Source :- KHABAR INDIATV
कैफी आजमी
बॉलीवुड के दिग्गज राइटर रहे कैफी आजमी ने आज ही के दिन साल 2002 में इस दुनिया को अलविदा कह दिया था। अपने क्रांतिकारी, विद्रोही और विरोधी स्वभाव के लिए पहचाने जाने वाले कैफी आजमी एक सच्चा मार्क्सिस्ट थे और पूरी जिंदगी अपने विचारों को बढ़ाने का प्रयास करते रहे। कैफी आजमी साहित्य की दुनिया का बड़ा नाम रहे हैं और 64 से ज्यादा फिल्मों में कई गाने भी लिखे हैं। कैफी आजमी के कई गाने लोगों के दिलों में उतरे और उनकी लेगेसी बनकर आज भी संगीत की दुनिया में सफर कर रहे हैं। कैफी आजमी हिंदी फिल्म उद्योग में एक बहुत प्रसिद्ध कवि-गीतकार थे। वे भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्य थे और उन्होंने अपना जीवन मार्क्स के विचारों को बढ़ावा देने के लिए समर्पित कर दिया। उनकी पहली गजल ‘इतना तो ज़िंदगी में किसी के ख़लल पड़े’ थी जिसे उन्होंने ग्यारह साल की उम्र में लिखा था। उनके पिता ने उन्हें गजल लिखने के लिए एक परीक्षा दी।
11 साल की उम्र में ही लिख दी थी गजल
आज़मी ने भी चुनौती स्वीकार की और एक गजल पूरी की। 1942 में वे पूर्णकालिक मार्क्सवादी बन गए और 1943 में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की सदस्यता स्वीकार कर ली। वहां लखनऊ के अन्य प्रगतिशील लेखकों ने उनकी प्रशंसा की। वे प्रगतिशील लेखक आंदोलन के सदस्य बन गए। चौबीस साल की उम्र में उन्होंने कानपुर के कपड़ा मिल क्षेत्रों में काम करना शुरू कर दिया और बाद में पूर्णकालिक कार्यकर्ता बन गए। वे मुंबई चले गए और श्रमिकों के बीच काम किया और पार्टी के लिए भी काम किया।
1960 के दशक में किया कमाल
एफपीजे शॉर्ट्स 1960 के दशक में जब सीपीआई और सीपीएम का विभाजन हुआ, तब उन्होंने आवारा सजदे (आवारा प्रणाम) लिखा। उनकी शादी अभिनेत्री शौकत आज़मी से हुई और उनके दो बच्चे हुए, अभिनेत्री शबाना आज़मी और सिनेमेटोग्राफर बाबा आज़मी। 1975 में उन्होंने एम.एस. सथ्यू की फिल्म गर्म हवा में पटकथा और संवाद के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार और फिल्मफेयर पुरस्कार जीता। वे मिजवान में अपने घर लौट आए और वहां इसे एक आदर्श गांव बनाने के लिए काम किया। यूपी सरकार ने मिजवान की ओर जाने वाली सड़क के साथ-साथ सुल्तानपुर-फूलपुर राजमार्ग का नाम भी उनके नाम पर रखा। दिल्ली से आजमगढ़ जाने वाली एक ट्रेन का नाम भी उनके नाम पर कैफियत एक्सप्रेस रखा गया है।1993 में उन्होंने ग्रामीण भारत में लड़कियों और महिलाओं के लिए मिजवान वेलफेयर सोसाइटी की स्थापना की। कैफी आज़मी का 10 मई 2002 को 83 वर्ष की आयु में निधन हो गया।
SOURCE : KHABAR INDIATV