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टी-सीरीज के मालिक गुलशन कुमार की हत्या की खबर ने उस दौर में सभी को हैरान कर दिया था। लेकिन अब 28 साल बाद खबर सामने आ रही है कि गुलशन कुमारी की हत्या की प्लानिंग डेढ़ साल पहले हो चुकी थी।
टी-सीरीज के मालिक गुलशन कुमार की हत्या 90 के दशक की सबसे हैरान करने वाली घटनाओं में से एक थी। अगस्त 1997 में मुंबई के जोगेश्वरी स्थित जितेश्वर महादेव मंदिर के बाहर दिनदहाड़े उन्हें गोलियों से भून दिया गया था। मंदिर जाना उनकी रोज के रुटीन का हिस्सा था। हमले में गुलशन कुमार को 16 गोलियां लगी थीं और इस घटना ने पूरे फिल्म और म्यूज़िक इंडस्ट्री को हिला कर रख दिया था। गुलशन कुमार की हत्या के 28 साल बाद जानकारी सामने आई है।
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आईपीएस अधिकारी ने दी जानकारी
अब इस मामले को लेकर 1993 मुंबई ब्लास्ट्स की जांच में अहम भूमिका निभा चुके पूर्व आईपीएस अधिकारी राकेश मारिया ने हैरान करने वाली बात बताई है। यूट्यूबर और पॉडकास्टर राज शमानी से बातचीत में राकेश मारिया ने बताया कि गुलशन कुमार की हत्या से करीब डेढ़ साल पहले ही उन्हें अंडरवर्ल्ड के निशाने पर होने की जानकारी मिल चुकी थी। उन्होंने बताया कि अप्रैल 1996 की एक रात करीब 3 बजे उनके लैंडलाइन फोन पर कॉल आई थी। फोन करने वाले ने कहा था ‘गुलशन कुमार का विकेट लगने वाला है।’ मारिया के मुताबिक, कॉलर ने यह भी बताया कि अंडरवर्ल्ड डॉन अबू सलेम, उस शिव मंदिर के बाहर गुलशन कुमार की हत्या की साजिश रच रहा है जहां उन्हें रोज सुबह भगवान की पूजा के लिए देखा जाता था।
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गुलशन कुमार को दी गई थी सुरक्षा
राकेश मारिया ने बताया कि गुलशन कुमार की हत्या की प्लानिंग की जानकारी मिलने के बाद उन्होंने फिल्ममेकर महेश भट्ट से बात की थी। मारिया ने महेश भट्ट से कहा कि वे गुलशन कुमार को उस दिन घर से बाहर न निकलने की सलाह दें। इसके साथ ही उन्होंने मुंबई क्राइम ब्रांच को भी अलर्ट किया और गुलशन कुमार की सुरक्षा का इंतज़ाम कराया गया। राकेश मारिया के अनुसार, शुरुआती चेतावनी के बाद काफी समय तक कुछ नहीं हुआ, जिससे खतरे का अहसास धीरे-धीरे कम होता चला गया। बाद में जब उन्हें गुलशन कुमार की हत्या की खबर मिली तो वह खुद भी हैरान रह गए। मारिया ने कहा कि उन्हें लगा था कि गुलशन कुमार के पास सुरक्षा व्यवस्था मौजूद है।
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गोली मरकर की गई थी हत्या
उन्होंने बताया कि नोएडा में कैसेट फैक्ट्री की वजह से गुलशन कुमार को वहां अच्छी सुरक्षा मिली हुई थी, लेकिन समय बीतने के साथ सुरक्षा में ढिलाई आ गई। एक त्योहार के दौरान कई सुरक्षाकर्मी छुट्टी पर चले गए और उसी दौरान गुलशन कुमार बिना सुरक्षा के मंदिर पहुंचे, जहां उनकी गोलियों से भून कर हत्या कर दी गई।
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