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Constipation Related To Hormonal Imbalance: लगातार कब्ज की शिकायत रहती है तो समझें क्या हार्मोनल इंबैलेंस है इसकी वजह। जानें कब्ज और हार्मोंस इंबैलेंस होने की क्या है वजह और कैसे पाएं कब्ज से राहत।

Aparajita लाइव हिन्दुस्तानThu, 16 Jan 2025 03:13 PM
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कब्ज और हार्मोनल इंबैलेंस एक दूसरे से जुड़े हुए है। महिलाओं में हार्मोनल इंबैलेंस की समस्या बहुत कॉमन है। वहीं कब्ज की समस्या भी पुरुषों से ज्यादा महिलाओं में देखने को मिलती है। प्रेग्नेंसी के अलावा मेनोपॉज और 30 की उम्र में भी ज्यादातर महिलाएं कब्ज से जूझती रहती है। और लगातार ज्यादा लंबे टाइम तक कब्ज क्रॉनिक बन जाती है और फिर इसकी वजह से शरीर में हार्मोनल इंबैलेंस होने लगता है। जानें कैसे हार्मोनल इंबैलेंस और कब्ज की समस्या एक दूसरे से जुड़ी हुई है।

क्या कब्ज और हार्मोनल इंबैलेंस एक दूसरे से जुड़े हुए हैं?

कब्ज और हार्मोनल इंबैलेंस पूरी तरह से एक दूसरे से जुड़े हुए इस बारे में ज्यादा रिसर्च नही हैं। लेकिन मेडिकल न्यूज टुडे के मुताबिक हाई एस्ट्रोजन लेवल डायरेक्ट या इनडायरेक्ट कब्ज का कारण होती है। दरअसल, एस्ट्रोजन गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक यानी जीआई को रेगुलेट करने में जरूरी रोल निभाता है। गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक डाइजेस्टिव सिस्टम का जरूरी पार्ट है जिसमे स्टमक और इंटेस्टाइन होती है और ये वेस्ट मैटेरियल को बॉडी से बाहर करने में हेल्प करती है। लेकिन कब्ज होने पर स्टूल पास होने में दिक्कत होती है और हाई एस्ट्रोजन लेवल जीआई ट्रैक को धीमा कर देता है। 2019 की स्टडी के मुताबिक एस्ट्रोजन और स्ट्रेस एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। जिससे ब्रेन और गट प्रभावित होती है।

हाई एस्ट्रोजन बनता है कब्ज का कारण

शरीर में हाई एस्ट्रोजन की मात्रा होने से कोलन मसल्स हार्ड हो जाती है और पेल्विक मसल्स कमजोर होने लगती है। जिससे जीआई ट्रैक की मदद से वेस्ट मैटेरियल को निकलने में समय लगता है। और कब्ज होने लगती है।

कैसे दूर हो कब्ज की समस्या

हार्मोनल इंबैलेंस की वजह से कब्ज की समस्या को दूर करने के लिए हार्मोंस को रेगुलेट करना जरूरी है। इसके लिए ये 3 चीजें हेल्प करेंगी।

प्रोबायोटिक्स फूड

प्रोबायोटिक्स फूड खाने से बाउल मूवमेंट को रेगुलर होने में मदद मिलती है। जिससे गुड बैक्टीरिया तेजी से बनते हैं और हार्मोंस को बैलेंस करने में मदद करते हैं।

हल्दी की ड्रिंक

हल्दी में मौजूद करक्यूमिन एक्टिव कम्पोनेंट हैं जो एंटी इंफेलेमेटरी का काम करता है। हल्दी की मदद से बाउल मूवमेंट के रास्ते में होने वाली इंफ्लेमेशन को दूर करने में मदद मिलती है।

ब्रोकली जैसी सब्जियां खाएं

कब्ज की समस्या दूर करना है और बाउल मूवमेंट को बढ़ाना है तो क्रूसिफेरस सब्जियों को खाएं। ब्रोकली, काले और फूलगोभी में कई ऐसे पोषक तत्व होते हैं जो एस्ट्रोजन के लोड को कम करते हैं। जिससे कब्ज की समस्या कम होती है।

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