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How To Teach Discipline 9 Year Old Kids: बच्चे बड़े हो गए 9-10 साल वाली एज ग्रुप में पहुंच गए हैं तो उनकी पैरेंटिंग में इन दो चीजों को जरूर बदल दें।
बच्चे जब 9-10 साल की एज ग्रुप में पहुंचने लगते हैं। तो उनमे कई तरह के बदलाव होने शुरू हो जाते हैं। क्योंकि यहीं वक्त हैं जब वो बाहरी दुनिया को ज्यादा से ज्यादा एक्सप्लोर करने लगते हैं और घर की रोक-टोक उन्हें अच्छी नहीं लगती। अगर इस वक्त पर मां-बाप खुद में कुछ बदलाव नहीं लाते हैं तो बच्चे माता-पिता से दूर होने लगते हैं। बच्चों को सही राह और गाइडेंस देने के लिए इस उम्र में ही बच्चों को नहीं बल्कि पैरेंट्स को बदलने की जरूरत होती है। जानें कौन से वो दो बदलाव हैं जो मां-बाप को जरूर फॉलो करने चाहिए।
बच्चों को छोटी बात पर टोकना बंद कर दें
बच्चे जैसे ही 9 साल के करीब पहुंचने लगते हैं वो खुद को बड़ा मानने लगते हैं। जब वो सारे काम खुद से करना सीख जाते हैं तो समझते हैं कि वो बड़े हो गए। ऐसे वक्त में जरूरी है पैरेंट्स की सही गाइडेंस मिले। लेकिन सारे बच्चे पैरेंट्स की नहीं सुनते। ऐसे में माता-पिता को हर छोटी बात पर बच्चों को टोकने से बचना चाहिए। जैसे टाइम पर ब्रश करो, नहाओ, अपनी किताबें सही जगह रखों। इन सब चीजों को कहना छोड़ दें। तभी बड़े बदलावों को हैंडल कर पाएंगे।
रूल्स बनाते वक्त बच्चे से जरूर पूछे
अभी तक आप अपने बच्चे के लिए खुद से सारे रूल्स और नियम बनाते आ रहे हैं। लेकिन बच्चे जब टीन एज ग्रुप की दहलीज पर होते हैं किसी भी रूल्स को उन पर थोपने से पहले उनकी राय जरूर लें। जैसे कि आप कितनी देर मोबाइल देखेंगे। इस तरह से सवाल करने से बच्चों को खुद के रूल्स सेट करने में एन्वॉल्वेमेंट महसूस होगी और वो बेहतर तरीके से टाइम मैनेज करना सीख जाएंगे।
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