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कोलकाता: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी महिला डॉक्टर से बलात्कार और हत्या के मामले में दोषी संजय रॉय को सियालदह की अदालत ने मरते दम तक आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनिर्बान दास ने इस सजा का ऐलान किया। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि यह मामला “रेयरेस्ट ऑफ रेयर” की श्रेणी में नहीं आता, इसलिए दोषी को फांसी की सजा नहीं दी गई।
इस फैसले के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने असंतोष जाहिर किया। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार शुरू से ही दोषी के लिए मौत की सजा की मांग कर रही थी। ममता ने पीटीआई से बातचीत में कहा, “हमने मामले की जांच में पूरी तरह सहयोग किया था। हालांकि, बाद में यह मामला सीबीआई को सौंप दिया गया। अगर यह जांच हमारे हाथ में रहती, तो दोषी को पहले ही मौत की सजा मिल चुकी होती। मैं कोर्ट के फैसले से संतुष्ट नहीं हूं और मानती हूं कि ऐसे अपराधियों को फांसी दी जानी चाहिए।”
अदालत के फैसले के बाद आरजी कर मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टरों ने सियालदह कोर्ट के बाहर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों ने सजा को नाकाफी बताते हुए कहा कि इस अपराध के लिए सख्त से सख्त सजा दी जानी चाहिए थी। एक प्रदर्शनकारी जूनियर डॉक्टर ने कहा, “हम उम्मीद कर रहे थे कि अदालत दोषी को फांसी की सजा सुनाएगी। यह सजा अपराध की गंभीरता के हिसाब से पर्याप्त नहीं है। हम इस फैसले के खिलाफ ऊपरी अदालत का रुख करेंगे।”
गौरतलब है कि पिछले साल 9 अगस्त को आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी महिला डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या का यह दर्दनाक मामला सामने आया था। जांच के बाद अदालत ने संजय रॉय को दोषी करार दिया। अदालत ने यह भी कहा कि पीड़िता को न्याय दिलाने में जितना समय लगा, वह दुर्भाग्यपूर्ण है। इस मामले ने कोलकाता के मेडिकल समुदाय और आम जनता को झकझोर कर रख दिया है। डॉक्टरों और आम लोगों ने न्याय की मांग करते हुए प्रदर्शन जारी रखने का ऐलान किया है।
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