. उन्होंने अमिताभ बच्चन, जीतेंद्र, विनोद मेहरा जैसे बड़े एक्टर्स के साथ काम किया. मनोज कुमार के साथ ‘रोटी कपड़ा और मकान’, विनोद मेहरा के साथ ‘अनुराग’, अमिताभ के साथ ‘बेनाम’ और ‘मंजिल’ जैसी फिल्मों में उनकी एक्टिंग को खूब सराहा गया. मौसमी ने सिर्फ 10 साल की उम्र में बंगाली फिल्म ‘बालिका वधू’ से अपने करियर की शुरुआत की थी.

15 साल की उम्र में मौसमी ने जयंत मुखर्जी से शादी कर ली थी. उस समय वो 10वीं क्लास में पढ़ती थीं. हालांकि शादी के बाद भी उन्होंने एक्टिंग नहीं छोड़ी. 17 साल की उम्र में वो मां बन गईं और फिर 8 साल बाद दूसरी बेटी को जन्म दिया. उनकी बड़ी बेटी का नाम पायल और छोटी बेटी का नाम मेघा है.

मौसमी की बड़ी बेटी पायल ने एक बिजनेसमैन से शादी की थी. साल 2018 में मौसमी ने कोर्ट में अपनी बेटी की कस्टडी के लिए केस दायर किया. तब पता चला कि पायल कई सालों से टाइप-1 डायबिटीज से पीड़ित थी और लगभग 3 साल से कोमा में थी.

मौसमी ने अपने दामाद पर बेटी से न मिलने देने का आरोप लगाया था.उन्होंने कहा कि वो अपनी बेटी का दर्द नहीं देख पा रही थीं और उन्होंने भगवान से उसकी शांत मौत के लिए प्रार्थना की. उन्होंने कहा, “मेरी बेटी बहुत प्यारी थी, लेकिन जो दर्द उसने सहा, वो असहनीय था.”

2019 में पायल का निधन हो गया. लेकिन मौसमी अपनी बेटी को आखिरी बार भी नहीं देख पाईं. उनके और दामाद के बीच रिश्ते इतने खराब हो गए थे कि मौसमी को अंतिम संस्कार में भी शामिल नहीं होने दिया गया.

मौसमी ने अपने दामाद और उनके परिवार पर आरोप लगाया कि उन्होंने पायल के मेडिकल बिल तक नहीं भरे. इसके चलते पायल का शव लंबे समय तक शवगृह में रखा गया. मौसमी ने अपनी बेटी का अंतिम संस्कार करवाने के लिए काफी संघर्ष किया. उन्होंने कहा कि आज भी उनका परिवार इस दुख से पूरी तरह बाहर नहीं निकल पाया है.

बेटी के चले जाने के बाद से मौसमी की जिंदगी पूरी तरह बदल गई. इस सदमे का उनकी पर्सनल लाइफ के साथ ही उनकी प्रोफेशनल लाइफ पर भी काफी असर पड़ा.
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